Wed, May 08, 2024

2023-24 में शिक्षा पर 83 हजार करोड़ रुपये खर्च करेगी योगी सरकार, यूपी के एजुकेशन सिस्टम को नंबर वन बनाने का लक्ष्य

By  Shagun Kochhar -- September 4th 2023 06:21 PM
2023-24 में शिक्षा पर 83 हजार करोड़ रुपये खर्च करेगी योगी सरकार, यूपी के एजुकेशन सिस्टम को नंबर वन बनाने का लक्ष्य

2023-24 में शिक्षा पर 83 हजार करोड़ रुपये खर्च करेगी योगी सरकार, यूपी के एजुकेशन सिस्टम को नंबर वन बनाने का लक्ष्य (Photo Credit: File)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की स्कूली शिक्षा व्यवस्था को देश में नंबर एक बनाने को लेकर योगी सरकार ने बड़ा लक्ष्य निर्धारित किया है। नीति आयोग द्वारा जारी स्कूल एजुकेशन क्वालिटी इंडेक्स (एसईक्यूआई) और परफॉर्मेंस ग्रेड इंडेक्स (पीजीआई) में प्रदेश को प्रथम स्थान पर लाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निर्देशित किया है।


उत्तर प्रदेश में कुल 1.41 लाख परिषदीय व माध्यमिक विद्यालय हैं, जिनमें तकरीबन 2.37 करोड़ विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। योगी सरकार की ओर से इस वित्तीय वर्ष में 83 हजार करोड़ रुपए शिक्षा पर खर्च किये जा रहे हैं। प्रति छात्र के हिसाब से देखें तो ये धनराशि 35 हजार रुपये सालाना है।


2017 में सत्ता संभालने के बाद से प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में आमूलचूल परिवर्तन देखने को मिला है। कायाकल्प अभियान के तहत प्रदेश के जर्जर स्कूलों की दशा सुधारने का कार्य तेजी से हुआ है। बीते अगस्त माह में ही प्रदेश सरकार ने ऑपरेशन कायाकल्प के दूसरे चरण का शुभारंभ भी कर दिया है। प्रदेश सरकार की ओर से अब तक 1.36 लाख परिषदीय विद्यालयों का मूलभूत सुविधाओं की उपलब्धता के साथ कायाकल्प किया जा चुका है। वहीं 1.64 लाख शिक्षकों की पारदर्शितापरक नियुक्ति को सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि के तौर पर देखा जा रहा है। शिक्षकों से जुड़ी सेवाओं को ना सिर्फ मानव संपदा पोर्टल के जरिए डिजिटलीकरण किया गया है, बल्कि बच्चों की शिक्षा से जुड़ी सामग्रियों के लिए 1.91 करोड़ अभिभावकों के खाते में सीधे धनराशि हस्तांतरित की जा रही है। इसके अलावा विद्या समीक्षा केंद्र के रूप में रियल टाइम मॉनिटरिंग एवं ग्रीवांस रिड्रेसल मैकेनिज्म भी योगी सरकार ने विकसित किया है। 


योगी सरकार का अगला बड़ा लक्ष्य 2026 तक प्रदेश के 5760 विद्यालयों को विश्वस्तरीय अध्ययन सुविधाओं से जोड़ते हुए यूपी को शिक्षा के क्षेत्र में निपुण प्रदेश घोषित करने पर है। हर कोई जानता है कि 6 साल पहले तक प्रदेश में नकलविहीन परीक्षाएं आयोजित करना एक सपना हुआ करता था। आज 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं ना सिर्फ पूरी तरह नकल मुक्त हुई हैं, बल्कि इसके लिए प्रदेश के विद्यालयों में अब तक 3 लाख से भी अधिक कैमरों को स्थापित की जा चुकी है। यही नहीं आउट ऑफ स्कूल बच्चों के लिए भी 'शारदा' और दिव्यांग बच्चों के लिए 'समर्थ' कार्यक्रम संचालित किया गया है। साथ ही कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों को भी कक्षा 12 तक उच्चीकृत किया गया। वहीं प्रदेश के 18 मंडलों में अटल आवासीय विद्यालयों के शुभारंभ को भी शिक्षा के क्षेत्र में योगी सरकार की बड़ी उपलब्धि के रूप में देखा जा रहा है।  


इन सबके साथ ही योगी सरकार का जोर प्रदेश के स्कूलों में जल्द से जल्द जरूरी इन्फ्रास्ट्रक्चर को डेवलप करने पर है। इसके लिए प्रति विद्यालय 7.8 लाख रुपए खर्च किये जाएंगे। ये धनराशि विभिन्न वित्तीय स्रोतों एवं अंतर्विभागीय कन्वर्जेंस से विद्यालयों के लिए मुहैया कराने के निर्देश मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को पहले ही दे दिया है। प्रदेश सरकार की ओर से स्कूलों के कायाकल्प के लिए 11 हजार करोड़ रुपए की धनराशि खर्च की जानी है। इसमें से 5500 करोड़ रुपए राज्य/केंद्र वित्त आयोग, 3900 करोड़ रुपए राज्य निधि, 450 करोड़ रुपए जल जीवन मिशन, 415 करोड़ रुपए नगर निकाय, 250 करोड़ रुपए सीएसआर फंड और 20 करोड़ रुपए जिला खनिज निधि से प्राप्त किये जाएंगे।

  • Share

ताजा खबरें

वीडियो