मेघालय के 40 युवाओं का एक प्रतिनिधिमंडल, एनईएचयू के पांच कर्मचारियों के साथ गुरुवार को उत्तर प्रदेश के एक सांस्कृतिक आदान-प्रदान दौरे में भाग लेने के बाद शिलांग पहुंचा। एक बयान के अनुसार, इंटरकल्चरल एक्सचेंज टूर एक भारत श्रेष्ठ भारत मिशन के युवा संगम के तत्वावधान में भारत सरकार की एक पहल थी।
अपनी यात्रा के दौरान छात्रों ने कई ऐतिहासिक और शैक्षिक स्थलों जैसे कि इमामबाड़ा, रूमी गेट, उत्तर प्रदेश के राजभवन, क्लॉक टॉवर, कुकरैल रिजर्व फॉरेस्ट, सीएसआईआर-सीआईएमएपी लैब, साई एनसीओई परिसर, लखनऊ में गोमती रिवरफ्रंट पार्क और अयोध्या तथा बनारस के पवित्र शहर को देखा।
बनारस में अपने प्रवास के दौरान, छात्रों ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, दशावमेध घाट, काशीविश्वनाथ मंदिर और सारनाथ का दौरा किया। उनोने भगवान बुद्ध के ज्ञान के बाद पहले उपदेश के स्थल को देखा। छात्रों ने वाराणसी के प्राचीन शहर की सड़कों पर वाराणसी साड़ियों की खरीदारी का भी आनंद लिया।
इस बीच वापस लौटे युवाओं ने एक्सपोजर ट्रिप के लिए उत्तर प्रदेश जाने का अवसर प्रदान किए जाने पर प्रसन्नता व्यक्त की है। सेंट एंथोनी कॉलेज से अर्थशास्त्र की छात्रा इबनसारा खोंगजोह ने कहा कि वह उत्तर प्रदेश की अद्भुत यादों के साथ घर लौटी हैं।
उन्होंने कहा कहा कि यूपी की संस्कृति के बारे में जानना बाउट अच्छा था। उन्होंने कहा कि लखनऊ के लोग स्वभाव से बहुत अच्छे थे। एनईएचयू की एक अन्य छात्रा योवांका लिंगदोह ने मेघालय के युवाओं को उत्तर प्रदेश की संस्कृति के बारे में जानने का अवसर देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया।
युवा संगम योजना ने छात्रों को राजभवन के कामकाजी माहौल के बारे में जानने का अवसर दिया। अयोध्या और वाराणसी के दौरे से उन्हें उत्तर प्रदेश के लोगों की आस्था के बारे में पता चला जिसे देखकर काफी उत्साहित थे।
एनईएचयू से अंग्रेजी की छात्रा मैरीशा टी संगमा ने कहा कि यात्रा व्यस्त और थका देने वाली थी, यात्रा ने मुझे मेघालय और उत्तर प्रदेश दोनों से कई दोस्त बनाने का मौका दिया। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि इस यात्रा ने उन्हें संस्कृति और शैक्षिक अवसरों के बारे में जानने का अवसर दिया।