ब्यूरो: UP NEWS: बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के 3 फैसलों ने पूरी पार्टी को बेचैन कर दिया है। पार्टी के तमाम नेता फिलहाल मायावती के फैसलों को लेकर भविष्य की चर्चाएं कर रहे हैं। 4 दिनों के भीतर ही बसपा सुप्रीमो ने तीन बड़े ऐलान कर दिए हैं। मायावती ने रविवार, 16 फरवरी को अपने फैसलों से बसपा के साथ-साथ यूपी में भी सियासी हलचल बढ़ा दी है। अभी तक जिस मुद्दे को बसपा के भीतर निर्विवाद माना जा रहा था, अब उसी पर फिर मायावती ने मंथन के संकेत दे दिए हैं।
साल 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद से ही कयास लगाए जा रहे थे कि मायावती के भतीजे आकाश आनंद ही उनके उत्तराधिकारी होंगे। साल 2024 के चुनाव से पहले साल 2023 में मायावती ने उन्हें बसपा का नेशनल कोऑर्डिनेटर पद पर नियुक्त किया था। लेकिन साल 2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान उन्हें पद से हटा दिया। मायावती ने लोकसभा चुनाव खत्म होने के कुछ दिनों बाद ही आकाश आनंद को पार्टी के नेशनल कोऑर्डिनेटर पद पर नियुक्त कर दिया, जिसके बाद उन्हें दिल्ली और हरियाणा चुनाव की जिम्मेदारी भी दे गई। अब मायावती ने अपने फैसलों से कुछ और ही संकेत दे दिए हैं। इन फैसलों की शुरुआत 12 फरवरी से हुई थी।
12 फरवरी को क्या कहा?
12 फरवरी को मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद के ससुर अशोक सिद्धार्थ को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया। उन पर पार्टी में गुटबाजी करने का आरोप लगा। नितिन सिंह को भी बसपा से बाहर कर दिया गया।
16 फरवरी को किया बड़ा ऐलान
अब 16 फरवरी को बसपा चीफ ने अपने उत्तराधिकार को लेकर बड़ा ऐलान कर दिया। अब तक माना जा रहा था कि बसपा के राष्ट्रीय समन्वयक आकाश आनंद ही उनके उत्तराधिकारी होंगे। हालांकि रविवार को बसपा चीफ ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर सिलसिलेवार पांच पोस्ट किए। इनका कुल जमा अर्थ यह निकाला जा रहा है कि आकाश आनंद को लेकर भी बहन जी आश्वस्त नहीं हैं।
अब तक जिन आकाश आनंद को बसपा चीफ का सक्सेसर या उत्तराधिकारी माना जा रहा था, अब वह भी नहीं रहा। बसपा चीफ ने अपने पोस्ट में स्पष्ट लिखा- मान्यवर कांशीराम की तरह ही मेरे जीतेजी भी पार्टी व मूवमेंट का कोई भी वास्तविक उत्तराधिकारी तभी होगा जब वह भी, कांशीराम के अंतिम सांस तक उनकी शिष्या की तरह, पार्टी व मूवमेंट को हर दुःख-तकलीफ उठाकर, उसे आगे बढ़ाने में पूरे जी-जान से लगातार लगा रहे।