Monday 9th of June 2025

भारतीय वायुसेना के योद्धा से अंतरिक्ष यात्री तक: शुभांशु की रोमांचक यात्रा

Reported by: Mangala Tiwari  |  Edited by: Mangala Tiwari  |  June 09th 2025 06:42 PM  |  Updated: June 09th 2025 06:42 PM

भारतीय वायुसेना के योद्धा से अंतरिक्ष यात्री तक: शुभांशु की रोमांचक यात्रा

नमस्ते, मैं ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला हूं...

ये गौरवमयी शब्द भारतीय वायुसेना के जांबाज युवा सितारे, टेस्ट पायलट शुभांशु शुक्ला के हैं, जिन्होंने अंतरिक्ष की सैर से पहले एक वीडियो संदेश में अपनी भावनाएं व्यक्त की हैं। 15 वर्षों तक युद्धक विमान उड़ाने वाले 39 वर्षीय शुभांशु अब इतिहास रचने को तैयार हैं। वे इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) की यात्रा करने वाले पहले भारतीय नागरिक बनेंगे। यह अभूतपूर्व मिशन Axiom Space के ‘Axiom-4’ अभियान के तहत होगा, जिसे ‘मिशन आकाश गंगा’ नाम दिया गया है। यह निजी अंतरिक्ष उड़ान 10 जून को नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर से SpaceX के क्रू ड्रैगन C213 यान के जरिए रवाना होगी। करीब 28 घंटे की यात्रा के बाद, यह यान 11 जून की रात लगभग 10 बजे ISS से जुड़ेगा।

लखनऊ में जन्मे शुभांशु को जून 2006 में भारतीय वायुसेना में कमीशन प्राप्त हुआ था। उन्होंने 2,000 घंटे से अधिक उड़ान अनुभव अर्जित किया है और सुखोई-30 MKI, मिग-21, मिग-29, जगुआर, हॉक, डॉर्नियर, और AN-32 जैसे विमानों को न केवल उड़ाया, बल्कि उनका परीक्षण भी किया है।

शुभांशु का मिशन भारत के लिए क्यों खास है?

शुभांशु इस मिशन के साथ दो ऐतिहासिक रिकॉर्ड बनाएंगे। वे न केवल ISS पहुंचने वाले पहले भारतीय होंगे, बल्कि राकेश शर्मा के बाद अंतरिक्ष में कदम रखने वाले दूसरे भारतीय नागरिक भी बनेंगे। यह उपलब्धि भारत के अंतरिक्ष अन्वेषण के सपनों को नई उड़ान देगी और देश के मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशनों की दिशा में एक मजबूत कदम होगी।

अंतरिक्ष में भारत का नया अध्याय:

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) इस मिशन को भारत की अंतरिक्ष महत्वाकांक्षाओं में एक ‘निर्णायक मोड़’ मानता है। ISRO के अनुसार, शुभांशु 2027 में प्रस्तावित भारत के पहले मानवयुक्त मिशन ‘गगनयान’ के लिए शीर्ष दावेदारों में शामिल हैं। अंतरिक्ष विभाग ने कहा, “शुभांशु की यह यात्रा केवल एक उड़ान नहीं, बल्कि भारत के अंतरिक्ष अन्वेषण के नए युग की शुरुआत है।”

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस मिशन के लिए नई दिल्ली ने 60 मिलियन डॉलर से अधिक का निवेश किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2035 तक भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन स्थापित करने और 2040 तक चंद्रमा पर भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को भेजने की महत्वाकांक्षी योजना की घोषणा की है। ISRO ने मई में बताया था कि 2027 में गगनयान मिशन से पहले इस साल के अंत में एक मानवरहित कक्षीय मिशन लॉन्च किया जाएगा।

मिशन का रणनीतिक महत्व:

अंतरिक्ष विभाग के अनुसार, शुभांशु का मिशन रणनीतिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण है। बेंगलुरु में ISRO केंद्र में आगे की ट्रेनिंग से पहले, शुभांशु ने 2020 में रूस के यूरी गगारिन कॉस्मोनॉट ट्रेनिंग सेंटर में तीन अन्य अंतरिक्ष यात्री उम्मीदवारों के साथ प्रशिक्षण लिया था। वे कहते हैं कि Axiom-4 मिशन और ISS पर बिताए जाने वाले 14 दिन भारत के लिए ‘अमूल्य’ अनुभव लाएंगे, जो भविष्य के मिशनों को म

जबूती प्रदान करेंगे।

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