ब्यूरो: Mahakumbh News: महाकुंभ में 13 अखाड़ों की जमकर चर्चा हो रही है। अखाड़ों के संन्यासी सनातन धर्म का प्रचार-प्रसार करते हैं। ये अखाड़े साधना, तपस्या और साधु जीवन के महत्व को बताते हैं। आदि शंकराचार्य ने सदियों पहले ये सनातनी अखाड़े स्थापित किए थे। ये 13 अखाड़े हैं- निरंजनी अखाड़ा, जूना अखाड़ा, महानिर्वाण अखाड़ा, अटल अखाड़ा, आह्वान अखाड़ा, आनंद अखाड़ा, पंचाग्नि अखाड़ा, नागपंथी गोरखनाथ अखाड़ा, वैष्णव अखाड़ा, उदासीन पंचायती बड़ा अखाड़ा, उदासीन नया अखाड़ा, निर्मल पंचायती अखाड़ा और निर्मोही अखाड़ा।
महाकुंभ में, परंपरा के मुताबिक शैव, वैष्णव और उदासीन पंथ के संन्यासियों के मान्यता प्राप्त इन 13 अखाड़ों की चर्चा ज़ोरों पर है। इन अखाड़ों का मक़सद सनातन धर्म का प्रचार-प्रसार करना और समाज को धार्मिक दिशा दिखाना है। ये अखाड़े समाज में धार्मिक जागरूकता को बढ़ावा देने, साधना, तपस्या और साधु जीवन की अहमियत को भी बयां करते हैं। ऐसी मान्यता है कि आदि शंकराचार्य ने सदियों पहले हिंदू संस्कृति को बचाने के लिए अखाड़ों की स्थापना की थी। शाही सवारी, हाथी-घोड़े की सजावट, घंटा-नाद, नागा-अखाड़ों के करतब और तलवार और बंदूक का खुले आम प्रदर्शन इन अखाड़ों की पहचान है।