सावन का पहला दिन: यूपी के शिवालयों में भक्तों की भीड़, श्री काशी विश्वनाथ का हुआ अद्भुत श्रृंगार, भक्तों ने लगाए भोलेनाथ के जयकारे
ब्यूरो: सावन महीने के पहले दिन इस शुभ अवसर पर काशी विश्वनाथ धाम में भक्तों का आना शुरू हो गया है. काशी विश्वनाथ धाम में आने वाले भक्तों को बाबा के जलाभिषेक और दर्शन में किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो इसके लिए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा व्यवस्थाएं की गई है. बाबा के भक्त मंदिर में चारों द्वार से प्रवेश कर दर्शन पूजन कर रहे हैं.
काशी में श्रद्धालुओं की भीड़
काशी विश्वनाथ धाम में सावन के दौरान श्रद्धालुओं की भीड़ को देख बाबा की झांकी दर्शन व्यवस्था की गई है. श्रद्धालुओं की रिकॉर्ड तोड़ संख्या को देख मंदिर प्रशासन ने भीड़ प्रबंधन का खास इंतजाम किया है. निकास और प्रवेश के लिए भी अलग-अलग इंतजाम किए हैं.
इस साल अधिमास के कारण दो महीने का सावन होने के कारण श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ने की संभावना है. सावन में भगवान शिव की विधि विधान से पूजा अर्चना की जाती है. मान्यता है कि सावन मास और सावन सोमवार को विधि-विधान से पूजा करने से भगवान शंकर प्रसन्न होते हैं. हिंदू धर्म में सावन या श्रावण मास की विशेष महत्व है. शास्त्रों में सावन का महीना धार्मिक कार्य और पूजा पाठ के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण बताए गया है.
गाजियाबाद के प्राचीन दूधेश्वर नाथ मंदिर में पहुंचे लाखों श्रद्धालु
सावन के महीने में गाजियाबाद के प्राचीन दूधेश्वर नाथ मंदिर में लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ता है. दूधेश्वर नाथ मंदिर में सावन मास का पहला दिन होने के कारण दुधेश्वर नाथ मंदिर में प्रातः काल भगवान भोलेनाथ का भव्य श्रृंगार कर आरती पूजन किया गया.
दूधेश्वर नाथ मंदिर में सावन मास का पहला दिन होने के कारण दुधेश्वर नाथ मंदिर में प्रातः काल भगवान भोलेनाथ का भव्य श्रृंगार कर आरती पूजन किया गया. मंदिर के पीठाधीश्वर महंत नारायण गिरी महाराज ने वेद विद्यापीठ के आचार्य एवं छात्रों द्वारा मंत्र उच्चारण के साथ भगवान शिव का पंचामृत द्वारा अभिषेक किया.
प्रयागराज के मनकामेश्वर महादेव मंदिर में शिव की भक्ति में लीन हुए लोग
प्रयागराज के शिवालयों में आज शिव भक्तों का भारी हुजूम दिखाई दे रहा है. प्रयागराज के मनकामेश्वर महादेव मंदिर में सुबह से ही शिव भक्तों का तांता लगा हुआ है. शिव भक्त भगवान शिव को प्रिय बेलपत्र, धतूरा और दुग्ध अभिषेक कर रहे हैं. हर कोई भगवान भोलेनाथ की आराधना में लीन दिखाई दे रहा है. प्रयागराज के मनकामेश्वर महादेव मंदिर के महत्व का जिक्र पुराणों में भी है. ऐसे में सावन मास में यहां पर जलाभिषेक का विशेष महत्व है. यही वजह है कि सावन के पहले दिन बड़ी संख्या में शिव भक्त यहां पर पहुंचे हैं. भगवान भोलेनाथ की आराधना पूजा-अर्चना का दौर चल रहा है. हर कोई आज के दिन भगवान शिव को प्रिय चीजें उन्हें अर्पित कर अपनी मनोकामना की पूर्ति की कामना कर रहा है.
मनकामेश्वर मंदिर प्रयागराज के संगम तक से करीब 500 मीटर दूर यमुना तट पर स्थित है. मनकामेश्वर महादेव मंदिर को पौराणिक माना जाता है. यहां पर त्रेता में भगवान श्रीराम ने भोलेनाथ को जलाभिषेक किया था. ऐसे में इस मंदिर का महत्व अधिक हो जाता है. सावन मास में यहां पर लाखों की संख्या में शिव भक्त भगवान भोलेनाथ की आराधना के लिए पहुंचते हैं. कहा जाता है कि यहां पर भगवान भोलेनाथ को जलाभिषेक करने से मनोकामनाओं की पूर्ति होती है. इसी लिए शिवभक्त यहां पर बड़ी संख्या में दर्शन पूजन और अर्चना के लिए आते हैं.