Lucknow: बेटियों की शिक्षा, सुरक्षा, आत्मनिर्भरता और कैरियर निर्माण के लिए लगातार नई पहल हो रही है। इसी कड़ी में कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय (केजीबीवी) की छात्राओं के लिए शुरू किया गया ‘पंख पोर्टल’ आज एक परिवर्तनकारी डिजिटल पहल बन चुका है, जो राज्य सरकार की बेटियों के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
समग्र शिक्षा अभियान और यूनिसेफ के सहयोग से विकसत यह पोर्टल सिर्फ बेटियों को सपने दिखाने तक सीमित नहीं है, बल्कि उन्हें पूरा करने की रणनीति भी सिखा रहा है। सरकार की यह पहल एक मिसाल बन रही है कि अगर बेटियों को सही दिशा, प्लेटफॉर्म और आत्मविश्वास मिले, तो वे अपनी दुनिया खुद गढ़ सकती हैं और यह पोर्टल’ उत्तर प्रदेश की बेटियों के सपनों को नया आसमान दे रहा है और प्रदेश को गर्व से कहने का अवसर दे रहा है कि 'हमारी बेटियां अब सबकुछ कर रही हैं।'
‘पंख पोर्टल’: डिजिटल प्लेटफॉर्म से आत्मनिर्भरता की ओर:
‘पंख पोर्टल’ के माध्यम से केजीबीवी की छात्राओं को न केवल शैक्षणिक क्षमताओं को निखारने का अवसर मिल रहा है, बल्कि वे रक्षा, इंजीनियरिंग, वाणिज्य, चिकित्सा, खेल, संगीत, पेंटिंग, लेखन, वाद-विवाद जैसे विविध कैरियर विकल्पों की जानकारी भी प्राप्त कर रही हैं। यह पोर्टल छात्राओं को रुचि के अनुसार कैरियर चयन, आत्मविश्वास बढ़ाने और समस्याओं को सुलझाने की तार्किक दृष्टि प्रदान कर रहा है, जिससे बेटियों में यह भावना मजबूत हो रही है कि 'हम भी सबकुछ कर सकते हैं!'
हर केजीबीवी में स्थापित है कैरियर कार्नर:
हर उच्चीकृत कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय (केजीबीवी) में वार्डेन की अध्यक्षता में सक्रिय कैरियर कॉर्नर स्थापित किया गया है, जहां कंप्यूटर और मनोविज्ञान में दक्ष नोडल शिक्षिकाएं नियमित रूप से छात्राओं को कैरियर मार्गदर्शन दे रही हैं। कक्षा 6 से 12 की छात्राएं uppankh.in पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कर अपनी करियर योजना तैयार करती हैं, जिसे वे अपनी व्यक्तिगत डायरी में दर्ज करती हैं। वार्डेन नियमित रूप से डायरी में अंकित प्रविष्टियों की समीक्षा कर, छात्राओं को योजनाओं को सटीक और व्यावहारिक बनाने में मदद करते हैं, जिससे उनका आत्मविश्वास और स्पष्टता दोनों बढ़ती है। यूनिसेफ के सहयोग से तैयार 50 कैरियर गाइडेंस कार्ड स्कूलों में चर्चा और संवाद के केंद्र बने हुए हैं, जबकि बड़े आकार के माइंड मैप फ्लैक्स कैरियर कॉर्नर में रचनात्मक बातचीत और विचारों के आदान-प्रदान को बढ़ावा दे रहे हैं। इस पूरी व्यवस्था की राज्य से लेकर जिला स्तर तक सघन निगरानी की जा रही है। वार्डेन, जिला समन्वयक (बालिका शिक्षा) और जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी नियमित प्रगति रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं, ताकि राज्य स्तर पर प्रत्येक माह मॉनिटरिंग की जा सके और योजना की सफलता को सुनिश्चित किया जा सके। इसके अलावा, मार्गदर्शन की गुणवत्ता को और मजबूत करने के लिए राज्य स्तर पर समय-समय पर ऑनलाइन वेबिनार और विशेष प्रशिक्षण आयोजित किए जा रहे हैं, जिससे नोडल शिक्षिकाएं और वार्डेन छात्राओं की सहायता में लगातार दक्ष बन सकें।
बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने कहा “योगी सरकार का लक्ष्य सिर्फ शिक्षा देना नहीं, बल्कि हर बेटी को उसकी प्रतिभा और क्षमता के अनुसार सही दिशा देना है। ‘पंख पोर्टल’ के जरिए हम बेटियों को आत्मनिर्भर भारत का मजबूत स्तंभ बना रहे हैं। बेटियों की उड़ान ही प्रदेश का भविष्य है। योगी सरकार के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में मिशन शक्ति अभियान, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, स्कूलों में डिजिटल विस्तार के अंतर्गत आई सी टी लैब्स की स्थापना और बेटियों के लिए विशेष योजनाओं पर सतत कार्य हो रहा है। सरकार का स्पष्ट संदेश है कि बेटियों की शिक्षा व कैरियर सर्वोपरि है; क्योंकि सशक्त बेटी ही सशक्त प्रदेश और सशक्त राष्ट्र की आधार शिला है।”