Banarasi Paan Worth More Than Rs 1 crore: लोग रोजाना एक करोड़ रुपए से ज्यादा का 'बनारसी पान' खाते हैं
वाराणसी (उत्तर प्रदेश) : काशी धाम के लोगों को पान खाना बहुत पसंद है। लजीज व्यंजन खाकर 'पान' खाने की परंपरा शहर में कई दशक पहले शुरू हुई थी। शुभ अवसर हो, जन्मदिन हो या शादी समारोह, पान का सेवन वाराणसी की संस्कृति का एक अभिन्न अंग बन गया है। 'बनारसी पान' का क्रेज पूरे देश में जाना जाता है। यहां तक कि बॉलीवुड का हिट नंबर "खाके पान बनारस वाला...; वाराणसी के पान के पत्ते की लोकप्रियता के बारे में बहुत कुछ बताता है।
शहर निवासी हरीश मिश्रा ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा, "वाराणसी में करोड़ों लोग रोज पान खाते हैं। बनारस की आबादी करीब 40 लाख है, जिसमें 25 से 30 लाख लोग रोज पान खाते हैं। एक-एक पान का पत्ता चूना, कत्था और सुपारी की कीमत 5 रुपये है। एक मोटे हिसाब से पता चलता है कि वाराणसी में हर दिन 1 करोड़ रुपये से अधिक का 'पान' बिकता है।'
वाराणसी के 'पान' कारोबार के बारे में बताते हुए पान पत्ता व्यापारी संघ के महासचिव बबलू चौरसिया कहते हैं, ''शहर में 'पान' का कारोबार सबसे पुराना है। हर दिन बिक्री के लिए बाजार। लगभग तीन लाख पान के पत्ते हर दिन बिकते हैं।"
जब बाजार में मंदी होती है तो पान की एक टोकरी 150 रुपये से लेकर 300 रुपये तक बिकती है। लेकिन मांग बढ़ने पर ये पान 800 रुपये से 1000 रुपये प्रति टोकरी के हिसाब से बिकते हैं। जबकि कच्चे पान की कीमत कम होती है। चौरसिया ने कहा कि प्रसंस्कृत 'मगही पान' प्रति टोकरी महंगा है। वाराणसी में लगभग 10,000 लोग 'पान' के कारोबार से जुड़े हैं। 'पान दरीबा' 'पान' प्रेमियों की जरूरतों को पूरा करने वाला क्षेत्र का सबसे बड़ा बाजार है।