लखनऊ: मैदानी इलाक़ों में तापमान में इज़ाफा होता जा रहा है। उत्तर प्रदेश भी इससे अछूता नहीं है। राजधानी लखनऊ में भी जैसे-जैसे पारा बढ़ रहा है, वैसे-वैसे चिड़ियाघर में जानवर भी गर्मी से परेशान होने लगे हैं। जानवरों को इस भीषण गर्मी से बचाने के लिए तमाम तरह के ज़रुरी इंतज़ाम किए गए हैं।
जानवरों के लिए जहां कूलर, तालाबों में पानी और पानी फेंकने वाले पंखों और फव्वारों की सहूलियत की गई है, वहीं जानवरों के खाने में भी बदलाव किया गया है। मांसाहारी जानवरों के खाने में कमी की गई है। चिड़ियाघर प्रशासन द्वारा बाघ को खाने में मांस की खुराक को कम किया गया है। गर्मी से बचाव के लिए उन्हें ग्लूकोज और रसदार फल दिए जा रहे हैं। वहीं, अन्य जानवरों के लिए भी ताज़ी हरी घास के साथ, हर बाड़े में पानी का ख़ास ख्याल रखा जा रहा है। हालांकि ये और बात है कि बढ़ती गर्मी की वजह से ये इंतज़ाम भी नाकाफी साबित हो रहे हैं।
जानकारी के मुताबिक़ प्रशासन ने खुली जगहों में वन्यजीवों के लिए मैदान में पाइप लाइन डालकर बाक़ायदा फव्वारे का इंतज़ाम भी किया है। वहीं, कुछ जानवरों के लिए अस्थाई तौर पर छप्पर बनाए जा रहे हैं, ताकि जानवर गर्मी के मिज़ाज का मुक़ाबला कर सकें और आराम पा सकें।
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यही नहीं तपती गर्मी को देखते हुए जानवरों के बाड़ों में कूलर भी लगाए जा रहे हैं। गर्मी से राहत देने के लिए जानवरों को प्रेशर पंप से भी नहलाया जा रहा है और फव्वारे के नीचे भी जानवर आनंद लेते हुए नहा रहे हैं। फव्वारों के नीचे नहाकर जानवरों को तपती गर्मी से काफी हद तक निजात मिल रही है।
ख़ासतौर पर शेर, बाघ और तेंदुआ के पिंजरों में कूलर लगाए जा रहे हैं। इसके साथ ही चिड़ियाघर में शेर, तेंदुआ, और चीता के साथ बाक़ी जानवरों के लिए भी कूलर लगाए जाने की योजना है। कुल-मिलाकर गर्मी से जानवरों को बचाने की पूरी तैयारी की गई हैं।
लखनऊ के नवाब वाजिद अली शा जू गार्डन के मुख्य वन संरक्षक अधिकारी ने बताया कि तमाम जानवरों को गर्मी से निजात दिलाने की हर मुमकिन कोशिश की जा रही हैं।
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