Saturday 18th of January 2025

MAHAKUMBH: महाकुंभ में 2750 कैमरों से क्राउड मैनेजमेंट, अब तक 7 करोड़ श्रद्धालु कर चुके हैं संगम में स्नान

Reported by: PTC News उत्तर प्रदेश Desk  |  Edited by: Md Saif  |  January 18th 2025 08:00 AM  |  Updated: January 18th 2025 08:00 AM

MAHAKUMBH: महाकुंभ में 2750 कैमरों से क्राउड मैनेजमेंट, अब तक 7 करोड़ श्रद्धालु कर चुके हैं संगम में स्नान

ब्यूरो: MAHAKUMBH: महाकुंभ में मात्र 6 दिनों के अंदर 7 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु, कल्पवासी और पूज्य साधु संतों ने त्रिवेणी संगम में आस्था की डुबकी लगा ली है। योगी सरकार का अनुमान है कि इस बार महाकुंभ में 45 करोड़ से भी ज्यादा लोग आएंगे। इतनी बड़ी संख्या में आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा महाकुंभ पुलिस के लिए बड़ी चुनौती है। हालांकि, मेला क्षेत्र में स्थापित इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर (आईसीसीसी) क्राउड मैनेजमेंट में वरदान साबित हो रहा है। इसके माध्यम से न सिर्फ मेला क्षेत्र में आ रही श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को कंट्रोल करने में मदद मिल रही है बल्कि कई तरह के सर्विलांस में भी यह मददगार बन रहा है। महाकुंभ के पहले दिन पौष पूर्णिमा स्नान पर्व और मकर संक्रांति के अमृत स्नान पर भारी भीड़ को सुनियोजित तरीके से नियंत्रित करने में आईसीसीसी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

 

क्राउड मैनेजमेंट में मिल रही मदद

आईसीसीसी के प्रभारी एसपी अमित कुमार ने बताया कि यहां पर 2750 कैमरे इंस्टॉल किए गए हैं, जिनके माध्यम से न सिर्फ मेला क्षेत्र में बल्कि पूरे शहर क्षेत्र पर नजर रखी जा रही है। 3 एंगल से निगरानी की जा रही है, पहली सिक्योरिटी, दूसरी क्राउड मैनेजमेंट और तीसरी क्राइम। उन्होंने बताया कि हमारे पास जो कैमरे हैं उनसे हम सर्विलांस, क्राउड मैनेजमेंट और फायर सर्विलांस जैसे तमाम आस्पेक्ट्स पर नजर रख पा रहे हैं। क्राउड मैनेजमेंट के लिए हम लोग क्राउड फ्लो को मॉनिटर कर रहे हैं कि किस तरफ से कितना क्राउड आ रहा है और इसको किस प्रकार से रेगुलेट करना है। क्राउड फ्लो के माध्यम से यह जानने की कोशिश करते हैं कि भीड़ का दबाव कहां ज्यादा है और हम उसको वहां से किस ओर मूव कर सकते हैं। यह काफी कारगर तकनीक है। हमें यहां से रेगुलर निगरानी करनी पड़ती है कि कहीं किसी एक स्थान पर भीड़ का घनत्व तो ज्यादा नहीं हो गया है।

 

पार्किंग और फायर सर्विलांस

अमित कुमार ने बताया कि इसके अलावा हम कैमरों से फायर सर्विलांस भी कर रहे हैं। कहीं धुआं या आग की लपट तो नहीं है। इसके अलावा पार्किंग का भी इसके जरिए सर्विलांस किया जा रहा है। हर पार्किंग में कैमरे लगाए गए हैं जो बताते हैं कि कौन सी पार्किंग कितनी खाली या भरी है। जब कोई पार्किंग भर जाती है, फिर हम उसको बंद करके अगली वाली पार्किंग एक्टिवेट करते हैं। सबसे पहले हम सबसे पास की पार्किंग को भरते हैं जिससे स्नानार्थियों को कम से कम चलना पड़े। इसके बाद हम उससे आगे की ओर बढ़ते हैं। उन्होंने बताया कि सात मुख्य मार्ग हैं जो प्रयागराज को अन्य शहरों से जोड़ते हैं, उसको देखते हुए सभी दिशाओं में इस तरह की पार्किंग की व्यवस्था की गई है।

 

एआई कैमरे बढ़ा रहे स्किल

एआई कैमरा की उपयोगिता पर उन्होंने कहा कि एआई कैमरों से डिसीजन मेकिंग में काफी मदद मिलती है, लेकिन हम पूरी तरह इन पर डिपेंड नहीं हैं। यह हमारी क्षमता को निश्चित रूप से बढ़ाते हैं, क्योंकि इससे पहले इतना बड़ा क्राउड कंट्रोल नहीं किया गया था। हमारी फोर्स की अपनी इंस्टीट्यूशन ट्रेनिंग है, लेकिन अगर इसको हम डाटा बेस्ड और एविडेंस बेस्ड रखें तो वह हमें अपनी स्किल को और बेहतर करने में मदद करती है। उन्होंने बताया कि पूरे मेला क्षेत्र में 4 आई ट्रिपल सी हैं। यदि कहीं एक जगह कोई प्रॉब्लम आती है तो आपात स्थिति में दूसरी यूनिट को उपयोग में लाया जा सकता है। इनके बीच बेहतर कनेक्टिविटी है और सभी जगह से मॉनिटरिंग संभव है।

 

सभी प्रमुख स्थानों पर इंस्टाल हैं कैमरे

उन्होंने बताया कि मेला क्षेत्र में जितने भी क्रिटिकल और सेंसिटिव एरिया हैं वहां पर कैमरे इंस्टॉल किए गए हैं। जितने भी घाट हैं, प्रमुख सड़कें हैं, पुल हैं, सभी जगह कैमरे लगाए गए हैं क्योंकि यहीं से हमें ये जानकारी मिलेगी कि कहां पर भीड़ का मूवमेंट कितना है। खासतौर पर संगम पर कैपेसिटी कितनी है, ताकि हम इस पर काम कर सकें। एक और चीज यह भी है कि हमें पता है कि इस तरह के आयोजनों में लोग कैसे इकट्ठा होते हैं। पूरे शहर में एक ही क्राउड डेंसिटी नहीं होती है। घाट पर भीड़ ज्यादा होती है और पीछे कम होती है। इसमें भी हमें हमारी लर्निंग का फायदा मिलता है।

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