Thursday 11th of September 2025

आयुष और योग के जरिए यूपी बनेगा हेल्थ टूरिज्म का हब

Reported by: Gyanendra Kumar Shukla, Editor, PTC News UP  |  Edited by: Mohd. Zuber Khan  |  June 28th 2025 07:24 PM  |  Updated: June 28th 2025 07:24 PM

आयुष और योग के जरिए यूपी बनेगा हेल्थ टूरिज्म का हब

लखनऊ : योग और आयुष मूल रूप से भारतीय जीवन पद्धति हैं। आज पूरी दुनियां इन दोनों के महत्व को स्वीकार कर रही है। 21 जून को विश्व के करीब 175 देशों में मनाया गया योग दिवस इसका सबूत है। चूंकि योग और आयुर्वेद एक दूसरे के पूरक हैं। इसलिए एक बढ़ेगा तो दूसरा भी उसके साथ बढ़ेगा।आंकड़े इसके प्रमाण हैं। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की घोषणा के बाद से योग करने वालों की संख्या 35% बढ़ी है। करीब 25 करोड़ लोग योग की ट्रेनिंग ले रहे हैं।इसकी वजह से योग और आयुर्वेद से जुड़े उत्पादों का कारोबार बढ़ रहा है। भारत में आयुर्वेद से जुड़े उत्पादों का कारोबार 12 हजार करोड़ रुपए तक पहुंच गया है। इसी तरह योग से जुड़े उत्पादों का कारोबार 480 अरब रुपए तक पहुंच चुका है। शीघ्र ही इसके 875 अरब तक पहुंचने की उम्मीद है। 

इन दोनों की वैश्विक लोकप्रियता का लाभ भारत को तो मिलेगा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की इन दोनों विषयों में निजी रुचि होने के कारण उम्मीद की जाती है कि यूपी को इसका सर्वाधिक लाभ होगा। भविष्य में उत्तर प्रदेश योग और आयुष के सहारे हेल्थ टूरिज्म का हब बनेगा।

इनकी संभावनाओं के मद्देनजर योगी सरकार ने इसकी तैयारियां पहले से शुरू कर दी थीं। इस क्रम में गोरखपुर में "महायोगी गुरु गोरखनाथ के नाम से बने प्रदेश के पहले आयुष विश्वविद्यालय का उद्घाटन 30 जून को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू करेंगी। 

उल्लेखनीय है कि इसका शिलान्यास तबके राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 21 अगस्त 2021 में किया था। उद्घाटन के बाद यह विश्वविद्यालय अपनी पूरी क्षमता से लोगों को आरोग्यता प्रदान करने लगेगा। इसमें नियमित कुलपति की नियुक्ति पहले ही हो चुकी है।  ओपीडी का संचालन भी हो रहा है। यह विश्वविद्यालय गोरखपुर के पिपरी (भटहट) में स्थित है। 

अयोध्या का आयुष और काशी का होम्योपैथिक कॉलेज भी शीघ्र चालू होगा

गोरखपुर के आयुष विश्वविद्यालय के अलावा अयोध्या में राजकीय आयुर्वेदिक और वाराणसी में राजकीय होम्योपैथिक कॉलेज भी शीघ्र संचालित होने लगेंगे। फिलहाल प्रदेश में इस समय 2110 आयुर्वेदिक, 254 यूनानी,1585 होम्योपैथिक चिकित्सालय हैं। इसके साथ आठ आयुर्वेदिक कॉलेज एवं इनसे संबद्ध चिकित्सालय, दो यूनानी कॉलेज और इनसे संबद्ध चिकित्सालय और 9 होम्योपैथिक कॉलेज उनसे संबद्ध चिकित्सालय और वेलनेस सेंटर भी हैं।

आयुष के बाबत मुख्यमंत्री की राय

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कई बार कह चुके हैं कि आयुष चिकित्सा पद्धति सिर्फ सम्पूर्ण आरोग्यता के लिए ही महत्वपूर्ण नहीं है बल्कि इस क्षेत्र में हेल्थ टूरिज्म से रोजगार की असीम संभावनाएं भी हैं। आयुष विश्वविद्यालय न केवल इस विधा के अन्य संस्थानों का नियंत्रण करेगा, बल्कि पाठ्यक्रमों में एकरुपता लाकर उसे और उपयोगी बनाएगा। इससे शिक्षा की गुणवत्ता तो सुधरेगी ही, संबंधित क्षेत्र में शोध और नवाचार को। योगी सरकार इलाज की इस विधा के प्रोत्साहन के लिए पहले ही आयुष बोर्ड का गठन कर चुकी है। 

यूपी को हेल्थ टूरिज्म का हब बनाने की भी मंशा जता चुके हैं योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समय समय पर योग और आयुर्वेद से होने वाले लाभ और इनके जरिए उत्तर प्रदेश को हेल्थ टूरिज्म का हब बनाने की मंशा भी जता चुके हैं। प्रयागराज महाकुंभ के सफलतम आयोजन के बाद 23 फरवरी को एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा  था, "धर्म के बाद उत्तर प्रदेश हेल्थ टूरिज्म में भी नंबर वन बनेगा। इसके लिए हमें अपने इलाज को प्राचीन विधाओं और दादी नानी के नुस्खों को संग्रहित करना होगा। क्योंकि निरोगी काया ही सबसे बड़ा सुख है।”

आयुष क्षेत्र की संभावनाएं

आयुष संभावनाओं का क्षेत्र है। बिना किसी दुष्प्रभाव के निरोग और रोग होने पर इलाज का यह एक परंपरागत एवं प्रभावी जरिया है। एक तरह से योग भी इसका हिस्सा है। योग सहित आयुर्वेद की वैश्विक स्तर पर बढ़ती लोकप्रियता इसके संभावनाओं को और बढ़ा रही है। हर किसी के लिए उपयोगी होने के कारण आज पूरी दुनिया अंतरराष्ट्रीय योग दिवस (21 जून) मनाती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा हर्बल उत्पादों को मान्यता देना भारत के लिए एक सुअवसर हो सकता है। आयुर्वेद की ये लोकप्रियता और वैश्विक स्वीकार्यता भारत के स्वदेशी ज्ञान और विरासत की संपन्नता का। भी प्रमाण है। योगी सरकार को पूरा भरोसा है कि आने वाले वर्षों में भी इस विधा के स्वीकार्यता और लोकप्रियता का यही सिलसिला जारी रहेगा। इस लिए सरकार का पूरा फोकस इस परंपरा को विज्ञान से जोड़ने का है। ताकि आयुर्वेद प्रदेश, देश और दुनिया को आरोग्य की राह दिखा सके। जब ऐसा होगा तब उत्तर प्रदेश इसका अग्रणी खिलाड़ी होगा। यही योगी सरकार की मंशा भी है। इसको केंद्र में रखकर इस विधा के प्रोत्साहन के लिए प्रयास भी किए जा रहे।

आयुष उत्पादों के वैश्विक बाजार में एक दशक में 15 गुने से अधिक की वृद्धि

आयुष का बढ़ता बाजार भी इसकी लोकप्रियता और स्वीकार्यता का प्रमाण है। आंकड़े इसके गवाह हैं। वर्ष 2014 में आयुष उत्पादों का वैश्विक बाजार 2.85 अरब अमेरिकी डॉलर का था, जो 2024 में बढ़कर 43.4 अरब डॉलर का हो गया। यह 10 साल में 15 गुना से अधिक की वृद्धि है। 100 से अधिक देशों में भारत के बने हर्बल उत्पाद निर्यात किए जाते हैं। वैश्विक महामारी कोविड 19 के बाद इसमें अभूतपूर्व विस्तार हुआ। माना जा रहा है कि शैक्षिक और आर्थिक स्तर के बढ़ने के साथ लोग सेहत के प्रति और जागरूक होंगे। इससे आयुष का क्रेज और कारोबार दोनों बढ़ेगा।

आयुष के कारोबार में अभूतपूर्व वृद्धि और योग की वैश्विक लोकप्रियता इस बात का सबूत है कि आने वाला समय इलाज की इसी प्राचीन विधा है। चूंकि उत्तर प्रदेश धन्वंतरि की धरती है। योग को क्रियात्मक स्वरूप देकर इसे हर किसी के लिए उपयोगी बनाने का श्रेय गुरु गोरक्षनाथ को जाता है। इसलिए उत्तर प्रदेश में इसकी संभावना और बढ़ जाती है।

आयुष संपन्न स्वदेशी ज्ञान और विरासत की संपन्नता का प्रमाण

आयुष की यह लोकप्रियता और स्वीकार्यता हमारे संपन्न स्वदेशी ज्ञान और विरासत की संपन्नता का भी प्रमाण है। यही क्रम जारी रहा तो परंपरा और विज्ञान के इस संगम के जरिये आयुष पूरी दुनिया को आरोग्यता की राह दिखा सकता है। भविष्य की इन्हीं व्यापक संभावनाओं के मद्देनजर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश को आयुष के लिहाज से देश में अग्रणी श्रेणी में लाना चाहते हैं। ऐसा होने पर उत्तर प्रदेश धार्मिक टूरिज्म के बाद हेल्थ और वेलनेस टूरिज्म का भी बड़ा बड़ा केंद्र बन जाएगा।

किसानों की खुशहाली और युवाओं के लिए रोजगार के खुलेंगे द्वार

आयुष के बढ़ते क्रेज और कारोबार से स्थानीय स्तर पर औषधीय खेती को प्रोत्साहन मिलेगा। इनके प्रसंस्करण के लिए स्थानीय स्तर पर कुटीर उद्योग लगेंगे। इनमें ग्रेडिंग,  प्रसंस्करण, पैकेजिंग, लोडिंग, अनलोडिंग और मार्केटिंग के लिए रोजी रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे। लोग आसपास उगने वाली जड़ी-बूटियों का संग्रह कर अतिरिक्त आय अर्जित कर सकेंगे। इसका सर्वाधिक लाभ स्थानीय किसानों और छोटे उद्यमियों को होगा।

योग और आयुर्वेद गोरक्षपीठ की परंपरा

उल्लेखनीय है कि योग और आयुर्वेद गोरक्षपीठ की परंपरा है। तन और मन के स्वास्थ्य के लिए पूरी दुनिया में स्वीकार्य योग को वर्तमान स्वरूप में लाने का श्रेय नाथपंथ के प्रवर्तक गुरु गोरखनाथ को जाता है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखपुर स्थित नाथपंथ का मुख्यालय माने जाने वाले इसी पीठ के पीठाधीश्वर भी हैं। यहां के मंदिर परिसर में उनके दादा गुरु ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ के नाम से बहुत पहले से आयुर्वेदिक केंद्र है। यहां नियमित योग का भी प्रशिक्षण दिया जाता है। साल में एक बार हफ्ते भर का विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम भी चलता है।

Latest News

PTC NETWORK
© 2025 PTC News Uttar Pradesh. All Rights Reserved.
Powered by PTC Network