लखनऊ: एक तरफ़ जहां उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार लगातार प्रदेश में निवेश लाने के लिए जद्दोजहद करती हुई दिखाई दे रही है, प्रदेश में रोज़गार और निवेश बढ़ाने के लक्ष्य के साथ फरवरी 2023 में 'ग्लोबल इन्वेस्टर समिट' के आयोजन के बाबत हर मुमकिन कोशिश की जा रही है, वहीं दूसरी तरफ़ मगर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर ज़बरदस्त तंज़ कसा है, जिसके बाद से यूपी के सियासी गलियारों में गहमा-गहमी का माहौल पैदा हो गया है।
दरअसल अखिलेश यादव ने ट्वीट करते हुए लिखा कि, "दिखावटी निवेश से उप्र का विकास नहीं होगा…काग़ज़ पर छपी मोमबत्ती दिखाने से उजाला नहीं होता।"
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल नंदी भी इस समय विदेशी दौरे पर हैं, उनके साथ योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री जितिन प्रसाद भी हैं। यही नहीं, विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना और जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह भी विदेशी इन्वेस्टर्स को रिझाने के लिए विदेशों में मीटिंग्स कर रहे हैं।
जानकारी के मुताबिक़ ये प्रतिनिधिमंडल कंपनियों को निवेश के लिए आमंत्रित कर रहा है और निवेश की संभावनाएं भी तलाश रहा है।
आपको बता दें कि ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट के लिए योगी सरकार ने, UAE, जापान, जर्मनी, थाईलैंड, मैक्सिको, साउथ अफ्रीका, ब्राज़ील, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, नीदरलैंड, बेल्जियम, कनाडा को आमंत्रित किया है। इसके लिए इन देशों के औद्यौगिक विकास मंत्रियों को GIS के लिए न्योता भेजा गया है।
याद रहे कि ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट को सफल बनाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार 19 देशों के 21 शहरों में रोड शो भी कर रही है। मगर अब जिस तरह से अखिलेश यादव ने ट्वीट के माध्यम से योगी सरकार पर निशाना साधा है, उससे इस मामले को लेकर राजनीति गरमा सकती है।