Friday 22nd of November 2024

योगी सरकार का फैसला, 'कोरोना में निराश्रित हुए बच्चों को भी मिलेगा अटल आवासीय विद्यालय योजना का लाभ'

Reported by: PTC News उत्तर प्रदेश Desk  |  Edited by: Shagun Kochhar  |  April 20th 2023 07:35 PM  |  Updated: April 20th 2023 07:35 PM

योगी सरकार का फैसला, 'कोरोना में निराश्रित हुए बच्चों को भी मिलेगा अटल आवासीय विद्यालय योजना का लाभ'

लखनऊ: निर्धन श्रमिकों के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए शुरू की गई अटल आवासीय विद्यालय योजना का लाभ अब कोरोना के कारण निराश्रित हुए बच्चों को भी मिल सकेगा। योजना की वर्तमान व्यवस्था में संशोधन के इस प्रस्ताव का उत्तर प्रदेश भवन एवं सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड की 57वीं बैठक में अनुमोदन किया गया था, जिसे शासन की ओर से एनओसी प्रदान कर दी गई है। योजना का मूल उद्देश्य भवन एवं सन्निर्माण प्रक्रियाओं में कार्यरत लाभार्थी पंजीकृत श्रमिकों के बच्चों को सामाजिक न्याय की अवधारणा के दृष्टिगत समाज की मुख्यधारा से जोड़े जाने और उनके बौद्धिक शारीरिक विकास एवं उनके संपूर्ण व्यक्तित्व का विकास करना है, ताकि वह भविष्य में देश के सशक्त नागरिक बन सकें। योजना में संशोधन के बाद अब श्रमिकों के बच्चों के साथ-साथ कोरोना काल में निराश्रित हुए बच्चों तथा मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के लिए पात्र बच्चों को भी इसका लाभ मिल सकेगा। इन बच्चों की सूची महिला कल्याण विभाग उपलब्ध कराएगा। योजना के अंतर्गत कक्षा 6 से 12 तक की निशुल्क गुणवत्तापूर्ण आवासीय शिक्षा उपलब्ध कराई जाएगी। 

 

नियमों का पालन करना होगा अनिवार्य 

उत्तर प्रदेश शासन से जारी आदेश में कहा गया है कि अटल आवासीय विद्यालय योजना की वर्तमान व्यवस्था में संशोधन का उत्तर प्रदेश भवन एवं सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड की ओर से सर्वसम्मति से अनुमोदन किया गया है। योजना में संशोधन पर इस शर्त के साथ एनओसी प्रदान की जा रही है कि बोर्ड इस संबंध में भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार (नियोजन तथा सेवाशर्त विनियमन) अधिनियम 1996 एवं संगत नियमावली 2009 का अनुपालन करेगा। साथ ही पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के सामाजिक सुरक्षा हितों का अनुरक्षण पात्र निर्माण श्रमिकों के हित में पूर्णतः सुनिश्चित कराएगा। इसमें आगे की कार्यवाही को सुनिश्चित करने के भी आदेश दिए गए हैं। 

पंजीकरण अवधि में भी हुआ संशोधन 

योजना की पात्रता शर्तों में भी संशोधन किया गया है। इसके तहत पंजीकृत निर्माण श्रमिक जो पंजीयन के उपरांत कम से कम 3 वर्ष बोर्ड की सदस्यता अवधि पूर्ण कर चुके हों, उनके बच्चों को ही प्रवेश दिया जाएगा। पहले यह अवधि सिर्फ एक वर्ष रखी गई थी। हालांकि, पंजीकृत कामगार परिवार के अधिकतम 2 बच्चों को विद्यालय में अध्ययन की पात्रता पहले जैसी ही है। प्रत्येक वर्ष निर्माण श्रमिकों के बच्चों एवं कोरोना काल में निराश्रित हुए बच्चों तथा मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के लिए पात्र बच्चों का प्रवेश अटल आवासीय विद्यालय समिति (एवीएस) द्वारा निर्धारित प्रक्रिया के आधार पर लिया जाएगा। 

राज्य सरकार उठाएगी खर्च 

कोरोना काल में निराश्रित हुए बच्चों तथा मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना (सामान्य) के लिए पात्र बच्चों के सापेक्ष होने वाले खर्च का भुगतान राज्य सरकार द्वारा अटल आवासीय विद्यालय समिति (एवीएस) को उपलब्ध कराया जाएगा, जिसके माध्यम से विद्यालयों को धनराशि प्रदान की जाएगी। इसके लिए अटल आवासीय विद्यालय समिति को किसी राष्ट्रीयकृत बैंक में अलग से खाते का संचालन करना होगा। योजना के तहत अनाथ बच्चों के लिए भी पहले यही नियम निर्धारित किया गया था, लेकिन अब इसमें कोरोना काल में निराश्रित बच्चों तथा मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के लिए पात्र बच्चों का नाम जोड़ दिया गया है।  

इसलिए खास होंगे ये विद्यालय

-इन विद्यालयों में पाठ्यक्रम नवोदय विद्यालय की भांति सीबीएसई बोर्ड व अंग्रेजी माध्यम से किया जाएगा। 

-प्रत्येक विद्यालय की छात्र क्षमता 1000 की होगी, जिसमें 500 छात्र एवं 500 छात्राएं होंगी। 

-विद्यालयों में बच्चों को गुणवत्तापूर्ण छात्रावास, खान-पान, खेलकूद, चिकित्सा, सुरक्षा आदि सुविधा प्रदान की जाएंगी।

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