फर्रुखाबाद: सावन के दूसरे सोमवार के मौके पर भक्तों में कांवड़ चढ़ाने को लेकर गजब की श्रद्धा है. कांवड़ियों का जोश और जुनून देखते ही बनता है. कांवरियों में महिलाएं भी शामिल हैं.
भक्त गंगा तट पर कांवड़ में गंगा जल भरने पहुंचे
भोले बाबा को प्रसन्न करने के लिए प्रदेश के भक्त श्रंगीरामपुर, पांचाल घाट, ढाई घाट के गंगा तट पर कांवड़ में गंगा जल भरने आ पहुंचे हैं. उनकी यह साधना वर्षों पुरानी है. भोले बाबा ने उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी की हैं और इसलिए उन्हें भोले पर ही भरोसा है. तीन-चार सौ किलोमीटर पैदल चलकर पृथ्वी राज चौहान द्वारा स्थापित वन खंडेश्वर शिव मंदिर, गोला गोखरन नाथ मंदिर और उज्जैन, पुठरी मंदिर, पांडा बाग मंदिर में कांवड़ में रखा गंगा जल चढ़ाने से भोले बाबा उनकी हर मनोकामना पूरी करते हैं.
कांवड़िया मेले में उमड़ा कांवड़ियों का सैलाब
ऐतिहासिक तीर्थ स्थल पांचालघाट में सावन तक चलने वाले कांवड़िया मेले में कांवड़ियों का सैलाब उमड़ पड़ा. इटावा बरेली मार्ग पर कांवड़ियों के जत्थों की लाइनें टूटने का नाम ही नहीं ले रही थीं. पांचाल घाट पर जाम की स्थिति बनी रही. कानपुर-फतेहगढ़ मार्ग से गुजरने वाले वाहनों को निकालने के लिये पुलिस को मशक्कत करनी पड़ी. वहीं पांचाल घाट गंगा तट से जल भरकर भोले तेरी बम के जयघोष के साथ कांवड़ियों के जत्थे शिवालयों की ओर रवाना होने शुरू हो गए. कांवड़ियों के जत्थे में महिलाएं भी शामिल रहीं.
'कांवड़ चढ़ाने से हर मनोकामना होती है पूरी'
सावन के दूसरे सोमवार में चलने वाले कांवड़िया मेले में भीड़ शुरू हो गयी है. मेले में लगी कांवड़ सजाने के सामान आदि की दुकानों पर भी रौनक नजर आने लगी. पड़ोसी जनपद एटा, इटावा, कन्नौज हरदोई एटा आदि के अलावा मध्य प्रदेश के ग्वालियर, भिंड, मुरैना, दतिया आदि से भी कांवड़िए यहां आते हैं. हर जत्थे के साथ उनके निजी रक्षक भी हाथ में डंडे और हाकी लिए मुस्तैद नज़र आ रहे हैं. पैरों में घुंघरू बांधे कांवड़िए विशेष तर्ज में साखी गाते हुए आगे बढ़ रहे हैं. हरदोई से आए कांवड़िए ने बताया कि कांवड़ चढ़ाने से उनकी हर मनोकामना पूरी होती है. सावन के दूसरे सोमवार के मौके पर जिले के शिव मंदिरों में भक्तों में कांवड़ चढ़ाने को लेकर गजब की श्रद्धा है. कांवड़ियों का जोश और जुनून देखते ही बनता है.