Saturday 22nd of February 2025

गंगाजल पर पर्यावरण वैज्ञानिक एकमत, बोले- 'संगम का जल स्नान योग्य, CPCB की रिपोर्ट अधूरी'

Reported by: PTC News उत्तर प्रदेश Desk  |  Edited by: Md Saif  |  February 22nd 2025 11:39 AM  |  Updated: February 22nd 2025 11:39 AM

गंगाजल पर पर्यावरण वैज्ञानिक एकमत, बोले- 'संगम का जल स्नान योग्य, CPCB की रिपोर्ट अधूरी'

ब्यूरो: Mahakumbh: महाकुम्भ में एक ओर देश-दुनिया के करोड़ों भक्त रोजाना त्रिवेणी संगम के पवित्र जल में स्नान करके खुद को धन्य मान रहे हैं, वहीं हाल ही में आई केंद्रीय प्रदूषण बोर्ड की एक रिपोर्ट ने लोगों के मन में संदेह पैदा कर दिया है। इसी संदेह को देखते हुए देश के प्रख्यात वैज्ञानिक गंगा जल में स्नान को लेकर आई रिपोर्ट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए एक तरफ उसे अपूर्ण बता रहे हैं, वहीं दूसरी ओर रिपोर्ट के अंशों को गलत ढंग से प्रसारित करने का संदेह जता रहे हैं। वैज्ञानिकों ने यह भी कहा कि नाइट्रेट और फॉस्फेट जैसे तत्वों का रिपोर्ट में उल्लेख नहीं है, जो इसे अपूर्ण बनाती है। ऐसे में, केवल इस रिपोर्ट के आधार पर गंगा जल की गुणवत्ता पर सवाल उठाना ठीक नहीं रहेगा। वैज्ञानिकों ने संगम के जल को स्नान योग्य बताया है।

शुक्रवार को जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के पर्यावरण विज्ञान स्कूल के सहायक प्रोफेसर डॉ. अमित कुमार मिश्रा, इलाहाबाद विश्वविद्यालय के पर्यावरण विज्ञान केंद्र के प्रोफेसर उमेश कुमार सिंह तथा दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर आरके रंजन ने एकमत स्वर में कहा कि मौजूदा रिपोर्ट के आधार पर भी गंगा जल क्षारीय है, जो कि स्वस्थ जल निकाय का संकेत है। जल में घुलनशील ऑक्सीजन की मात्रा के आधार पर इसे स्नान योग्य ही माना जाएगा।

  

कोई नई बात नहीं है कोलीफॉर्म बैक्टीरिया

प्रयागराज के पानी में फेकल बैक्टीरिया के संदूषण की रिपोर्ट पर जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के पर्यावरण विज्ञान स्कूल के सहायक प्रोफेसर डॉ. अमित कुमार मिश्रा ने कहा कि हमें और अधिक डाटा सेट की आवश्यकता है। महाकुम्भ में बहुत बड़ी संख्या में लोग स्नान कर रहे हैं। अगर आप कोलीफॉर्म बैक्टीरिया की बात करें, तो यह कोई नई बात नहीं है। उनके अनुसार, अगर आप अमृत स्नान के चरम के डाटा को देखेंगे, तो आप पाएंगे कि उस समय ई.कोली बैक्टीरिया चरम पर होता है। इसलिए, निष्कर्ष रूप में, मैं कहूंगा कि हमें और अधिक डाटा सेट की आवश्यकता है। हमें और अधिक मापदंडों व अधिक निगरानी स्टेशनों की आवश्यकता है, खासकर धारा के नीचे। स्नान के उद्देश्य से, 3 माइक्रोग्राम प्रति लीटर सुरक्षित है और हम कह सकते हैं कि पानी नहाने के लिए अच्छा है। लेकिन अगर आप संगम घाट के डाटा में बदलाव देखें, तो आप पाएंगे कि यह 3 के आसपास उतार-चढ़ाव कर रहा है। कभी-कभी, यह 4, 4.5 हो जाता है। इसलिए मैं कहूंगा कि घुलित ऑक्सीजन का स्तर जो हम देखते हैं वह एक बहुत ही स्वस्थ जल निकाय का संकेत है और साथ ही अगर आप पीएच रेंज देखें, तो वे सभी क्षारीय पानी हैं, जो कि अच्छा माना जाएगा।

  

पूरा नहीं है डाटा, नाइट्रेट और फॉस्फेट का उल्लेख नहीं

प्रयागराज के त्रिवेणी संगम में पानी की गुणवत्ता पर इलाहाबाद विश्वविद्यालय के पर्यावरण विज्ञान केंद्र के प्रोफेसर उमेश कुमार सिंह ने बताया कि कुछ दिन पहले, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने एक रिपोर्ट तैयार की, जिसमें पानी में फीकल कोलीफॉर्म (बैक्टीरिया) के बढ़े हुए स्तर की बात कही गई है। मेरा मानना है कि सीपीसीबी को रिपोर्ट पर और काम करने की ज़रूरत है, क्योंकि उनके पास पूरा डाटा नहीं है। उनके अनुसार, रिपोर्ट में नाइट्रेट और फॉस्फेट का स्तर गायब है। वहीं, रिपोर्ट में दिखाए गए अनुसार पानी में घुली ऑक्सीजन का स्तर अच्छा है। ऐसे में, मौजूदा डाटा के आधार पर, यह कहा जा सकता है कि त्रिवेणी संगम का पानी नहाने के लिए उपयुक्त है।

  

डाटा में काफी अंतर, ‘नहाने के लिए जल अनुपयुक्त’ कहना है जल्दबाजी

प्रयागराज के गंगाजल में फीकल बैक्टीरिया के संदूषण की रिपोर्ट पर, दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर आरके रंजन ने कहा कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के डाटा में काफ़ी अंतर है। यह निष्कर्ष निकालना कि पानी नहाने के लिए असुरक्षित है, दरअसल जल्दबाज़ी होगी। प्रयागराज के पानी में नहाने के लिए सुरक्षित नहीं है, यह निष्कर्ष निकालने के लिए पर्याप्त डाटा नहीं है। ऐसा ही दावा गढ़मुक्तेश्वर, गाजीपुर, बक्सर और पटना को लेकर भी किया गया है। उनके अनुसार, ऐसा होने के कई कारण हो सकते हैं। इसके पीछे एक कारण यह भी है कि बड़ी संख्या में लोग एक ही पानी में नहाते हैं। यह भी मायने रखता है कि जल का नमूना कहां से और कब लिया गया है।

Latest News

PTC NETWORK
© 2025 PTC News Uttar Pradesh. All Rights Reserved.
Powered by PTC Network