मुख्यमंत्री ने कहा कि थाना प्रबंधन पुलिस सिस्टम का बैकबोन है, इसे मजबूत करने के लिए आपसी समन्वय बहुत जरूरी है। प्रदेश के सभी थानों पर मेरिट के आधार पर थानाध्यक्षों की तैनाती की जाय ताकि थाने पर पहुंचने वाले पीड़ित को संवेदनशीलता के साथ तत्काल मदद मिले। मुख्यमंत्री ने पुलिस के बुनियादी ढांचे पर चर्चा करते हुए कहा कि, ग्रामीस से लेकर शहरी थानों में ऐसी व्यवस्था हो, जिससे थाने कॉरपोरेट लुक में दिखे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्मार्ट पुलिसिंग के लिए पुलिस विभाग के पास बजट की कमी नहीं है। थानों से लेकर ऑफिसर्स तक के ऑफिस की आधुनिक तकनीक से लैस किया जाए। वहीं मुख्यमंत्री ने कहा कि थानों में पार्किंग की भी बेहतरीन व्यवस्था सुनिश्चित करें, जिससे यहां आने वाले फरियादी या जनमानस को कोई समस्या न हो। मुख्यमंत्री ने पुलिस कमिश्नरेट भवन के निर्माण में तेजी लाने के निर्देश दिए, उन्होंने पुलिस अधिकारियों को पुलिस इंफ्रास्ट्रक्चर के विस्तार को होरिजेंटल की जगह वर्टिकल की दिशा में बढ़ाने के निर्देश दिए।
साइबर अपराध की समीक्षा
साइबर अपराध: उभरती चुनौती पर सतत निगरानी
मा० मुख्यमंत्री जी ने प्रदेश में साइबर अपराध से जुड़े मामलों की समीक्षा करते हुए कहा कि साइबर क्राइम वर्तमान समय की एक गंभीर एवं निरंतर बढ़ती चुनौती है, जिसके शिकार विभिन्न माध्यमों से आम नागरिक हो रहे हैं। इसकी शिकायतें अनेक स्तरों पर शासन तक पहुंच रही हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस चुनौती से निपटने के लिए समन्वित, बहुस्तरीय और दूरदर्शी रणनीति के साथ कार्य करना अनिवार्य है।
जन-जागरूकता: बीसी सखी मॉडल का प्रभावी उपयोग
मुख्यमंत्री जी ने कोविड काल से प्राप्त अनुभवों का उल्लेख करते हुए बीसी सखी नेटवर्क के माध्यम से व्यापक जन-जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पंचायत स्तर पर गांव–गांव साइबर अपराध के स्वरूप, उससे बचाव के उपायों एवं सतर्कता संबंधी जानकारी पहुंचाई जाए, जिससे नागरिक स्वयं को सुरक्षित रख सकें।
त्वरित प्रतिक्रिया प्रणाली एवं पुलिस की सक्रिय भूमिका
मा० मुख्यमंत्री जी ने कहा कि साइबर अपराध की रोकथाम में त्वरित सूचना, शीघ्र कार्रवाई और प्रभावी रिस्पांस अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने प्रदेश के सभी पुलिस थानों को बीसी सखी के साथ समन्वय बनाकर जन-जागरूकता एवं शिकायत निस्तारण को और अधिक सुदृढ़ करने के निर्देश दिए।
सुदृढ़ अवसंरचना: साइबर मुख्यालय एवं 1930 हेल्पलाइन का विस्तार
मुख्यमंत्री जी ने साइबर मुख्यालय के निर्माण एवं 1930 हेल्पलाइन के विस्तार पर विशेष जोर देते हुए कहा कि मजबूत तकनीकी अवसंरचना से साइबर अपराध की रोकथाम के लिए एक प्रभावी ढांचा तैयार किया जा सकेगा। मुख्यमंत्री ने प्रदेश में साइबर मुख्यालय के निर्माण पर जोर देते हुए कहा कि ऐसे अपराधों पर त्वरित रिस्पॉन्स ही त्वरित सहायता की कड़ी बनेगा और पीड़ित को सहायता मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने साइबर अपराध के विरुद्ध उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा अब तक किए गए प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि भविष्य की चुनौतियों के दृष्टिगत इन प्रयासों को और अधिक सशक्त बनाया जाएगा।