लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार अब शहरों को 'सुरक्षित शहर' बनाने की मंशा के साथ काम कर रही है। इसी क़वायद में राज्य सरकार ने सूबे के 16 शहरों में पांच हज़ार सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं। इसी के साथ एकीकृत कमांड एवं नियंत्रण प्रणाली के साथ नगर और राज्य स्तर पर निगरानी की जा रही है।
राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया, ‘‘मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आजकल हर ‘प्रबुद्धजन सम्मेलन’ में एकीकृत कमांड एवं नियंत्रण केंद्र को यातायात से जोड़ने और शहरों को ‘सेफ सिटी’ बनाने की योजना पर ज़रूर बात करते हैं, सीएम योगी कहते हैं कि हमारे शहर अब स्मार्ट के साथ साथ सुरक्षित भी हो रहे हैं, कोई अपराधी अगर एक चौराहे पर घटना को अंजाम देगा तो दूसरे चौराहे पर ही पुलिस उसको ढेर कर देगी, सीएम योगी की इसी मंशा को देखते हुए प्रदेश के 16 शहरों में तमाम विभागों और योजनाओं के तहत 5000 सीसीटीवी कैमरें लगाए गए हैं।"
सरकार के प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए ये भी बताया, " सीसीटीवी कैमरे हर चौराहे, प्रमुख मार्गों, एक्सप्रेसवे, रेलवे और मेट्रो स्टेशन पर लोगों की गतिविधियों पर नजर रख रहे हैं, यह योजना केंद्र और राज्य सरकार ने मिलकर शुरू की है, जहां केंद्र की ओर से कानपुर, लखनऊ, आगरा, वाराणसी, प्रयागराज, अलीगढ़, बरेली, झांसी, सहारनपुर और मुरादाबाद जैसे शहरों में सीसीटीवी कैमरा लगाने के लिए मदद की गई है तो वहीं, अयोध्या, मथुरा-वृंदावन, फिरोज़ाबाद, मेरठ, शाहजहांपुर, गोरखपुर और ग़ाज़ियाबाद में राज्य सरकार की ओर से सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए अनुदान जारी किया गया है, कैमरे लगाने में निजी कंपनियों का भी सहयोग लिया गया है."
प्रवक्ता ने आगे कहा कि, "स्मार्ट सिटी मिशन के तहत जहां नगर विकास विभाग ने कैमरे लगाने की जिम्मेदारी संभाली है तो वहीं एक्सप्रेसवे पर उत्तर प्रदेश एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण, टोल प्लाज़ा पर भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण, रेलवे स्टेशन पर रेलवे और मेट्रो स्टेशन पर मेट्रो प्रशासन की तरफ से सीसीटीवी लगाए गए हैं, इन सभी को एक कर कमांड और नियंत्रण प्रणाली से जोड़ा गया है, इसी के साथ बैंक, एटीएम में भी कैमरे लगवाए गए हैं, दुकानों और बाज़ारों में सीसीटीवी कैमरे लगवाने के लिए टैक्स एंड रजिस्ट्रेशन और अपार्टमेंट्स और घरों में सीसीटीवी कैमरे लगवाने के लिए हाउसिंग डिपार्टमेंट नोडल एजेंसी बनाई गई है।"
गौरतलब है इस योजना के लिए 16 वर्क स्टेशन काम कर रहे हैं, तो वहीं राज्य स्तर पर पांच हज़ार कैमरों की निगरानी के लिए 16 स्मार्ट शहरों को जोड़ा गया है। इन केंद्रो के ज़रिए मिलने वाले डेटा को जल्द ही फ़िल्टर करके वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा और इसके माध्यम से आम नागरिकों को जागरूक किया जाएगा।