ब्यूरो: UP News: संभल जामा मस्जिद विवाद चर्चाओं में बना हुआ है। संभल में कोर्ट के आदेश के बाद सर्वे हुआ और जिले में हिंसा भी भड़की। वहीं अब यूपी के बदायूं का ही मामला कोर्ट में पहुंच गया है। बदायूं की जामा मस्जिद को लेकर हिंदू पक्ष की तरफ से दावा किया गया है कि यहां पहले नीलकंठ महादेव का मंदिर था। यह पूरा मामला फास्ट ट्रैक कोर्ट में चल रहा है।
सीनियर डिवीजन के सिविल जज अमित कुमार की कोर्ट ने इस मामले में मस्जिद इंतजामिया कमेटी के अधिवक्ता की बहस सुनने के बाद मामले की अगली सुनवाई को 3 दिसंबर को निर्धारित किया है।
यह पूरा मामला साल 2023 में सामने आया था। अखिल भारतीय हिंदू महासभा के प्रदेश संयोजक मुकेश पटेल ने दावा किया था कि जामा मस्जिद की जगह नीलकंठ महादेव मंदिर था। इस वजह से उन्होंने पूजा-अर्चना की अनुमति के लिए कोर्ट में याचिका दायर की थी। बता दें कि सरकारी पक्ष और पुरातत्व विभाग की रिपोर्ट के आधार पर केस में सरकार की तरफ से बहस पूरी हो चुकी है। वहीं पुरातत्व विभाग की रिपोर्ट कोर्ट में पेश हो चुकी है। साथ ही शाही जामा मस्जिद कमेटी की तरफ से भी बहस को पूरा कर लिया गया है।
बदायूं जामा मस्जिद के वकील असरार अहमद की तरफ से बताया गया कि मस्जिद करीब 850 साल पुरानी है और वहां मंदिर का कोई अस्तित्व नहीं है। उन्होंने बताया कि इस मामले में हिंदू महासभा ने जो याचिका दायर की है, उसका कोई अधिकार नहीं है। दूसरी तरफ हिंदू पक्ष की तरफ से दावा किया गया है कि हिंदू पक्ष ने कोर्ट में ठोस सबूत पेश किए हैं। वकील विवेक रेंडर का कहना है कि इस बात को लेकर फैसला होना है कि यह मामला सुनवाई योग्य है या नहीं।