गरीब बच्चों की पढ़ाई के लिए योगी सरकार का बड़ा फैसला, 'अभ्युदय योजना' के तहत मिलेगी इन्हें भी फ्री कोचिंग
ब्यूरो: UP News: उत्तर प्रदेश के वंचित और गरीब विद्यार्थियों की शिक्षा में सुधार के लिए प्रदेश की योगी सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। राजधानी लखनऊ स्थित अपने सरकारी आवास पर आयोजित समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य के महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों के शिक्षकों को अभ्युदय कार्यक्रम से जोड़ा जाना है।
समाज कल्याण विभाग के कार्यों की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार "अंत्योदय से सर्वोदय" की नीति के तहत बिना किसी भेदभाव के अनेक जन कल्याणकारी योजनाएं चला रही है। यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि हर योजना का लाभ सभी पात्र व्यक्तियों को मिले। शत-प्रतिशत संतृप्ति ही सरकार का लक्ष्य है। मुख्यमंत्री ने विभागीय कर्मचारियों को जन कल्याणकारी योजनाओं का प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिए, ताकि अधिक से अधिक वंचित व्यक्ति इनके बारे में जान सकें और इनका लाभ उठा सकें।
आदर्श ग्राम योजना के लिए करीब 10 हजार गांवों का चयन
सीएम योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री अनुसूचित जाति अभ्युदय योजना (पीएम अजय) के तहत संचालित "आदर्श ग्राम योजना" के तहत भारत सरकार द्वारा प्रदेश के 10,384 गांवों का चयन किया गया है। गांवों का चयन करते समय अनुसूचित जाति के नियंत्रण वाले गांवों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। इन समुदायों के विकास के लिए समाज कल्याण विभाग, ग्रामीण विकास और पंचायती राज विभाग जैसी अन्य विभागों के साथ समन्वय और सभी कार्यों को समय पर पूरा करना आवश्यक है।
सीएम योगी ने कहा कि राज्य के प्रतिभाशाली लेकिन गरीब बच्चों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराने के लिए लागू की गई "मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना" के पिछले वर्षों में सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। अधिक से अधिक विद्यार्थियों को इसका लाभ दिलाने के लिए इसे और अधिक प्रभावी ढंग से चलाया जाना चाहिए। राज्य में तैनात नए अधिकारियों और विश्वविद्यालय व महाविद्यालयों के प्रशिक्षकों को इन कोचिंग सेंटरों से संबद्ध किया जाना चाहिए। सीएम योगी ने छात्रावास की सुविधाओं का विस्तार करने के आदेश दिए। मुख्यमंत्री के अनुसार, अनुसूचित जातियों के लिए सरकारी छात्रावासों में अधिक सुविधाएँ होनी चाहिए। इनका बेहतर रखरखाव सुनिश्चित किया जाना चाहिए। छात्रों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। संबंधित मंत्री और अधिकारियों को इन छात्रावासों का नियमित निरीक्षण करना चाहिए। इन छात्रावासों में समय-समय पर विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए जाने चाहिए ताकि पढ़ाई का माहौल बेहतर हो सके।