ब्यूरो: UP News: इन दिनों बसपा प्रमुख मायावती और उनके भतीजे आकाश आनंद का नाम सुर्खियों में है। आकाश आनंद जितनी तेजी से सियासत की ऊंचाईयों को छू रहे थे, उतनी ही जल्दी उनकी इस यात्रा पर ब्रेक लग गया। बता दें कि रविवार को मायावती ने आकाश आनंद को पार्टी के नेशनल कोऑर्डिनेटर और अपने उत्तराधिकारी समेत सभी पदों से हटा दिया और सोमवार को उन्हें बसपा से बाहर का रास्ता भी दिखा दिया। मायावती के इस कदम की किसी को भनक नहीं थी। मायावती के इस फैसले के बाद सियासी घमासान मच गया है। बसपा से निष्कासित होने के बाद आकाश आनंद ने अपना एक्स अकाउंट का बायो अपडेट किया है।
बहुजन समाज पार्टी से निष्कासित होने के बाद आकाश आनंद ने अपने एक्स बायो में लिखा "बाबा साहब के विजन का एक युवा समर्थक"
मायावती ने आकाश को पार्टी से निकालते हुए क्या कहा
1. बीएसपी की आल-इण्डिया की बैठक में कल श्री आकाश आनन्द को पार्टी हित से अधिक पार्टी से निष्कासित अपने ससुर श्री अशोक सिद्धार्थ के प्रभाव में लगातार बने रहने के कारण नेशनल कोआर्डिनेटर सहित सभी जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया गया था, जिसका उसे पश्चताप करके अपनी परिपक्वता दिखानी थी।
— Mayawati (@Mayawati) March 3, 2025
मायावती ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक के बाद एक पोस्ट कर कहा ''बसपा की अखिल भारतीय स्तर की बैठक में कल श्री आकाश आनंद को पार्टी हित से अधिक पार्टी से निष्कासित अपने ससुर श्री अशोक सिद्धार्थ के प्रभाव में लगातार बने रहने के कारण नेशनल कोऑर्डिनेटर सहित सभी जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया गया था, जिसका उसे पश्चाताप करके अपनी परिपक्वता दिखानी थी.''
2. लेकिन इसके विपरीत श्री आकाश ने जो अपनी लम्बी-चौड़ी प्रतिक्रिया दी है वह उसके पछतावे व राजनीतिक मैच्युरिटी का नहीं बल्कि उसके ससुर के ही प्रभाव वाला ज्यादातर स्वार्थी, अहंकारी व गैर-मिशनरी है, जिससे बचने की सलाह मैं पार्टी के ऐसे सभी लोगों को देने के साथ दण्डित भी करती रही हूँ।
— Mayawati (@Mayawati) March 3, 2025
उन्होंने एक अन्य पोस्ट में कहा, ''लेकिन, इसके विपरीत श्री आकाश ने जो अपनी लंबी-चौड़ी प्रतिक्रिया दी है, वह उसके पछतावे व राजनीतिक परिपक्वता का नहीं बल्कि उसके ससुर के ही प्रभाव वाला ज्यादातर स्वार्थी, अहंकारी व गैर-जिम्मेदाराना बयान है, जिससे बचने की सलाह मैं पार्टी के ऐसे सभी लोगों को देने के साथ उन्हें दंडित भी करती रही हूं.''
''अतः परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव आंबेडकर के आत्म-सम्मान व स्वाभिमान आंदोलन के हित में तथा मान्यवर श्री कांशीराम जी की अनुशासन की परंपरा को निभाते हुए श्री आकाश आनंद को, उनके ससुर की तरह, पार्टी व आंदोलन के हित में पार्टी से निष्कासित किया जाता है.''