वाराणसी: भोजपुरी अभिनेत्री आकांक्षा दुबे की आत्महत्या के मामले में वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस घटना के 4 दिनों के बाद भी आरोपियों से दूर है। सुसाइड की गुत्थी सुलझाने में जुटी वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस के हाथ अभी तक आरोपी भोजपुरी सिंगर समर सिंह और उसका भाई संजय सिंह नहीं लगे हैं। जानकारी के मुताबिक़ मामला हाई-प्रोफाइल होने के चलते वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस की टीम और क्राइम ब्रांच की टीम लगातार आरोपियों को ढूंढने के लिए दबिश दे रही हैं।
वहीं घटना के 4 दिन बीत जाने के बाद भी आरोपियों के नहीं पकड़े जाने से परिजनों में आक्रोश है। 31 मार्च 2023 (शुक्रवार) को सारनाथ थाने पर भोजपुरी अभिनेत्री आकांक्षा दुबे की मां के साथ पहुंचे परिजन और दर्जनों लोगों ने थाने का घेराव किया। इस दौरान अभिनेत्री आकांक्षा दुबे की मां ने वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस पर कई गंभीर आरोप लगाए।
ये भी पढ़ें:- व्यवसायी से मांगी 15 लाख की रंगदारी, ख़ौफ़ज़दा परिवार का रो-रोकर बुरा हाल
वाराणसी के सारनाथ थाने पहुंची अभिनेत्री आकांक्षा दुबे की मां का कहना है कि मेरी बेटी आकांक्षा दुबे को न्याय नहीं मिला है और आरोपी खुलेआम घूम रहा है। घटना के इतने दिन बीत गए, लेकिन अभी तक आरोपी सिंगर समर सिंह और उसके भाई संजय सिंह की गिरफ्तारी क्यों नहीं हो पा रही है? मधु दुबे ने वाराणसी पुलिस पर लेटलतीफी करने का आरोप लगाते हुए कहा कि इस पूरी घटना में होटल प्रबंधन भी मिला हुआ है।
उन्होंने इल्ज़ाम लगाते हुए कहा कि पुलिस ने घटना वाली रात आकांक्षा सिंह के कमरे में पहुंचने वाले संदीप सिंह नामक युवक को क्यों छोड़ा? मधु दुबे का आरोप है कि उनकी बेटी अभिनेत्री आकांक्षा दुबे ने आत्महत्या नहीं की बल्कि होटल प्रबंधन ने आरोपी को पहले से ही होटल के कमरे में बैठा रखा था।
गौरतलब है कि भदोही ज़िले के बरदहां गांव निवासी छोटेलाल दुबे और मधु दुबे की बेटी और भोजपुर अभिनेत्री आकांक्षा दुबे का शव सारनाथ के एक होटल में फंदे से लटका मिला था। वह भोजपुरी फिल्म की शूटिंग के लिए आई थीं। इस मामले में आकांक्षा की मां ने भोजपुरी गायक समर सिंह व उसके भाई संजय के ख़िलाफ़ आत्महत्या के लिए उकसाने का मुक़दमा सारनाथ थाने में दर्ज कराया है। अब पुलिस आरोपियों की गिरफ़्तारी के प्रयास में लगी है। वहीं चर्चा ये भी है कि जिस समय सारनाथ थाने में समर सिंह पर मुक़दमा दर्ज हो रहा था, उस समय वह गोरखपुर में किसी फिल्म की शूटिंग कर रहा था। आशंका है कि पुलिस की पकड़ से बचने के लिए वह गोरखपुर से ही नेपाल निकल गया हो।