Monday 25th of November 2024

लखनऊ में रिटायर्ड आर्मी अफसर के साथ धोखाधड़ी, आरोपियों की धमकियों से सहमा परिवार, मुकदमा दर्ज

Reported by: PTC News उत्तर प्रदेश Desk  |  Edited by: Shagun Kochhar  |  June 06th 2023 06:57 PM  |  Updated: June 06th 2023 06:57 PM

लखनऊ में रिटायर्ड आर्मी अफसर के साथ धोखाधड़ी, आरोपियों की धमकियों से सहमा परिवार, मुकदमा दर्ज

लखनऊ: जिले के पीजीआई कोतवाली क्षेत्र के वृंदावन इलाके में रहने वाले रिटायर्ड कर्नल रमेश उपाध्याय धोखाधड़ी का शिकार हो गए। रिटायर्ड कर्नल रमेश उपाध्याय ने आरोपियों के खिलाफ बिजनौर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया है। पुलिस मामले में जांच पड़ताल कर रही है। रिटायर्ड कर्नल रमेश उपाध्याय के मकान की रजिस्ट्री फर्जी तरीके से किसी और को कर दी गई। 

रिटायर्ड कर्नल रमेश उपाध्याय ने पीटीसी न्यूज से बातचीत करते हुए बताया कि 15 जून 2022 को उन्होंने कमलेश कुमार नाम के युवक से एक मकान खरीदा था। जिसके लिए उन्होंने एक करोड़ सत्तर लाख रुपए का भुगतान किया। भुगतान करने के बाद वह अपने नए मकान में रहने लगे, लेकिन 6 महीने बाद विक्रेता कमलेश मकान कब्जा करने की नियत से आया और गाली गलौज करने के साथ धमकी देने लगा। रिटायर्ड कर्नल रमेश उपाध्याय ने मामले की शिकायत 112 और स्थानीय पुलिस को दी। जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची। 

रिटायर्ड कर्नल रमेश उपाध्याय को मकान बेचने वाले कमलेश सिंह ने वही मकान राज नारायण को 20 दिसंबर 2022 को बेंच दिया। जिसके बाद रमेश उपाध्याय के होश फाख्ता हो गए। रिटायर्ड कर्नल रमेश उपाध्याय को 6 महीने तक कानों कान भनक भी नहीं लगी, कि वह कितनी बड़ी साजिश का शिकार हो चुके हैं। आरोपी कमलेश ने कृपाशंकर और राज नारायण राय की मिलीभगत से कूट रचित दस्तावेज तैयार किए, फिर रजिस्ट्री कर दी। 

मामले की जानकारी होने के बाद रिटायर्ड कर्नल ने पुलिस उपायुक्त दक्षिणी विनीत जायसवाल से शिकायत की। डीसीपी साउथ विनीत जायसवाल के आदेश के बाद बिजनौर कोतवाली में आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी करने की संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। फिलहाल आरोपी फरार हैं। जिनकी तलाश में पुलिस लगातार दबिश दे रही है।

पीटीसी न्यूज से बातचीत करते हुए रिटायर्ड कर्नल रमेश उपाध्याय ने कहा कि कई सालों तक देश की सेवा करने के दौरान इस बात का एहसास नहीं था, कि रिटायर होने के बाद इतनी बड़ी साजिश का शिकार होंगे। उन्हें बिल्कुल भी जानकारी नहीं कि मकान की रजिस्ट्री कैसे हो गई। राकेश उपाध्याय ने बताया कि आरोपियों की धमकियों से पूरा परिवार सहमा हुआ है। घर की चौखट लांघने के बाद मन में डर बना हुआ है। क्योंकि आरोपी इससे पहले कई बार मकान पर धावा बोल चुके हैं। और जान से मारने की धमकी दे चुके हैं।

कई सालों तक देश की सेवा में तैनात रहे कर्नल रमेश उपाध्याय के मुताबिक मकान की रजिस्ट्री होने के बाद वह मकान में रहने लगे। राजस्व अभिलेखों में भी मकान रमेश उपाध्याय के नाम दर्ज है। वह गृह कर और बिजली का बिल भी कई महीनों से जमा कर रहे हैं। बावजूद इसके मकान की रजिस्ट्री किसी और को कर दी गई। मकान खाली करने के लिए आरोपियों द्वारा दबाव बनाया जा रहा।

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