Wednesday 13th of August 2025

उत्तर प्रदेश विधानसभा में 'विजन 2047' पर ऐतिहासिक चर्चा, मंत्रियों ने प्रस्तुत किया विकसित यूपी का खाका

Reported by: Gyanendra Kumar Shukla, Editor, PTC News UP  |  Edited by: Mangala Tiwari  |  August 13th 2025 04:53 PM  |  Updated: August 13th 2025 04:53 PM

उत्तर प्रदेश विधानसभा में 'विजन 2047' पर ऐतिहासिक चर्चा, मंत्रियों ने प्रस्तुत किया विकसित यूपी का खाका

Lucknow: उत्तर प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के तीसरे दिन बुधवार को 'विकसित भारत, विकसित उत्तर प्रदेश' के विजन 2047 पर ऐतिहासिक चर्चा शुरू हुई। 24 घंटे तक चलने वाली चर्चा के दौरान सरकार के वरिष्ठ मंत्रियों ने प्रदेश की आर्थिक प्रगति, सामाजिक न्याय, पर्यावरण संरक्षण और बुनियादी ढांचे के विकास पर अपने विचार रखे। मंत्रियों ने 2047 तक उत्तर प्रदेश को देश का सबसे विकसित राज्य बनाने का संकल्प दोहराया, जिसमें जीरो पॉवर्टी, विश्वस्तरीय इन्फ्रास्ट्रक्चर और तकनीकी नवाचार जैसे लक्ष्य शामिल हैं।

उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि 2017 से पहले प्रदेश में इन्फ्रास्ट्रक्चर और कानून-व्यवस्था की स्थिति दयनीय थी। हत्या, डकैती, और बलात्कार जैसे अपराधों को सरकारी संरक्षण प्राप्त था। लेकिन अब उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक एक्सप्रेस-वे हैं, और 75 जिलों को फोर-लेन सड़कों से जोड़ा गया है। पहले केवल 5 जिलों में बिजली उपलब्ध थी, जबकि अब सभी क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति में सुधार हुआ है। 

उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश गेहूं, दुग्ध, और चीनी उत्पादन में देश में नंबर एक है। स्वास्थ्य सेवाओं में उल्लेखनीय प्रगति हुई है, जिसमें 80 मेडिकल कॉलेज, रायबरेली और गोरखपुर में एम्स, और 5,250 एमबीबीएस सीटें शामिल हैं। आयुष्मान भारत योजना के तहत साढ़े पांच करोड़ कार्ड बनाए गए हैं। मच्छर जनित रोगों पर नियंत्रण पा लिया गया है और 2047 तक टीबी, मलेरिया और जल जनित रोगों का पूर्ण उन्मूलन करने का लक्ष्य है। 

हर मंडल में सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल और ट्रॉमा सेंटर स्थापित किए जाएंगे। डायबिटीज, हाइपरटेंशन, और कैंसर जैसे रोगों पर प्रभावी नियंत्रण के लिए रोग निगरानी और रोकथाम प्रणाली विकसित की जाएगी। जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न स्वास्थ्य जोखिमों के प्रति भी सजगता बरती जाएगी।

कर चोरी रोकने के लिए एआई और अन्य प्रौद्योगिकियों का उपयोग किया जाएगा : वित्त मंत्री सुरेश खन्ना

वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने विधानसभा में बताया कि पिछले आठ वर्षों में उत्तर प्रदेश ने आर्थिक क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति की है। राज्य की सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) 29.87 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच चुकी है और चालू वित्तीय वर्ष में इसे 35 लाख करोड़ रुपये तक ले जाने का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि 40 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, जिनमें पूर्वांचल और बुंदेलखंड जैसे क्षेत्रों में उद्योग स्थापित हो रहे हैं। 

खन्ना ने 2047 तक उत्तर प्रदेश को देश का सबसे विकसित राज्य बनाने का लक्ष्य रखा। इसके लिए जीरो पॉवर्टी, सबसे पसंदीदा निवेश गंतव्य, विश्वस्तरीय इन्फ्रास्ट्रक्चर, स्पेस टेक्नोलॉजी और आईटी हब स्थापित करने की योजना है। ग्रामीण क्षेत्रों में कुटीर उद्योगों को बढ़ावा दिया जाएगा, और पर्यावरण संरक्षण के लिए 242 करोड़ पेड़ लगाए जा चुके हैं। नदियों के चैनलाइजेशन, सौर ऊर्जा पर शोध, और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर स्थायी सुरक्षा को मजबूत करने की योजनाएं भी प्रस्तुत की गईं। 

कृषि क्षेत्र में नवीनतम तकनीक और बेहतर बीजों के लिए शोध को बढ़ावा दिया जाएगा, ताकि किसानों को तकनीकी ज्ञान और अंतरराष्ट्रीय बाजार तक पहुंच मिल सके। कर चोरी रोकने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) और अन्य प्रौद्योगिकियों का उपयोग किया जाएगा। इसके अलावा, आधी आबादी को आत्मनिर्भर बनाने, बच्चों में कर्तव्य बोध और देशभक्ति की भावना को प्रबल करने और योग के माध्यम से निरोग जीवनशैली को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया।

प्रदेश में 8 मुख्य नदियां, 58 छोटी नदियां, और 15,225 किलोमीटर की नदी प्रणाली : कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह:

जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने डबल इंजन सरकार की उपलब्धियों को रेखांकित करते हुए कहा कि 2017 से पहले उत्तर प्रदेश को बीमारू राज्य कहा जाता था, जहां निवेशक और व्यापारी पलायन कर रहे थे। लेकिन अब प्रदेश ने राष्ट्रीय जल पुरस्कार प्राप्त किया है। उन्होंने जल शक्ति विभाग की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए बताया कि 76,527 किलोमीटर नहरों के माध्यम से 1 करोड़ 4 लाख हेक्टेयर भूमि को सिंचाई उपलब्ध कराई गई है। 

केन-बेतवा लिंक परियोजना शुरू हो चुकी है, जो बुंदेलखंड में सिंचाई के लिए महत्वपूर्ण है। प्रदेश में 8 मुख्य नदियां, 58 छोटी नदियां, और 15,225 किलोमीटर की नदी प्रणाली है। 523 तटबंधों के माध्यम से बाढ़ से सुरक्षा प्रदान की जाती है। सभी बांधों का आधुनिकीकरण, बाढ़ पूर्वानुमान प्रणाली को लागू करने और नदियों को प्रदूषण मुक्त करने की योजना है। नहरों के किनारे बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण भी किया जाएगा।

उत्तर प्रदेश को रामराज्य के वैभव तक पहुंचाने का है हमारा संकल्प : नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा:

नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री के विकसित भारत के संकल्प को साकार करने के लिए उत्तर प्रदेश तेजी से काम कर रहा है। उन्होंने 2017 से पहले की बिजली व्यवस्था की बदहाली का जिक्र करते हुए बताया कि गांवों में न खंभे थे, न तार, और बिजली बिलों में घोटाले होते थे। लेकिन अब प्रदेश में 32,000 मेगावाट की पीक डिमांड पूरी की जा रही है, जो 2012-17 के 13,000 मेगावाट से कहीं अधिक है। 

पिछले सात दशकों में केवल साढ़े आठ लाख किसानों को नलकूप दिए गए थे, जबकि वर्तमान सरकार ने बीते आठ साल में 15 लाख किसानों को नलकूप प्रदान किए हैं। 1.5 लाख मजरों का विद्युतीकरण किया गया है और 9,120 मेगावाट तापीय बिजली का उत्पादन हो रहा है। तीन साल में 29 लाख खंभे बदले गए और 38,000 ट्रांसफॉर्मरों का मासिक सुधार किया जा रहा है। स्मार्ट मीटर से बिजली संबंधी शिकायतें कम हुई हैं। सरकार सौर ऊर्जा को बढ़ावा दिया जाएगा। 

शर्मा ने कहा कि उत्तर प्रदेश की बिजली व्यवस्था को दुनिया की सर्वश्रेष्ठ बनाया जाएगा। नगरीय प्रबंधन में भी प्रगति हुई है, जिसमें लखनऊ को देश के तीन सबसे स्वच्छ शहरों में शामिल किया गया है। प्रदेश के 6 शहर देश के 20 स्वच्छ शहरों में हैं। 2047 तक बिजली और नगरीय व्यवस्थापन में उत्तर प्रदेश को रामराज्य के वैभव तक पहुंचाने का संकल्प लिया गया।

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