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यूपी में भीषण गर्मी से हाल बेहाल, जानिए कैसे रखें अपना ख्याल

By  Shagun Kochhar -- June 20th 2023 03:31 PM
यूपी में भीषण गर्मी से हाल बेहाल, जानिए कैसे रखें अपना ख्याल

यूपी में भीषण गर्मी से हाल बेहाल, जानिए कैसे रखें अपना ख्याल (Photo Credit: File)

लखनऊ(जय कृष्णा): यूपी में भीषण गर्मी से आम जनमानस का हाल बेहाल है। तेज धूप, गर्म हवाओं और तपिश के कारण लोगों का घर से बाहर निकलना तक मुहाल हो चुका है। कुछ जिलों में हीट वेव जानलेवा भी साबित हो रही। हालांकि मौसम विभाग के मुताबिक अगले 24 घंटे में पूरे प्रदेश में सामान्य बारिश हो सकती है। लेकिन उमस से निजात मिलना मुश्किल है। प्रदेश के अस्पतालों में इन दिनों मरीजों की भीड़ लगी हुई है। यही कारण है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने सभी अस्पतालों में मरीजों के इलाज की सुविधाओं को बेहतर करने के निर्देश दिए हैं।


सिविल अस्पताल के वरिष्ठ फिजिशियन डॉक्टर एके श्रीवास्तव के मुताबिक इन दिनों भीषण गर्मी पड़ रही है। ऐसे में अस्पताल में भी डिहाइड्रेशन और बीपी कम और ज्यादा होने की शिकायत लेकर मरीज पहुंच रहे हैं। इसके अलावा अस्पताल की इमरजेंसी में भी अचानक चक्कर खाकर गिरने वाले मरीजों की संख्या भी बढ़ रही है। उन्होंने बताया कि इस मौसम में सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है, कि लोग अपनी सेहत के प्रति जागरूक रहें बहुत ही ज्यादा जरूरी होने पर ही घर के बाहर निकले। ऐसे लोग जिन्हें घर के बाहर निकलना जरूरी है, वह भी पूरे एतिहाद के साथ घर के बाहर कदम रखें।


उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में तापमान 42 से 45 डिग्री सेल्सियस पहुंच रहा है। ऐसे में बहुत ज्यादा जरूरी है, कि लोग अपना ख्याल रखें। उन्होंने कहा कि अगर घर में बुजुर्ग और बच्चे हैं। तो उनका विशेषकर ख्याल रखना चाहिए क्योंकि इस मौसम में बच्चे निमोनिया और डायरिया की चपेट में आ जाते हैं। ऐसे मौसम में अगर कोई भी व्यक्ति डायरिया से पीड़ित है तो सबसे पहले अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जाएं और इलाज सुनिश्चित करें। इसके अलावा घर पर ही ओआरएस और मूंग के दाल की गीली खिचड़ी खाएं। एक बार में भरपेट खाना खाने की वजह दिन में थोड़ा-थोड़ा कुछ न कुछ खाते रहे, जिससे पेट में भारीपन भी नहीं होगा और व्यक्ति को ठीक भी लगेगा।


हीट स्ट्रोक लक्षण

- शरीर का तापमान बढ़ा हुआ (104°F)

- पसीना आना बंद होना. पसीने की ग्रंथि का निष्क्रिय होना

- मांसपेशियों में ऐंठन, चिपचिपी त्वचा

- त्वचा एवं शरीर का लाल होना जी मचलाना व उल्टी होना, चक्कर आना

- सिर का भारीपन, सिरदर्द, चक्कर आना

- भ्रांति व उलझन में होना

- अल्पमूत्रता व पेशाब का कम आना

- मानसिक असंतुलन

- सांस की समस्या, श्वसन प्रक्रिया तथा धड़कन तेज होना


हीट इग्जॉस्चन के लक्षण

- अत्यधिक प्यास

- शरीर का तापमान बढ़ा हुआ (100.4°F से 104°F) 

- मांसपेशियों में ऐंठन

- चक्कर आना

- जी मिचलाना

- उल्टी होना सिर का भारीपन

- सिरदर्द रक्तचाप का कम होना भ्रांति

- उलझन में होना अल्पमूत्रता

- पेशाब का कम आना अधिक पसीना एवं चिपचिपी त्वचा


प्राथमिक इलाज

- व्यक्ति को तुरंत पंखे के नीचे तथा छायादार ठंडे स्थान पर ले जाये

- कपड़ों को ढीला करें

- शरीर को गीले कपड़े से स्पंज करे

- ओआरएस का घोल पिलाये

- निम्बू का पानी नमक के साथ पिलाये

- मांसपेशियों पर दबाव डालें तथा हल्की मालिश करें

- शरीर के तापमान को बार बार जांचें

- यदि कुछ समय में सामान्य न हो तो तुरंत चिकित्सा केंद्र ले जाये


क्या करें...

- जितनी बार हो सके पानी पियें, प्यास न लगे तो भी पानी पियें

- हल्के रंग के ढीले ढीले सूती कपड़े पहनें

- धूप से बचने के लिए गमछा, टोपी, छाता, धूप का चश्मा, जूते और चप्पल का इस्तेमाल करें

- सफर में अपने साथ पानी रखें 

- शराब, चाय, कॉफी जैसे पेय पदार्थों का इस्तेमाल न करें, यह शरीर को निर्जलित कर सकते हैं

- अगर आपका काम बाहर का है तो, टोपी, गमछा या छाते का इस्तेमाल जरूर करें और गिले कपड़े को अपने चेहरे, सिर और गर्दन पर रखें. अगर आपकी तबियत ठीक न लगे या चक्कर आए तो तुरन्त डॉक्टर से सम्पर्क करें

- घर में बना पेय पदार्थ जैसे कि लस्सी, नमक चीनी का घोल, नींबू पानी, छांछ, आम का पना इत्यादि का सेवन करें

- जानवरों को छांव में रखें और उन्हें खूब पानी पीने को दें 

- अपने घर को ठंडा रखें, पर्दे, शटर आदि का इस्तेमाल करे

- रात में खिड़कियां खुली रखें.

- फैन, ढीले कपड़े का उपयोग करें

ठंडे पानी से बार-बार नहाएं


क्या न करें...

- धूप में खड़े वाहनों में बच्चों एवं पालतू जानवरों को न छोड़ें

- खाना बनाते समय कमरे के दरवाजे के खिड़की एवं दरवाजे खुले रखें. जिससे हवा का आना जाना बना रहे 

- नशीले पदार्थ, शराब और अल्कोहल के सेवन से बचें

- उच्च प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ का सेवन करने से बचें, बासी भोजन न करें

- खिड़की को रिफ्लेक्टर जैसे एल्युमीनियम पन्नी, गत्ते इत्यादि से ढक कर रखें, ताकि बाहर की गर्मी को अन्दर आने से रोका जा सके

- उन खिड़कियों व दरवाजों पर जिनसे दोपहर के समय गर्म हवाएं आती है, काले पर्दे लगाकर रखना चाहिए.

- स्थानीय मौसम के पूर्वानुमान को सुनें और आगामी तापमान में होने वाले परिवर्तन के प्रति सतर्क रहें

- इस स्थिति से निपटने के लिए प्राथमिक उपचार का प्रशिक्षण लें

- बच्चों व पालतू जानवरों को कभी भी बंद वाहन में अकेला न छोड़े

- जहां तक संभव हो घर मे ही रहें तथा सूर्य के सम्पर्क से बचें

- सूर्य के ताप से बचने के लिए जहां तक संभव हो घर की निचली मंजिल पर रहें

- संतुलित, हल्का व नियमित भोजन करें

- घर से बाहर अपने शरीर व सिर को कपड़े या टोपी से ढक कर रखें

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