ब्यूरो: Ayodhya: अयोध्या में दलित युवती की निर्मम हत्या का मामला अब तूल पकड़ रहा है। मिल्कीपुर सीट पर होने वाले उपचुनाव के बीच इस मुद्दे पर सियासी पारा हाई हो गया है। दलित युवती की हत्या के मामले पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए सपा सांसद अवधेश प्रसाद रोने लगे। वहीं मिल्कीपुर सीट पर चुनाव प्रचार करने पहुंचे सीएम योगी ने इस पर प्रतिक्रिया दी।
सपा सांसद अवधेश प्रसाद के रोने पर सीएम योगी ने मंच से कहा, "यहां का सांसद जो नौटंकी कर रहे हैं, ना देखिएगा जब जांच खत्म होगी और जब सच सामने आएगा तो इसमें भी किसी समाजवादी पार्टी के आदमी का ही हाथ होगा।" वहीं अपने प्रेसवार्ता में सपा सांसद ने कहा कि अगर दलित बेटी को न्याय नहीं मिला तो मैं अपने लोकसभा सांसद के पद से इस्तीफा दे दूंगा।
यह जघन्य अपराध बेहद दुःखद हैं।अयोध्या के ग्रामसभा सहनवां, सरदार पटेल वार्ड में 3 दिन से गायब दलित परिवार की बेटी का शव निर्वस्त्र अवस्था में मिला है, उसकी दोनों आँखें फोड़ दी गई हैं उसके साथ अमानवीय व्यवहार हुआ है।यह सरकार इंसाफ नही कर सकती। pic.twitter.com/aSvI3N74Kl
— Awadhesh Prasad (@Awadheshprasad_) February 2, 2025
सपा सांसद अवधेश प्रसाद ने सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर करते हुए लिखा, "यह जघन्य अपराध बेहद दुःखद है। अयोध्या के ग्रामसभा सहनवां, सरदार पटेल वार्ड में 3 दिन से गायब दलित परिवार की बेटी का शव निर्वस्त्र अवस्था में मिला है, उसकी दोनों आँखें फोड़ दी गई हैं और उसके साथ अमानवीय व्यवहार हुआ है। यह सरकार इंसाफ नहीं कर सकती।" सपा सांसद के रोने पर प्रेस में बैठे पूर्व मंत्री तेज नारायण पांडेय पवन और सपा जिलाध्यक्ष पारसनाथ यादव उन्हें बार-बार शांत कराते रहे।
अखिलेश यादव ने की कठोरतम कार्रवाई की मांग
अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह बेहद दुःखद ख़बर है कि अयोध्या के ग्रामसभा सहनवां (सरदार पटेल वार्ड) में 3 दिन से गायब दलित परिवार की बेटी का शव निर्वस्त्र अवस्था में मिला है, उसकी दोनों आँखें फोड़ दी गई हैं और उसके साथ अमानवीय व्यवहार हुआ है। प्रशासन ने तीन दिन पहले ही अगर परिवार की सूचना पर ध्यान दिया होता तो बच्ची की जान बचाई जा सकती थी। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपनी मांग रखते हुए लिखा कि हम उत्तर प्रदेश सरकार से मांग करते हैं कि जो दोषी हैं और जिन पुलिसकर्मियों ने इस मामले में लापरवाही बरती है, उन सबके ख़िलाफ़ कठोरतम कार्रवाई की जाए और पीड़ित परिवार को तत्काल 1 करोड़ का मुआवज़ा दिया जाए।