उत्तर प्रदेश में इस समय कड़ाके की ठंड और शीतलहर का भीषण प्रकोप देखने को मिल रहा है। दिसंबर के चौथे सप्ताह की शुरुआत के साथ ही प्रदेश के अधिकांश हिस्से घने कोहरे की चादर में लिपटे हुए हैं। मौसम विभाग ने राजधानी लखनऊ समेत प्रदेश के 40 से जिलों के लिए रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। पहाड़ों पर हो रही लगातार बर्फबारी और उत्तर-पश्चिमी ठंडी हवाओं के चलने से मैदानी इलाकों में गलन काफी बढ़ गई है। कानपुर, बरेली और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई शहरों में न्यूनतम तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गई है, जिससे लोगों का घरों से निकलना मुश्किल हो गया है।
भीषण कोहरे के कारण उत्तर प्रदेश में यातायात व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है। सुबह और रात के समय दृश्यता (विजिबिलिटी) शून्य से 50 मीटर के बीच रहने के कारण सड़कों पर वाहनों की रफ्तार थम गई है। इसका सबसे अधिक असर रेल और हवाई सेवाओं पर पड़ा है। लखनऊ और दिल्ली के बीच चलने वाली कई प्रमुख ट्रेनें अपने निर्धारित समय से घंटों देरी से चल रही हैं, जबकि अमौसी एयरपोर्ट पर खराब दृश्यता की वजह से कई उड़ानें रद्द कर दी गई हैं या उनके समय में बदलाव किया गया है। प्रशासन ने हाईवे पर चलने वाले वाहन चालकों को विशेष सावधानी बरतने और फॉग लाइट का उपयोग करने की सलाह दी है।
ठंड के बढ़ते सितम को देखते हुए राज्य सरकार और जिला प्रशासनों ने एहतियाती कदम उठाए हैं। लखनऊ, वाराणसी, बरेली, कानपुर और प्रयागराज समेत कई जिलों में स्कूलों के समय में बदलाव कर दिया गया है। अधिकांश जिलों में कक्षा 1 से 8 तक के स्कूलों में शीतकालीन अवकाश की घोषणा कर दी गई है, जबकि कुछ जिलों में स्कूल अब सुबह 10 बजे से संचालित किए जा रहे हैं। स्थानीय निकायों द्वारा प्रमुख चौराहों और सार्वजनिक स्थानों पर अलाव की व्यवस्था की गई है और रैन बसेरों को सक्रिय कर दिया गया है ताकि बेसहारा लोगों को ठंड से राहत मिल सके।
मौसम विशेषज्ञों का अनुमान है कि अगले 48 से 72 घंटों तक ठंड और कोहरे से राहत मिलने की संभावना कम है। पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में हल्की बूंदाबांदी भी हो सकती है, जिससे तापमान में और अधिक गिरावट आने की आशंका है। स्वास्थ्य विभाग ने भी बढ़ती ठंड को देखते हुए बच्चों और बुजुर्गों के लिए एडवाइजरी जारी की है, जिसमें उन्हें सुबह की ठंड से बचने और गर्म कपड़ों का उचित उपयोग करने को कहा गया है।