फर्रुखाबाद: गंगा में आई बाढ़ से कई गांव सड़के जलमग्न हैं। बाढ़ के पानी से हर तरफ तबाही है। खेतों में खड़ी फसलें डूब गईं हैं। कई मकान गंगा में समा गए हैं। हर तरफ सिर्फ पानी ही पानी है।
शमसाबाद-जरियनपुर मुख्य मार्ग पर एक किमी दूरी तक तीन-तीन फीट पानी भरा है। यह पानी बैलगाड़ी और ट्रैक्टर मालिकों के लिए कमाई का जरिया बन गया। एक बाइक निकालने के बदले में 50 रुपये वसूले जा रहे हैं।
आपदा को अवसर बना रहे लोग
फर्रुखाबाद में गंगा में बढ़े जलस्तर ने 10 साल का रिकार्ड तोड़ दिया है। गंगा नदी बाढ़ के खतरे के निशान से 15 सेमी ऊपर बह रही है। शमसाबाद अमृतपुर राजेपुर क्षेत्र के 150 से ज्यादा ग्राम बाढ़ से प्रभावित हैं, 3 दर्जन से अधिक ग्रामों का संपर्क मार्ग कट गया है। निजी नावों का सहारा लेकर ग्रामीण आवागमन कर रहे। वहीं स्थनीय लोगों ने आपदा को अवसर बना लिया है। शमसाबाद, शाहजहांपुर, बदायूं, फर्रुखाबाद, बदायूं बरेली रोड पर दोपहिया वाहनों के निकलने पर रोक लगी है। शमसाबाद बदायूं रोड पर बाइक सवार ट्रैक्टरों का सहारा लेकर राहगीर निकल रहे हैं।
पैसे लेकर बैलगाड़ी पर रास्ता पार करवा रहे लोग
शमसाबाद-जरियनपुर-शाहजहांपुर जाने वाले मुख्य मार्ग पर चौराहार गांव के सामने रोड पर करीब तीन-तीन फीट पानी बह रहा है। इससे बाइक सवारों को खासी दिक्कत हो रही है। बाढ़ के पानी को पार कराने के लिए आसपास के ग्रामीण बैलगाड़ी और ट्रैक्टर लेकर सड़क के दोनों ओर खड़े हैं। एक बाइक सवार से 50 रुपये लेकर एक किमी की दूरी तय कराते हैं। वहीं राहगीरों ने बताया कि वो जलालाबाद जा रहे थे। रास्ते में पानी सड़क पर भरा था। उन्होंने बैलगाड़ी पर बाइक रखकर पार किया। इसके बदले 50 रुपये लिए गए हैं।
शमशान घाट पानी में डूबे
गंगा की बाढ़ में शमशान घाट भी डूब चुके हैं। पांचाल घाट पर अंतिम संस्कार करने आने वाले लोग पानी में होकर कुछ बीच में दिख रहे टापू पर शव का अंतिम संस्कार कर रहे हैं, जबकि शमसाबाद क्षेत्र में लोग सड़क के किनारे चिताएं चलाने को मजबूर हैं।