बसपा के वरिष्ठ नेता उमा शंकर सिंह गैंगस्टर से नेता बने अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन के समर्थन में सोमवार को सामने आए और कहा कि उनके बारे में जानकारी देने के लिए पुलिस का नकद इनाम अपनी विफलता से 'ध्यान भटकाने' का प्रयास है।
ज्ञात हो कि उत्तर प्रदेश पुलिस ने शाइस्ता परवीन की गिरफ्तारी के लिए सूचना देने वाले को 25,000 रुपये के नकद इनाम की घोषणा की है। सिंह ने इस कदम पर सवाल उठाते हुए कहा कि इनाम घोषित करने की कार्रवाई पुलिस द्वारा ध्यान हटाने की कोशिश है।
पत्रकारों से बात करते हुए उत्तर प्रदेश विधानसभा में बसपा के नेता ने कहा कि घटना के 15 दिन बाद भी प्रयागराज पुलिस के हाथ खाली हैं। लोग उनसे सवाल न करें, इसलिए इनाम घोषित किया गया है।
उन्होंने कहा कि शूटरों पर ढाई लाख रुपये का इनाम भी घोषित किया गया है, लेकिन अभी तक कोई पकड़ा नहीं गया है। परवीन का बचाव करते हुए उन्होंने कहा कि शाइस्ता परवीन का हत्या के मामले से दूर-दूर तक कोई संबंध नहीं है। यहां तक कि पुलिस भी इसे साबित नहीं कर पाई है। वह एक सामाजिक व्यक्ति हैं।
शाइस्ता परवीन प्रयागराज की मेयर बनने के लिए पूरी तरह तैयार हैं और बीजेपी इस सीट को खोने जा रही है। बीजेपी के गुस्से के पीछे यही कारण है। सिंह ने जोर देकर कहा कि बसपा प्रमुख मायावती पहले ही घोषणा कर चुकी हैं कि अगर परवीन पर लगे आरोप साबित होते हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि हम अभी भी उस पर कायम हैं। अगर आरोप साबित होता है तो शाइस्ता परवीन को पार्टी से निकाल दिया जाएगा।
परवीन की एक अपराधी के साथ तस्वीर के आधार पर गिरफ्तारी के कदम पर सवाल उठाते हुए उनोने कहा कि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ एक शूटर की तस्वीर भी हाल ही में मीडिया में सामने आई थी। क्या पुलिस अखिलेश यादव को गिरफ्तार करेगी? अगर तस्वीर के आधार पर कार्रवाई की जा रही है तो अखिलेश यादव को अभी तक गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया है।