लखनऊ(ज्ञानेन्द्र कुमार शुक्ला): कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों (केजीबीवी) में शिक्षा के साथ ही बेटियों के स्वास्थ्य और उनके संतुलित आहार के साथ ही भविष्य को सुरक्षित करने के लिए भी गंभीरता से प्रयास किए जाएंगे।
बैठक में लिए गए अहम फैसले
3 जुलाई को कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों की वार्डेन, समस्त शैक्षणिक स्टाफ, लेखाकार व जिला समन्वयक बालिका शिक्षा की वर्चुअल बैठक में इसी को लेकर चर्चा हुई और निर्देश जारी किए गए। इसमें कहा गया है कि बालिकाओं को भविष्य के लिए गोल सेट करने में मदद की जाए, ताकि उन्हें पता हो कि आगे चलकर करना क्या है। उल्लेखनीय है कि योगी सरकार कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों (केजीबीवी) के माध्यम प्रदेश की आर्थिक रूप से कमजोर होनहार बालिकाओं को मुफ्त में आवासीय शिक्षा के साथ ही कौशल विकास का लाभ प्रदान कर रही है। इन विद्यालयों के माध्यम से सरकार प्रदेश की बेटियों को सफलता के शिखर पर पहुंचने के लिए प्रतिबद्ध है।
शत प्रतिशत होनी चाहिए उपस्थिति
बैठक में कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों के संचालन की बिंदुवार समीक्षा की गई। महानिदेशक विजय किरण आनंद ने निर्देश दिए कि कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में खंड शिक्षा अधिकारी द्वारा उपलब्ध कराई गई हाउस होल्ड सर्वे में चिन्हित नेवर एनरोल्ड एवं आउट ऑफ स्कूल बालिकाओं की सूची के आधार पर निर्धारित सीमा तक नामांकन कराते हुए आधार सत्यापन के जरिए बालिकाओं की उपस्थिति शत-प्रतिशत सुनिश्चित कराई जाए। प्रतिदिन स्टाफ तथा छात्राओं की उपस्थिति प्रेरणा पोर्टल पर दर्ज कराई जाए। यदि किसी बालिका की उपस्थिति प्रेरणा पोर्टल पर दर्ज है, लेकिन वह विद्यालय में अनुपस्थित है, तो ऐसी स्थिति में संबंधित वार्डेन पर कड़ी कार्यवाही की जाएगी।
बालिकाओं को पूर्ण रूप से मिले संतुलित आहार
यूनिफार्म, बैंग, स्टेशनरी इत्यादि की धनराशि डीबीटी के माध्यम से प्रेषित की जा रही है, जिसे प्राथमिकता के आधार पर समुचित उपभोग कराते हुए समय बालिकाओं को सामग्री वितरित की जाए। यह ध्यान दिया जाए कि भोजन गुणवत्ता युक्त एवं मेन्यू मानक के अनुसार उचित मात्रा में दिया जाए। सभी बालिकाओं को पूर्ण रूप से संतुलित आहार दिया जाए। केजीबीवी वार्डेन का यह व्यक्तिगत दायित्व होगा कि उनके केजीबीवी में कॉमन रसोई घर में ही रसोई संचालित हो।
करियर चुनने में की जाए मदद
प्रत्येक बालिका को उसके भविष्य के लिए एक गोल सेट कराया जाए कि वह क्या बनना चाहती है। इसके लिए उन्हें करियर चुनने में मदद की जाए। साथ ही बालिकाओं द्वारा चुने गए करियर से संबंधित विस्तृत जानकारी भी दी जाए, ताकि बालिकाएं अपनी क्षमताओं को पहचान कर उसके अनुसार अपने भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार हो सकें।
बालिकाओं की सुरक्षा सर्वोपरि
बालिकाओं की सुरक्षा सर्वोपरि है। कोई बाहरी व्यक्ति कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में प्रवेश न करे। बिना आवागमन पंजिका में अंकन किए कोई भी शिक्षिका, छात्रा या अन्य कर्मी विद्यालय नहीं छोड़ेगा। यदि आवागमन पंजिका में छात्रा के अभिभावक का नाम, छात्रा का नाम, विद्यालय छोड़ने की तिथि एवं समय अंकित नहीं है और छात्रा निरीक्षण के समय अनुपस्थित पाई जाती है तो वार्डेन के खिलाफ तत्काल कठोर कार्यवाही की जाएगी। इस संबंध में राज्य परियोजना कार्यालय की महिला अधिकारियों द्वारा केजीबीवी स्टाफ एवं बालिकाओं से फोन पर वार्ता करके निगरानी की जाएगी। सभी वार्डेन / पूर्णकालिक शिक्षिकाओं का विद्यालय में रात्रिवास अनिवार्य है।
भाषा एवं गणित में बनाया जाए निपुण
"एक शब्द एक सूत्र" गतिविधि से संबंधित नवाचार के अंतर्गत प्रतिदिन हिंदी एवं अंग्रेजी भाषा का एक-एक शब्द एवं गणित का एक सूत्र कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों के नोटिस बोर्ड पर अंकित किया जाएगा। शब्दों का अर्थ, पर्यायवाची, विलोम तथा शब्द का वाक्य में प्रयोग तथा गणित के सूत्र का प्रयोग प्रश्नों को हल करने में किया जाएगा। इस गतिविधि को एक डायरी बनाकर समस्त बालिकाएं तिथि सहित अंकित करते हुए प्रतिदिन दिए जाने वाले शब्दों एवं सूत्रों का अभ्यास एवं प्रयोग करेंगी। इस गतिविधि के संचालन से बालिकाओं को 3 वर्ष में लगभग 700 से 800 शब्दों का शब्द ज्ञान/ शब्द भण्डार हो जाएगा, जिससे बालिकाएं भाषा एवं गणित में निपुण हो सकेंगी।
ये भी दिए गए निर्देश:-
- प्रतिवर्ष प्रति केजीबीवी को मेंटेनेंस के रूप में 2 लाख रुपए दिए जाते हैं, उसका पूर्ण रूप से उपभोग कर केजीबीवी से संबंधित आवश्यक कार्य समय से पूर्ण कराए जाएं।
- प्रतिदिन 03 बार बालिकाओं की भौतिक उपस्थिति ली जाएगी तथा अभिलेख रखा जाए। अन्यथा की स्थिति में वार्डेन / स्टाफ स्वयं उत्तरदायी होंगे।
- समस्त बालिकाओं का नियमित रूप से स्वास्थ्य परीक्षण कराया जाए तथा सभी बालिकाओं का स्वास्थ्य कार्ड भी बनाया जाए।
- विद्यालय में सीढ़ी के नीचे के स्थान पर ओपन लाइब्रेरी बनाई जाए। समस्त बालिकाओं को प्रतिदिन 02-03 घंटे स्वाध्याय के लिए प्रेरित किया जाए।
- क्यूरियोसिटी बॉक्स बंद न रखे जाएं। प्रत्येक दशा में क्यूरियोसिटी बॉक्स एवं कम्प्यूटर का उपयोग सुनिश्चित किया जाए।
- आईआईटी गांधीनगर तथा खान एकेडमी गणित विषय के कार्यक्रम का अभ्यास बच्चों को नियमित रूप से कराया जाए।
- कक्षा 9 में उन्हीं बालिकाओं को प्रवेश दिया जाएगा, जो विज्ञान वर्ग लेकर इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई करेंगी।
- उच्चीकृत 56 केजीबीवी में बालिकाओं का नामांकन कराते हुए कौशल विकास मिशन द्वारा संचालित कौशल विकास प्रशिक्षण प्रारंभ कराए जाएं।