फर्रुखाबाद: जिले में बाढ़ से हुई तबाही थम नहीं रही है. एक बार फिर से गंगा नदी उफान पर है. जिसके बाद ग्रामीणों की समस्याएं और भी बढ़ गई हैं. जानकारी के मुताबिक, गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से 20 सेंटीमीटर ऊपर पहुंच गया है.
ग्रामीणों की बढ़ी परेशानी
बाढ़ से मची तबाही के कारण पहले ही लोग परेशान थे. ग्रामीणों के घरों तक बाढ़ का पानी घुस गया था. वहीं अब एक बार फिर गंगा का जलस्तर बढ़ने से ग्रामीणों की मुश्किलें भी बढ़ती हुई नजर आ रही हैं. लोगों के घरों में पानी घुस जाने के कारण अब लोग सड़कों पर रहने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है. यही नहीं लोगों को कूड़ा निस्तारण केन्द्रों में भी राते गुजारनी पड़ी रही हैं.
बाढ़ शरणालयों पर जड़ा ताला
लोगों को सड़कों पर भटकने के लिए इसलिये मजबूर होना पड़ रहा है क्योंकि सरकार द्वारा बनवाए गए बाढ़ शरणालयों में ताला जड़ा है या फिर पानी में डूबे होने से ग्रामीण सड़कों के किनारे तो कोई कूड़ा निस्तारण केन्द्रो में डेरा जमा रहे हैं. वहीं अधिकारियों का कागजी दावा बाढ़ पीड़ितों के जले पर नमक छिड़कने जैसा ही देखा जा रहा है.
फर्रुखाबाद के विकास खंड राजेपुर,अमृतपुर, कमालगंज, शमसाबाद क्षेत्रों में बाढ़ के हालात बद से बत्तर होने के बाद जिला प्रशासन जैसे सो रहा हो. बाढ़ के पानी से अभी तक जिले में 18 लोग अपनी जान से हाथ धो बैठे है. वहीं अधिकारियों की मानें तो मजह जिले के 74 ग्राम ही बाढ़ से प्रभावित होने का दावा जिला प्रशासन कर रहा है. जिले में किसानों की अगर बात की जाए तो बाढ़ प्रभावित इलाकों में अभी तक जिला प्रशासन को 741 हेक्टेयर फसले जलमग्न होने का दावा जिला प्रशासन कर कर रहा है.