फर्रुखाबाद: जिले में गंगा का बाढ़ का पानी अपने रौद्र रूप में कहर बरपा रहा है. बांधों से 3 दिन से लगातार 6 लाख क्यूसेक पानी गंगा में छोड़ा जा रहा है. जिससे अमृतपुर राजेपुर क्षेत्र के लगभग 85 गांव जलमग्न हो चुके हैं. अधिकांश गांव का संपर्क मार्ग कट चुका है.
जानकारी के मुताबिक, गांव के मुख्य मार्गों पर दो से 3 फीट पानी बह रहा है. लोगों को मदद कागजों में मिल पा रही है. वहीं धरातल पर हालात खराब हैं. घरों में बाढ़ का पानी भरा होने से पीड़ित सड़कों पर पॉलिथीन के नीचे परिवार सहित गुजर बसर कर रहे हैं.
गंगा का बढ़ता जा रहा जलस्तर
पहाड़ों पर लगातार बारिश होने और बांधों से गंगा में लगातार पानी छोड़े जाने से गंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर चल रहा है. गंगा का जलस्तर 137.40 मीटर दर्ज किया गया है. नरौरा बांध से गंगा में 257146 क्यूसेक पानी छोड़ा गया. जिससे गांव में बाढ़ का पानी भरा हुआ है. घरों में बाढ़ का पानी भरा होने से पीड़ित सड़कों पर पॉलिथीन के नीचे परिवार सहित गुजर कर रहे हैं.
प्रशासन से मदद की गुहार
राजेपुर की ब्लॉक भरका पट्टी, बमयारी, माखन नगरा, बुढ़वा के लोग बाढ़ के पानी से निकलने को मजबूर हैं. मंजा की मढैया गांव बाढ़ के पानी से झाबुआ ग्रामीण सोतानाला नाव से पार कर आवागमन कर रहे हैं. बाढ़ प्रभावित गांव के लोगों को मवेशियों के चारे की समस्या हो गई है. बाढ़ प्रभावित गांव जोगराजपुर रामपुर हरसिंहपुर कायस्थ चारों तरफ से पानी से भरे हुए हैं. पीड़ित लगातार बढ़ रहे गंगा के जलस्तर से ब्लॉक राजेपुर के कई गांव पानी-पानी नजर आ रहे हैं. पीड़ित मजबूरी में सड़क के किनारे पन्नी डालकर आशियाना बना कर गुजर-बसर कर रहे हैं तो कुछ लोग ग्रामीण घरों की छतों पर रहने को मजबूर है. आरोप है कि मदद के नाम पर पीड़ितों को जिला प्रशासन की ओर से अभी तक कुछ भी नहीं मुहैया कराया गया है.