फर्रुखाबाद में बाढ़ से बुरा हाल, ग्रामीणों का आरोप- प्रशासन नहीं कर रहा मदद, सिर्फ कर रहा खोखले दावे
फर्रुखाबाद: बाढ़ लगातार फर्रुखाबाद के लोगों की मुश्किलें बढ़ा रही है. वहीं लोगों का आरोप है कि उन्हें प्रशासन से कोई मदद नहीं मिल रही. जिसके चलते लोगों में काफी गुस्सा है.
लोगों के घरों में 6-6 फीट तक भरा पानी
एक तरफ प्रशासन बरसात और बाढ़ से निपटने के तमाम दावे कर रहा है, वही दूसरी तरफ फर्रुखाबाद के लोग इस दावों को झूठा बता रहे हैं. वहीं शहर की तस्वीरें भी प्रशासन का साथ देती हुई नजर नहीं आ रही. गांव में चल रही जुगाड़ की नाव प्रशासनिक अमले को मुंह चिढ़ा रही हैं. स्थानीय लोगों ने प्रशासन और सांसद की पोल खोल कर रख दी है. प्रशासन लगातार राहत सामग्री, राशन किट और चिकित्सा सुविधा के साथ नाव लगाने के दावे कर रहा है, लेकिन ये दावे खोखले नजर आ रहे हैं. राजेपुर अमृतपुर में लोगों के घरों में छह फीट तक बाढ़ का पानी आ गया है. जलभराव के चलते लोगों को छतों पर रहना पड़ रहा है. जलभराव के अलावा लोगों को बिजली और पाने के पानी की समस्या है.
बता दें पहाड़ों में लगातार हो रही बारिश के कारण गंगा नदी में पानी छोड़ा जा रहा है. जिसके चलते गंगा खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. जानकारी के मुताबिक, तीन दिनों से नरौरा बांध से गंगा में 6 क्यूसेक से ज्यादा पानी छोड़ा जा रहा है. पांचाल घाट पर जलस्तर 137.40 मीटर पहुंच गया है. जिससे गंगा का और ज्यादा विकराल रूप दिखने लगा है. खतरे के निशान से 30 सेंटीमीटर (सेमी.) ऊपर जलस्तर पहुंचने से राजेपुर-अमृतपुर के बीच में बदायूं मार्ग पर पानी की धार तेज हो गई. इससे वाहनों का आवागमन बंद होने की आशंका सताने लगी है. वहीं रामगंगा का जलस्तर 136.70 मीटर पर चल रहा है. खो 9280, हरेली 291 और रामनगर बैराज से 3410 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है.
प्रशासन के दावे खोखले हो रहे साबित
जिला प्रशासन बाढ़ पीड़ितों को हरसंभव सहायता मुहैया कराने के दावे तो कर रहा है, लेकिन धरातल पर सारे दावे खोखले साबित हो रहे हैं. बाढ़ पीड़ितों तक कहीं कोई सरकारी मदद नहीं पहुंच पा रही है.