Sunday 9th of March 2025

CM योगी ने प्रदेश के बजट को बताया ऐतिहासिक, बोले- GDP में हुई रिकॉर्ड वृद्धि

Reported by: PTC News उत्तर प्रदेश Desk  |  Edited by: Md Saif  |  March 05th 2025 07:00 PM  |  Updated: March 05th 2025 07:00 PM

CM योगी ने प्रदेश के बजट को बताया ऐतिहासिक, बोले- GDP में हुई रिकॉर्ड वृद्धि

ब्यूरो: UP Assembly Session:  विधान परिषद में बुधवार को सीएम योगी आदित्यनाथ ने बजट और प्रदेश के आर्थिक पक्ष का विस्तृत चित्रण प्रस्तुत किया। सीएम योगी ने कहा कि बजट में हम लोगों ने अंत्योदय से उन्नत अर्थव्यवस्था, ईज ऑफ लिविंग से ईज ऑफ डूइंग बिजनेस, कृषि से लेकर गरीब कल्याण, आस्था से आजीविका, शिक्षा से स्वावलंबन, संस्कृति से समृद्धि और महिला सशक्तिकरण को आगे बढ़ाते हुए विकसित उत्तर प्रदेश की आधारशिला रखी है। उत्तर प्रदेश की जनता को समर्पित इस बार का बजट 8 लाख 8 हजार 736 करोड़ रुपये का है। आर्थिकी को लेकर विपक्ष की समझ पर सवाल खड़ा करते हुए सीएम योगी ने कहा कि यह आपकी समझ से परे का विषय है। सीएम योगी ने कहा कि वर्ष 2023-24 में देश की जीडीपी 9.6 प्रतिशत की दर से वृद्धि दर्ज कर रही है, जबकि इस दौरान यूपी की जीएसडीपी 11.6 फीसदी रही।

उन्होंने बजट के आकार के बारे में बताया कि यह वर्ष 2016-17 की अपेक्षा ढाई गुना बड़ा तथा 2024-25 की तुलना में 10 फीसदी अधिक है। बढ़ा हुआ बजट का आकार केवल व्यय नहीं है, बल्कि अंतिम पायदान पर विकास की पहुंच सुनिश्चित करने का माध्यम भी है। सीएम योगी के अनुसार, यह प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि के साथ प्रदेश के आर्थिक विकास को तेज करने की ईमानदार प्रतिबद्धता को दोहराने का कार्य कर रहा है। 2 लाख 25 हजार करोड़ रुपये की धनराशि केवल कैपिटल एक्सपेंडिचर की है, जो विकास की गति को तीव्र करती है। 2016-17 की तुलना में प्रति व्यक्ति आय को दोगुने तक बढ़ाने में मदद मिली है।

 

खर्च को लेकर बजट में प्रावधान पर सीएम योगी ने रखा पक्ष

सीएम योगी ने बजट के आर्थिक पक्षों पर चर्चा करते हुए समाजवादी पार्टी के विधायकों पर टिप्पणी भी की। उन्होंने कहा कि इन्हें अक्सर शिकायत रहती है कि आप बजट के दायरे को क्यों बढ़ा रहे हैं। बजट में केवल खर्च को ही नहीं बढ़ाया जाता है, बल्कि घाटे को भी नियंत्रित किया जाता है। इसे वित्तीय अनुशासन का सबसे अच्छा उदाहरण माना जाता है। इसके लिए रिजर्व बैंक ने भी लिमिट तय की है। प्रदेश की जीएसडीपी का राजकोषीय घाटा 3 फीसदी से कम यानी 2.97 प्रतिशत है। यह भी तब है जब सरकार ने पिछले 8 वर्ष में कोई नया टैक्स नहीं लगाया है, बल्कि डीजल और पेट्रोल पर वैट कम किया है जो सरकार की प्रतिबद्धता व राजनीतिक इच्छाशक्ति को दर्शाता है। हमने भ्रष्टाचार को रोककर सर्वांगीण विकास के लिए भी सभी विभागों को पैसा दिया है। सीएम ने कहा कि हमने पीएलए की प्रथा को खत्म किया। विकास के लिए अब पैसे की कमी नहीं है। वह दिन गए जब 100 करोड़ की योजना के लिए एक रुपया दिया जाता था। सपा पर कटाक्ष करते हुए सीएम योगी ने कहा कि जब हम सत्ता में आए तो हमें हजारों करोड़ रुपये आपके पिछले पाप धोने के लिए खर्च करने पड़े।

  

8 वर्षों में बढ़ी पारदर्शिता, प्रदेश का वित्तीय अनुशासन अनुकरणीय

सीएम योगी ने कहा कि पिछले 8 वर्षों में पारदर्शिता बढ़ी है। कार्यों की पूर्ति की निर्धारित प्रक्रिया है, जिसमें वक्त लगता है मगर उसके पूरा होने की गारंटी है। नीति आयोग ने उत्तर प्रदेश को अपना वित्तीय अनुशासन बनाए रखने के लिए देश के अग्रणी राज्यों की श्रेणी में रखा है। 25 करोड़ की आबादी के बाद भी हम रेवेन्यू सरप्लस स्टेट हैं। एक समय था जब कोई लोन देने या निवेश करने को तैयार नहीं होता था, वहीं आज हम प्रोजेक्ट तैयार करते हैं तो बैंकों की लाइन लगती है। प्रदेश को लेकर देश में परसेप्शन बदला है। विपक्ष को अपने पिछले कार्यों के लिए जनता से माफी मांगना चाहिए।

 

नीति आयोग और आरबीआई के आंकड़ों का किया उल्लेख

सीएम योगी ने कहा कि नीति आयोग के अनुसार प्रदेश का फिसकल हेल्थ इंडेक्स बढ़ा है। रिजर्व बैंक की वर्ष 2024-25 की रिपोर्ट के अनुसार, देश के सभी राज्यों की कर की प्राप्ति में यूपी का अंश 2022-23 में 9.9 प्रतिशत, 2023-24 में 10.5 तथा 2024-25 में 11.6 फीसदी रहा है। राजस्व प्राप्ति के सापेक्ष ब्याज पर व्यय उत्तर प्रदेश में बाकी राज्यों से कम है। हम कर्ज कम लेकर अपने रेवेन्यू का इस्तेमाल प्रदेश के विकास में कर रहे हैं। यूपी की जीएसडीपी 1950 से 2017 तक 12.75 लाख करोड़ तक थी, जिसे 2025 तक 27.51 करोड़ करने में सफलता हासिल हुई है। वित्तीय वर्ष 2025-26 के अंत तक सरकार इसे 32 लाख करोड़ तक पहुंचाने के लक्ष्य के साथ काम कर रही है।

 

कई योजनाओं में देश में अव्वल है उत्तर प्रदेश

सीएम योगी ने कहा कि यूपी डिजिटल लेनदेन में नंबर एक पर है। डीबीटी के माध्यम से लाभार्थियों तक पैसा पहुंचाने में भी उत्तर प्रदेश नंबर वन है। फॉरेन डायरेक्ट इनवेस्टमेंट (एफडीआई) को भी प्रदेश में आकर्षित करने में सफलता मिली है। पूरे देश में 7.40 करोड़ लोग आयकर भर रहे हैं जबकि उत्तर प्रदेश में 71 लाख 65 हजार लोग इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते हैं।

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