लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से एक सकारात्मक ‘गुड नयूज़’ सामने आई है। दरअसल यहां केजीएमयू के डॉक्टरों ने एक ऐसा कारनाम किया है, जिसकी ख़ूब चर्चा और तारीफ़ की जा रही है। असल में, हुआ यूं कि अमेठी के रहने वाले 14 वर्षीय शिवांश नामक बच्चे का दाहिना हाथ तेल निकालने की मशीन में फंस जाने के बाद बाजू से अलग होकर पूरी तरीक़े से कट गया था।
घटना के तुरंत बाद परिजन बच्चे को लेकर अमेठी के अस्पताल पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने तत्काल बच्चे के कटे हुए हाथ को बर्फ में लपेट दिया और परिजनों से बिना देरी किए लखनऊ के केजीएमयू अस्पताल जाने को कहा। इसके बाद आनन-फानन में परिजन बच्चे को लेकर केजीएमयू ट्रॉमा सेंटर पहुंचे, जहां इमरजेंसी में डॉक्टरों ने मरीज़ को अटेंड किया और फिर प्लास्टिक सर्जरी विभाग से संपर्क किया, फिर उपचार बिना देरी के शुरू कर दिया गया।
किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के प्रवक्ता डॉ. सुधीर कुमार ने बताया कि मरीज़ कंधे के नीचे से पूरी तरीक़े से अलग और कटे हुए हाथ के साथ केजीएमयू ट्रॉमा सेंटर आया था, जहां प्लास्टिक सर्जरी के डॉक्टरों की टीम ने बिना देर किए तुरंत कटे हुए हाथ की बारीक़ी से जांच करना शुरू कर दिया और फिर ज़रूरी जांचों के बाद मरीज़ को ऑपरेशन थिएटर में शिफ्ट कर दिया गया। यहां प्लास्टिक सर्जरी विभाग के हेड ऑफ डिपार्टमेंट डॉ. विजय कुमार की निगरानी और नेतृत्व में मरीज़ के हाथ की सफाई शुरू की गई और फिर उसके बाद रिप्लांटेशन की तैयारी की गई।
उन्होंने बताया कि रिप्लांटेशन की तैयारी से पूर्व मरीज़ को एनेस्थीसिया डिपार्टमेंट के डॉक्टरों की निगरानी में बेहोश किया गया और फिर माइक्रोवस्कुलर तकनीक के द्वारा एक मुश्किल ऑपरेशन को किया गया। डॉक्टर सुधीर ने बताया कि ऑपरेशन तकरीबन 8 घंटे तक चला और इस दौरान मरीज़ को 3 यूनिट ब्लड भी चढ़ाया गया क्योंकि हाथ कटने के बाद खून काफी बह चुका था, फिलहाल ऑपरेशन सफलतापूर्वक पूरा कर दिया गया है।वहीं, मरीज़ को ड्रेसिंग के साथ-साथ ज़रूरी दवाइयां और इंजेक्शन भी दिए गए। डॉक्टर सुधीर ने आगे बताया कि कटे हुए हाथ में अब ब्लड सरकुलेशन होने लगा है और इसी नाते मरीज़ को फिज़ियोथैरेपी भी दी गई है।
डॉक्टर सुधीर कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि अगर किसी हादसे में हाथ की उंगलियां या हाथ कट जाए तो तुरंत उसे साफ कपड़े से बांध लेना चाहिए और फिर बर्फ या ठंडे पानी में रख लेना चाहिए ताकि रिप्लांटेशन आसानी से किया जा सके।
डॉक्टर सुधीर बताते हैं के मुताबिक़ 6 से 8 घंटे के बीच अगर कटे हुए हाथ या उंगली को अस्पताल में लेकर लाया जाए, जहां रिप्लांटेशन की व्यवस्था है, उंगली और हाथ फिर से अच्छी तरीके से जुड़ जाते हैं और कोई दिक्क़त नहीं होती, क्योंकि 6 से 8 घंटे के बीच का जो समय होता है वह रिप्लांटेशन के लिए गोल्डन टाइम पीरियड होता है।
-PTC NEWS