Saturday 23rd of November 2024

फर्रुखाबाद: स्वास्थ्य विभाग में हो रहे करोड़ों के घोटाले का पर्दाफाश, अधिकारियों पर मिलीभगत का आरोप

Reported by: PTC News उत्तर प्रदेश Desk  |  Edited by: Shagun Kochhar  |  August 05th 2023 01:41 PM  |  Updated: August 05th 2023 01:41 PM

फर्रुखाबाद: स्वास्थ्य विभाग में हो रहे करोड़ों के घोटाले का पर्दाफाश, अधिकारियों पर मिलीभगत का आरोप

फर्रुखाबाद: जिले के लोहिया अस्पताल में अधिकारियों की मिलीभगत से हुए करोड़ों के घोटाले का खुलासा हुआ है. ऑडिट में मामला फंसने पर ठेकेदार के साथ अधिकारियों पर भी कार्रवाई की तलवार लटक गई है.

करोड़ों का फर्जीवाड़ा!

जानकारी के मुताबिक, लोहिया अस्पताल से लेकर सीएमओ कार्यालय तक कराए गए बिजली के कार्यों और खरीद में करोड़ों का अनियमित भुगतान कर दिया गया. ऑडिट में मामला फंसने पर ठेकेदार के साथ अधिकारियों पर भी कार्रवाई की तलवार लटक गई है. काम का अनुबंध समाप्त होने के बाद भी फर्म को लाखों रुपये का काम मिलता रहा. सीएमओ कार्यालय से पांच वर्षों में कोई नया टेंडर नहीं किया गया. कार्य कर रही फर्म सत्यम ट्रेडर्स 2.08.2021 को जीएसटी रजिस्ट्रेशन खत्म हो चुका है. जानकारों की अगर माने तो बिना जीएसटी रेजिस्टर्ड फार्म को इतने बड़े पैमाने पर भुगतान कैसे हुआ इसका कोई भी जवाब नहीं दे पा रहा है. वहीं फर्म के द्वारा किये गए फर्जीवाड़े में जीएसटी चोरी का बड़ा मामला सामने आ रहा है.  

अधिकारियों पर मिलीभगत का आरोप

आरोप है कि स्वास्थ्य विभाग में अधिकारियों की मिलीभगत से करोड़ों का घोटाला चल रहा है. घोटाला करके अधिकारी और ठेकेदार मालामाल हो रहे है. लोहिया अस्पताल में करीब 5 साल पहले बिजली संबंधी कार्यों के लिए टेंडर किया गया था. साल 2020 में कोरोना काल के दौरान उसी ठेकेदार को सेटिंग के चलते सीएमओ कार्यालय से भी उसी दर पर काम दे दिया गया. अनुबंध समाप्त होने के बाद भी फर्म को लाखों रुपये का काम मिलता रहा. सीएमओ कार्यालय से पांच सालों में कोई नया टेंडर नहीं किया गया. अनुबंध विस्तार के खेल में उसी फर्म से बिना टेंडर के बिजली उपकरणों के अलावा फर्नीचर और अन्य सामग्री खरीदकर स्टेट बजट से सीधे भुगतान होता रहा. बताया जा रहा है कि ठेकेदार ने अपनी फर्म के अलावा शब्दों में हेरा-फेरी कर कई फर्जी बिल लगाकर भुगतान भी करा लिया. धीरे-धीरे ये भुगतान करोड़ों में पहुंच गया है. करीब तीन माह पहले सीएमओ कार्यालय से अनुबंध विस्तार के लिए फाइलें डीएम के पास भेजी गईं. इस पर डीएम ने टेंडर की मूल पत्रावली मांग ली थी. इससे सीएमओ कार्यालय में खलबली मच गई. टेंडर पत्रावली न मिलने से जिलाधिकारी संजय कुमार सिंह ने अनुबंध विस्तार नहीं किया.

ऐसे हुआ करोड़ों के फर्जीवाड़े का खुलासा

ऑडिट टीम ने लोहिया अस्पताल और सीएमओ कार्यालय में बिजली ठेकेदार को फर्जी बिलों से भुगतान का मामला पकड़ लिया. बताया जा रहा है कि ठेकेदार ने अपनी फर्म के बिलों में शब्दों की हेरा-फेरी कर फर्जीवाड़ा किया है. स्टेट बजट खर्च की सही जांच हो तो खरीद में करोडो का घपला छिपा है. जानकारी के मुताबिक कार्य कर रही फर्म सत्यम ट्रेडर्स 2.08.2021 को जीएसटी रजिस्ट्रेशन खत्म हो चुका है. जानकारों की अगर माने तो बिना जीएसटी रेजिस्टर्ड फार्म को इतने बड़े पैमाने पर भुगतान कैसे हुआ इसका कोई भी जबाब नहीं दे पा रहा है. वहीं फर्म के द्वारा किये गए फर्जीवाड़े में जीएसटी चोरी का बड़ा मामला सामने आ रहा है. सीएमओ डॉ. अवनींद्र कुमार ने बताया कि फर्जी बिल से भुगतान करने और जीएसटी जमा न करने के संबंध में ठेकेदार को नोटिस दिया गया है. संतोषजनक जवाब न मिलने से कार्रवाई की जाएगी.

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