Thu, Apr 25, 2024

CM योगी ने सहारनपुर से किया निकाय चुनाव प्रचार अभियान का शुभारंभ, बोले- नो कर्फ्यू नो दंगा, यूपी में सब चंगा

By  Shagun Kochhar -- April 24th 2023 04:35 PM -- Updated: April 24th 2023 04:37 PM
CM योगी ने सहारनपुर से किया निकाय चुनाव प्रचार अभियान का शुभारंभ, बोले- नो कर्फ्यू नो दंगा, यूपी में सब चंगा

CM योगी ने सहारनपुर से किया निकाय चुनाव प्रचार अभियान का शुभारंभ, बोले- नो कर्फ्यू नो दंगा, यूपी में सब चंगा (Photo Credit: File)

सहारनपुर: नो कर्फ्यू नो दंगा, यूपी में सब चंगा। रंगदारी ना फिरौती, अब यूपी नहीं है किसी की बपौती। माफिया-अपराधी हो गये अतीत, यूपी बना है सुरक्षा,-खुशहाली और रोजगार का प्रतीक। यूपी अब कर्फ्यू के लिए नहीं, कांवड़ यात्रा के लिए पहचाना जा रहा है। हमारी पहचान अब उपद्रव की नहीं, उत्सवों की है। यह प्रदेश माफिया नहीं, महोत्सव का प्रदेश बन चुका है। ये हमें तय करना है कि हमारे शहरों में शोहदों का आतंक हो या हम इसे सेफ सिटी बनाएंगे। हम अपने युवाओं के हाथों में तमंचा देखना चाहते हैं या टैबलेट और स्मार्टफोन। 


ये बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को जनता रोड स्थित महाराज सिंह डिग्री कॉलेज मैदान में चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए कहीं। सहारनपुर से पहली जनसभा के साथ मुख्यमंत्री के नेतृत्व में बीजेपी ने नगर निकाय चुनावों में जीत के लिए जोरदार अभियान शुरू कर दिया है। 


माफिया के उपचार के लिए हमारी पुलिस ही काफी- CM

जन समुदाय को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने यूपी के नगरों में बीजेपी सरकार की ओर से किए गए कार्यों को एक एक कर गिनाया। उन्होंने कहा कि आज मैंने मां शाकंभरी और माता बाला सुंदरी के आशीर्वाद से सहारनपुर से अपने चुनावी अभियान की शुरुआत की है। हमने बिना भेदभाव, बिना जाति, मत-मजहब देखे, सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास के साथ शासन की योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाया है। सहारनपुर से महापौर पद के लिए सुयोग्य चिकित्सक को हम आपके बीच लेकर आए हैं, जो यहां की सभी बीमारियों का उपचार करेंगे। माफिया के उपचार के लिए हमारी पुलिस ही काफी है।  


मैंने सहारनपुर की उपेक्षा को बहुत करीब से देखा है- CM

मुख्यमंत्री ने कहा कि यूपी का ये सीमांत जनपद अपनी समृद्ध ऐतिहासिक विरासत के लिए जाना जाता है। अपनी अद्भुत काष्ठ कला के लिए जगविख्यात यहां की शिल्पकला हो, मेहनती किसान हो, दूरदर्शी और सुशिक्षित युवा हों या फिर उद्योग व्यापार के क्षेत्र में प्रगति में निरंतर योगदान करने वाले हमारे व्यापारी बंधु। सहारनपुर यूपी का महत्वपूर्ण जनपद है। पिछले छह साल में एक दर्जन से अधिक बार यहां आया हूं। यहां इसलिए भी बार-बार आता हूं कि मैंने इसकी उपेक्षा को बहुत ही करीब से देखा है। यहां बिजली नहीं मिलती थी, दंगे और कर्फ्यू होते थे। बुनियादी सुविधाओं से भी सहारनपुर को वंचित रखा गया था। लखनऊ तो दूर, दिल्ली तक जाने में भी यहां से 7 से 8 घंटे लग जाते थे। आज दिल्ली की दूरी 3 घंटे में पूरी हो रही है। इस साल के अंत तक दिल्ली सहारनपुर, देहरादून एक्सप्रेसवे का काम पूरा कर दिया जाएगा। पहले युवाओं को डिग्री के लिए मेरठ जाना होता था। अब मां शाकंभरी के नाम पर विश्वविद्यालय की स्थापना होने जा रही है। 


2017 से पहले सरकारों को दंगा कराने से ही फुर्सत नहीं थी- CM

मुख्यमंत्री ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि 2017 से पहले सरकारों को दंगा कराने से ही फुरसत नहीं थी। यहां पर गुरुद्वारे से जुड़े मामले में दंगा कराते हुए सिख भाइयों पर हमले कराए गये थे। आज सहारनपुर तो क्या पूरे यूपी में कहीं कर्फ्यू नहीं लगता है। पहले शोहदों का आतंक था। लोग अपनी बेटियों को पढ़ने के लिए घर से दूर नहीं भेजते थे। आज यूपी में भयमुक्त वातावरण स्थापित हुआ है। जो लोग केवल जातिवाद की बात करते थे, उन्होंने अपनी ही जाति का सबसे ज्यादा शोषण किया। 


पीएम मोदी का विजन ही यूपी का मिशन है- CM 

सीएम ने कहा कि आज शहरी क्षेत्र बेहतरीन सर्विलांस सिस्टम के तौर पर विकसित हो रहे हैं। हम इसे सेफ सिटी के साथ जोड़ रहे हैं, जहां व्यापारी भी सुरक्षित, बेटियां भी सुरक्षित और शहर भी सुरक्षित होगा। यूपी के लिए हमने एक ही लक्ष्य रखा है, जो पीएम का विजन है, वही यूपी का मिशन है। डबल इंजन की सरकार ने बुलेट ट्रेन की तरह परिणाम दिया है। अब आप ट्रिपल इंजन की ताकत को इसमें जोड़ने का काम करें। नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायत में महापौर, चेयरमैन और पार्षद की ताकत को जोड़ने का कार्य करना है। जो पैसा दिल्ली और लखनऊ से आएगा, उसका सही उपयोग हो सकेगा। अब ये तय करना है कि हमें 2017 से पहले की जातिवादी सरकार चाहिए या गरीब कल्याण वाली सरकार। भ्रष्टाचार युक्त व्यवस्था चाहिए या भ्रष्टाचार मुक्त, युवाओं के हाथ में तमंचे हों या टैबलेट-स्मार्टफोन। गलियों में गोलियों की तड़तड़ाहट हो या भजन प्रवाह हो। रंगदारी वसूलने वाले चाहिए या स्ट्रीट वेंडर के हाथों में स्वनिधि योजना। हमें शोहदे चाहिए या सेफ सिटी। सड़ांध वाली गलियां चाहिए या स्मार्ट सिटी। 

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