Saturday 24th of May 2025

यूपी पंचायत चुनाव की दस्तक, गांवों का होगा नया परिसीमन, जानिए कब होगा मतदान!

Reported by: Mangala Tiwari  |  Edited by: Mangala Tiwari  |  May 24th 2025 01:34 PM  |  Updated: May 24th 2025 01:34 PM

यूपी पंचायत चुनाव की दस्तक, गांवों का होगा नया परिसीमन, जानिए कब होगा मतदान!

Lucknow: उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तैयारियां तेजी से शुरू हो गई हैं। इसके तहत ग्राम पंचायतों और राजस्व ग्रामों के परिसीमन को अंतिम रूप देने के लिए शासन ने शासनादेश जारी कर दिया गया है। इस आदेश के अनुसार, पिछले पंचायत चुनाव (2021) के बाद कई ग्राम पंचायतें और राजस्व ग्राम नगर पंचायत, नगर पालिका परिषद या नगर निगम के दायरे में शामिल हो गए हैं, जिससे उनकी स्थिति में बदलाव आया है। इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए, शासन ने सभी जिलों से ग्राम पंचायतों और राजस्व ग्रामों के आंशिक पुनर्गठन के प्रस्ताव 5 जून तक मांगे हैं।

पंचायत चुनाव-2021 के बाद कई जिलों में नए नगर निकायों का गठन और उनके क्षेत्र विस्तार के कारण कई ग्राम पंचायतें शहरी क्षेत्रों का हिस्सा बन गई हैं। इससे कुछ ग्राम पंचायतों की जनसंख्या 1000 से कम हो गई है। शासनादेश में निर्देश दिया गया है कि शहरी क्षेत्र में शामिल हो चुकी ग्राम पंचायतों को समाप्त कर उनके शेष राजस्व ग्रामों को निकटतम ग्राम पंचायतों में शामिल किया जाए। साथ ही, पहले जारी अधिसूचनाओं में आवश्यक संशोधन किए जाएंगे।

पंचायत राज अधिनियम के तहत पुनर्गठन के नियम:

उत्तर प्रदेश पंचायत राज अधिनियम के अनुसार, 1000 की आबादी वाले ग्राम या ग्रामों के समूह को पंचायत क्षेत्र घोषित किया जा सकता है। पुनर्गठन प्रक्रिया में यह सुनिश्चित किया जाएगा कि यदि किसी ग्राम पंचायत का एक राजस्व ग्राम शहरी क्षेत्र में शामिल हो गया है और शेष एकमात्र राजस्व ग्राम ग्राम पंचायत का मानक पूरा नहीं करता, तो उसे निकटतम ग्राम पंचायत में मिला दिया जाएगा। वहीं, यदि कोई राजस्व ग्राम ग्राम पंचायत के मानक को पूरा करता है, तो उसे स्वतंत्र ग्राम पंचायत बनाया जा सकता है। इसके अलावा, यदि कोई एकल राजस्व ग्राम आधारित ग्राम पंचायत आंशिक रूप से प्रभावित है, लेकिन उसकी जनसंख्या 1000 या अधिक है, तो वह यथावत रहेगी।

पुनर्गठन के लिए जिला स्तरीय समिति का गठन:

शासन ने प्रत्येक जिले में ग्राम पंचायतों और राजस्व ग्रामों के पुनर्गठन के लिए चार सदस्यीय समिति गठित की है। इस समिति की अध्यक्षता जिलाधिकारी करेंगे, जबकि जिला पंचायत राज अधिकारी इसके सदस्य सचिव होंगे। मुख्य विकास अधिकारी और अपर मुख्य अधिकारी (जिला पंचायत) इसके अन्य सदस्य होंगे। समिति को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि नगर निकायों के गठन या सीमा विस्तार के बाद प्रभावित विकास खंडों की संशोधित अधिसूचना जारी हो चुकी हो।

पंचायत चुनाव तक नगर निकायों के गठन और विस्तार पर रोक:

पंचायत चुनाव-2026 तक प्रदेश में नगर पंचायत, नगर पालिका परिषद और नगर निगम के गठन या सीमा विस्तार पर रोक लगा दी गई है। प्रमुख सचिव (पंचायती राज) अनिल कुमार ने इस संबंध में नगर विकास विभाग को पत्र भेजकर यह निर्देश दिया है। पत्र में बताया गया कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव अप्रैल-मई 2026 में प्रस्तावित हैं। ग्राम पंचायतों, क्षेत्र पंचायतों और जिला पंचायतों का कार्यकाल क्रमशः 26 मई, 19 जुलाई और 11 जुलाई 2026 को समाप्त होगा। 

मतदाता सूची और परिसीमन की प्रक्रिया:

चुनाव से पहले मतदाता सूचियों का पुनरीक्षण प्रस्तावित है, जिसमें करीब छह महीने का समय लगेगा। शासन ने स्पष्ट किया है कि नगर निकायों के गठन या सीमा विस्तार से मतदाता सूची के पुनरीक्षण, ग्राम पंचायतों के परिसीमन, वार्ड निर्धारण, पिछड़ी जाति की जनसंख्या का आकलन और आरक्षण प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न हो सकती है। इसलिए, पंचायत चुनाव और ग्राम पंचायतों के पुनर्गठन तक नगर निकायों से संबंधित कार्य स्थगित रखने के निर्देश दिए गए हैं। 

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