मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को समाजवादी पार्टी पर गन्ना किसानों के प्रति उदासीनता का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सिंचाई के लिए पानी और बिजली की कमी तथा समय पर बकाया भुगतान के कारण गन्ना किसानों को सपा शासन के दौरान खुद को मारना और अपनी फसलों को जलाना पड़ा।
मुख्यमंत्री ने दावा किया कि उनके नेतृत्व में 2017 में सत्ता में आई भाजपा सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि किसानों की उपज समय पर खरीदी जाए और उनका बकाया बिना देरी के चुकाया जाए।
उन्होंने दावा किया कि 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के केंद्र में सत्ता में आने के बाद पहली बार किसानों को सरकार के एजेंडे में शामिल किया गया। हमने गन्ने की कीमत चुकाई है और समय पर धान और गेहूं खरीदा है जिससे किसान खुशहाल हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने गन्ना किसानों को दलालों के चंगुल से मुक्त कराया है और आज किसानों को पर्ची के लिए इधर-उधर भटकना नहीं पड़ रहा है क्योंकि पर्ची उनके स्मार्टफोन पर आ जाती है।
उन्होंने कहा कि पहले साहूकारों पर निर्भर किसान अब मृदा स्वास्थ्य कार्ड, किसान बीमा योजना, कृषि सिंचाई योजना और प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि जैसी सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने में सक्षम है। गन्ना किसानों के लिए आज एक ऐतिहासिक दिन होने जा रहा है जब होली की पूर्व संध्या पर 2 लाख करोड़ रुपये सीधे उनके पास भेजे जाएंगे।
उन्होंने कहा कि किसान की कोई जाति, पंथ या धर्म नहीं होता है। योगी ने कहा कि हम सभी जानते हैं कि 2017 से पहले राज्य में क्या स्थिति थी। न बिजली थी और न ही सिंचाई के लिए पानी। हमने अब 22 लाख हेक्टेयर में सिंचाई की सुविधा प्रदान की है।