Friday 25th of July 2025

जलालुद्दीन छांगुर हो या आगरा के ज़िहादी, सबका होगा पूरा हिसाब, योगी सरकार का 'सॉफ्ट टेरर' पर कड़ा वार!

Reported by: Gyanendra Kumar Shukla, Editor, PTC News UP  |  Edited by: Mangala Tiwari  |  July 24th 2025 04:50 PM  |  Updated: July 24th 2025 06:46 PM

जलालुद्दीन छांगुर हो या आगरा के ज़िहादी, सबका होगा पूरा हिसाब, योगी सरकार का 'सॉफ्ट टेरर' पर कड़ा वार!

Lucknow: उत्तर प्रदेश में हिन्दू बेटियों को निशाना बनाकर चलाए जा रहे सुनियोजित धर्मांतरण के नेटवर्क पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में कड़ा प्रहार शुरू हो गया है। हाल के दिनों में बलरामपुर, आगरा और प्रयागराज जैसे विभिन्न जिलों में सामने आई घटनाएं यह स्पष्ट संकेत देती हैं कि यह केवल छिटपुट आपराधिक प्रकरण नहीं, बल्कि एक गहरी, सुनियोजित और अंतरराष्ट्रीय साजिश है, जो भारत की सनातन संस्कृति और सामाजिक संरचना को भीतर से तोड़ने का षड्यंत्र रच रही है। योगी सरकार इसे ‘सॉफ्ट टेरर’ मानते हुए अब निर्णायक कार्रवाई की दिशा में बढ़ चुकी है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की स्पष्ट चेतावनी “सनातन धर्म के विरुद्ध किसी भी साजिश को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा” को चरितार्थ करते हुए राज्य पुलिस ने हाल के दिनों में बड़े धर्मांतरण गिरोहों का पर्दाफाश किया है। आगरा से लापता दो बहनों के रहस्यमयी मामले की जांच करते हुए पुलिस ने ऐसे नेटवर्क का भंडाफोड़ किया, जिसकी जड़ें छह राज्यों तक फैली थीं। तो बलरामपुर में जलालुद्दीन छांगुर के बहुराष्ट्रीय धर्मांतरण गिरोह की कहानियों ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है।

एटीएस अवैध वित्तपोषण से खरीदी गई बेनामी संपत्तियों का भी पता लगाएगी:

बलरामपुर की घटना में उत्तर प्रदेश आतंकवाद रोधी दस्ता ने धर्मांतरण गिरोह और अवैध वित्तपोषण के स्रोतों का पता लगाने के लिए जलालुद्दीन उर्फ छांगुर और उसकी सहयोगी नीतू उर्फ नसरीन की हिरासत ले ली है। एटीएस अवैध वित्तपोषण से खरीदी गई बेनामी संपत्तियों का भी पता लगाएगी। एटीएस ने 5 जुलाई को जलालुद्दीन और नसरीन को बलरामपुर में माधपुर गांव से गिरफ्तार किया था।

जलालुद्दीन उर्फ छांगुर और नीतू उर्फ नसरीन पर वित्तीय प्रोत्साहन, शादी के प्रस्ताव और दबाव बनाकर कमजोर तबके के लोगों को इस्लाम कबूल कराने का आरोप है. जलालुद्दीन पर 50,000 रुपये का इनाम घोषित था और उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट भी जारी किया गया था। दो अन्य आरोपियों, नवीन उर्फ जलालुद्दीन और महबूब (जलालुद्दीन के बेटे) को अप्रैल में गिरफ्तार किया गया था और वर्तमान में ये लखनऊ की जेल में बंद हैं। जलालुद्दीन उर्फ छांगुर और उसके सहयोगियों के अवैध अतिक्रमण पर बुलडोजर कार्रवाई की जा रही है। लगभग एक एकड़ क्षेत्र में फैले छांगुर और उसके सहयोगी नीतू की संपत्तियों पर प्रशासन ने नोटिस चस्पा किया था जिसमें अवैध अतिक्रमण को हटाने के लिए कहा गया था। छांगुर की कोठी करीब एक एकड़ भूभाग में बनी थी जिसमें 2 बिस्वा जमीन सरकारी थी जिस पर अवैध निर्माण किया गया था। इसी मामले में एक आरोपी रऊफ के खिलाफ पॉक्सो, एससी/एसटी एक्ट और धर्मांतरण विरोधी कानून के तहत कठोर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। यही नहीं, स्थानीय प्रशासन ने रऊफ के घर को अवैध निर्माण मानते हुए बुलडोजर कार्रवाई भी सुनिश्चित की है। यह सीएम योगी की उस नीति का हिस्सा है, जिसके तहत संगठित अपराधों में शामिल लोगों की अवैध कमाई से अर्जित संपत्तियों को ध्वस्त कर उन्हें आर्थिक और मनोवैज्ञानिक रूप से तोड़ा जा रहा है।

आगरा के मामले में पुलिस ने कुल 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया:

इसी तरह, आगरा के मामले में पुलिस ने कुल 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। ये गिरोह सुनियोजित तरीके से हिन्दू युवतियों को प्रेमजाल, प्रलोभन, भय, विवाह और बहकावे जैसे हथियारों के माध्यम से फँसाकर उनका जबरन धर्मांतरण कर रहा था। यही नहीं, इनके पास से ऐसे दस्तावेज बरामद हुए हैं जिनसे साफ संकेत मिलता है कि इनका संबंध अंतरराष्ट्रीय संगठनों से भी हो सकता है। एक आरोपी के पास से फिलीस्तीन का नक्शा और अरबी में छपे कट्टर इस्लामी विचारधारा वाले पोस्टर बरामद हुए हैं। साथ ही ईसाई मिशनरी से जुड़ा साहित्य भी मिला है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि यह नेटवर्क हिन्दू विरोधी एजेंडे के साथ सक्रिय था। अब तक की जानकारी के मुताबिक यह गिरोह केवल एक दो शहरों तक सीमित नहीं था। इसके नेटवर्क का विस्तार उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, महाराष्ट्र, दिल्ली, हरियाणा और पंजाब तक फैला हुआ था। आरोपी युवकों को बाकायदा प्रशिक्षित किया जाता था कि कैसे ‘हिन्दू बेटियों’ को टारगेट करना है।

पुलिस की विवेचना में ऐसे दर्जनों ऐसे मामलों की पहचान हुई है, जिनमें लव जिहाद के माध्यम से लड़कियों को फँसाकर धर्मांतरण किया गया। इनमें से कई लड़कियों को शादी के झाँसे में फँसाकर इस्लाम कबूल कराया गया, कुछ को दुबई भेजने की तैयारी थी, और कुछ को गोद लिया गया बताकर ईसाई मिशनरियों के पास भेजा गया। इस गंभीर प्रकरण में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिस तत्परता, स्पष्टता और प्रतिबद्धता के साथ कार्रवाई सुनिश्चित कराई है, वह बताता है कि उत्तर प्रदेश अब किसी भी हाल में ‘धर्मांतरण उद्योग’ का अड्डा नहीं बनने देगा। मुख्यमंत्री ने दो टूक कहा है कि “किसी भी कीमत पर यह स्वीकार नहीं किया जाएगा कि हमारी बहन-बेटियों की आस्था और पहचान को खत्म करने का दुस्साहस कोई करे। सनातन विरोधी इस कुचक्र को जड़ से समाप्त किया जाएगा।” प्रदेश पुलिस और विशेष टास्क फोर्स ने संयुक्त रूप से जो सघन कार्रवाई की है, वह सराहनीय ही नहीं, बल्कि मिसाल के रूप में पूरे देश के लिए प्रेरणा है। 18 टीमें गठित की गईं, जिनमें तकनीकी विशेषज्ञों और साइबर सेल को भी जोड़ा गया। सीसीटीवी फुटेज, कॉल रिकॉर्ड्स, सोशल मीडिया प्रोफाइल्स और डिजिटल उपकरणों की फॉरेंसिक जांच से गिरोह की संपूर्ण गतिविधियों का डिजिटल नक्शा खींचा गया। इस जाँच से यह भी पता चला कि ये लोग इंस्टाग्राम, स्नैपचैट और फेसबुक जैसे प्लेटफार्मों का इस्तेमाल कर हिन्दू लड़कियों से दोस्ती करते, फिर उन्हें बहला-फुसलाकर कट्टरपंथी संगठनों के जाल में फँसाते थे।

नया धर्म अपनाने के लिए मानसिक, सामाजिक और शारीरिक दबाव:

आगरा, मेरठ, हापुड़, बरेली, मुरादाबाद, लखनऊ, और गाजियाबाद जैसे शहरों में यह नेटवर्क बहुत गहराई तक फैला हुआ था। इतना ही नहीं, कई मामलों में लड़कियों को पहचान बदलने, नया नाम और नया धर्म अपनाने के लिए मानसिक, सामाजिक और शारीरिक दबाव डाला गया। कुछ युवतियों ने पुलिस को बताया कि उन्हें धमकाया गया था कि अगर उन्होंने इस्लाम कबूल नहीं किया तो उन्हें बदनाम कर दिया जाएगा या उनके परिजनों को नुकसान पहुँचाया जाएगा।

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 2021 में धर्मांतरण के विरुद्ध कड़ा कानून लागू किया गया था। उस समय भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट कहा था कि जो लोग ‘लव जिहाद’ जैसे षड्यंत्रों के ज़रिये समाज को बाँटने की कोशिश करेंगे, उन्हें किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। अब इस हालिया कार्रवाई से यह फिर सिद्ध हुआ है कि प्रदेश में कानून सिर्फ कागजों पर नहीं है, बल्कि हर हाल में लागू किया जा रहा है।

सनातन संस्कृति पर प्रहार, तब-तब उत्तर प्रदेश से जवाब:

देश में जब-जब सनातन संस्कृति पर प्रहार हुआ है, तब-तब उत्तर प्रदेश से जवाब आया है। आज जब धर्मांतरण को एक सुनियोजित वैश्विक षड्यंत्र के रूप में हिन्दू समाज को तोड़ने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है, तब योगी आदित्यनाथ अपने संकल्प, शासन क्षमता और अपरिवर्तनीय प्रतिबद्धता के साथ एक योद्धा के रूप में खड़े हैं। यह केवल एक कानूनी लड़ाई नहीं, यह सनातन की रक्षा का राष्ट्रधर्म है, जिसे उत्तर प्रदेश में अब संकल्प के साथ निभाया जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी के नेतृत्व में चल रही यह निर्णायक लड़ाई एक चेतावनी भी है, जो भी तत्व भारत की बेटियों की अस्मिता से खेलने और हिन्दू समाज को विभाजित करने का दुस्साहस करेगा, वह उत्तर प्रदेश की धरती पर कहीं नहीं बचेगा।

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