Women Reservation Bill: लोकसभा और राज्यसभा से महिला आरक्षण बिल के पारित हो जाने के बाद कई नेताओं ने अपनी प्रतिक्रियाएं दी है। इसी कड़ी में यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा प्रमुख मायावती भी पीछे नहीं है। महिला आरक्षण बिल पर मायावती ने अपने एक्स सोशल मीडिया अकाउंट पर 3 पोस्ट किए हैं।
मायावती ने अपने एक्स सोशल मीडिया अकाउंट पर 3 पोस्ट किए हैं, जिसमें उन्होंने एक पोस्ट में महिला आरक्षण बिल पर का समर्थन किया है और बाकि दो पोस्ट में उन्होंने इसको लेकर ऐतराज जताते हुए सवाल उठाए हैं।
मायावती का पहला ट्वीट
बसपा प्रमुख मायावती ने अपने ऑफिशियल एक्स अकाउंट से महिला आरक्षण बिल को लेकर किए गए पहले पोस्ट में लिखा कि 'महिला आरक्षण बिल संसद के दोनों सदनों से पारित हो जाने का स्वागत, किन्तु देश इसका भरपूर व जोरदार स्वागत करता अगर उनकी अपेक्षाओं के मुताबिक यह अविलंब लागू हो जाता. अब तक लगभग 27 वर्षों की लम्बी प्रतीक्षा के बाद अनिश्चितता का अब आगे और लम्बा इंतजार करना कितना न्याय संगत?'
1. महिला आरक्षण बिल संसद के दोनों सदनों से पारित हो जाने का स्वागत, किन्तु देश इसका भरपूर व जोरदार स्वागत करता अगर उनकी अपेक्षाओं के मुताबिक यह अविलम्ब लागू हो जाता। अब तक लगभग 27 वर्षों की लम्बी प्रतीक्षा के बाद अनिश्चितता का अब आगे और लम्बा इंतजार करना कितना न्यायसंगत?
— Mayawati (@Mayawati) September 22, 2023
मायावती का दूसरा ट्वीट
बसपा प्रमुख मायावती ने अपने ऑफिशियल एक्स अकाउंट से दूसरे पोस्ट में सवाल करते हुए कहा कि वैसे देश की आबादी के बहुसंख्यक ओबीसी समाज की महिलाओं को आरक्षण में शामिल नहीं करना बहुजन समाज के उस बड़े वर्ग को न्याय से वंचित रखना है। इसी प्रकार एससी व एसटी समाज की महिलाओं को अलग से आरक्षण नहीं देना भी उतना ही अनुचित व सामाजिक न्याय की मान्यता को नकारना है।
2. वैसे देश की आबादी के बहुसंख्यक ओबीसी समाज की महिलाओं को आरक्षण में शामिल नहीं करना बहुजन समाज के उस बड़े वर्ग को न्याय से वंचित रखना है। इसी प्रकार एससी व एसटी समाज की महिलाओं को अलग से आरक्षण नहीं देना भी उतना ही अनुचित व सामाजिक न्याय की मान्यता को नकारना है।
— Mayawati (@Mayawati) September 22, 2023
मायावती का तीसरा ट्वीट
साथ में उन्होंने अन्य पोस्ट में लिखा कि 'किन्तु जहां चाह है वहां राह है और इसीलिए सरकार ओबीसी समाज को इस महिला आरक्षण बिल में शामिल करे, एससी व एसटी वर्ग की महिलाओं को अलग से आरक्षण दे और इस विधेयक को तत्काल प्रभाव से लागू करने के सभी जरूरी उपाय करें. धार्मिक अल्पसंख्यक समाज की महिलाओं कीे भी उपेक्षा अनुचित।'
3. किन्तु जहाँ चाह है वहाँ राह है और इसीलिए सरकार ओबीसी समाज को इस महिला आरक्षण बिल में शामिल करे, एससी व एसटी वर्ग की महिलाओं को अलग से आरक्षण दे तथा इस विधेयक को तत्काल प्रभाव से लागू करने के सभी जरूरी उपाय करे। धार्मिक अल्पसंख्यक समाज की महिलाओं कीे भी उपेक्षा अनुचित।
— Mayawati (@Mayawati) September 22, 2023