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उत्तर प्रदेश की हर बेटी बनेगी 'रानी लक्ष्मीबाई', छात्राओं को आत्मरक्षा और आत्मबल बढ़ाने की मिलेगी ट्रेनिंग

By  Shagun Kochhar -- April 3rd 2023 02:59 PM -- Updated: April 3rd 2023 06:11 PM
उत्तर प्रदेश की हर बेटी बनेगी 'रानी लक्ष्मीबाई', छात्राओं को आत्मरक्षा और आत्मबल बढ़ाने की मिलेगी ट्रेनिंग

उत्तर प्रदेश की हर बेटी बनेगी 'रानी लक्ष्मीबाई', छात्राओं को आत्मरक्षा और आत्मबल बढ़ाने की मिलेगी ट्रेनिंग (Photo Credit: File)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के 45 हजार से ज्यादा सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाली 2 लाख छात्राओं को अब आत्मरक्षा के लिए विशेष रूप से ट्रेन किया जाएगा. योगी सरकार बेटियों को सक्षम और सशक्त बनाने के साथ ही अब उन्हें आत्मरक्षा के भी गुण सिखाने की तैयारी कर रहा है. 

वीरांगना लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण के मॉड्यूल

दरअसल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बेसिक शिक्षा विभाग के अंतर्गत स्कूल चलो अभियान की शुरुआत की. इसी के साथ ही वीरांगना लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण के मॉड्यूल का भी विमोचन किया गया. वहीं इस मॉड्यूल के अंदर 6 दिवसीय इस कार्यक्रम का पूरा शेड्यूल दिया गया है. जिसमें उन्हें ट्रेनिंग के साथ-साथ आत्मरक्षा के महत्व के बारे में भी जागरूक किया जाएगा. यही नहीं छात्राओं को ईव टीजिंग, साइबर बुलिंग, एसिड अटैक जैसी चीजों के बारे में भी बताया जाएगा. इसके अलावा छात्राओं को शारीरिक रूप से स्वस्थ रहने के लिए प्रेरित किया जाएगा. 

11-14 साल की छात्राओं को किया जाएगा ट्रेनंड

उत्तर प्रदेश सरकार भारत सरकार के सहयोग से इस कार्यक्रम को संचालित करने जा रही है. इस योजना के अंतर्गत 11 से 14 साल की छात्राओं को आत्मरक्षा की ट्रेनिंग दी जाएगी. छात्राओं को आत्मरक्षा प्रशिक्षण के साथ-साथ मानसिक रूप से मजबूत और किसी भी घटना के खिलाफ सशक्त होना सिखाया जाएगा. स्कूलों में तैनात स्पोर्ट्स टीचर और अनुदेशक हर कार्य दिवस में एक घंटे की क्लास आयोजित करेंगे. इस सत्र में व्यायाम, योग, साफ-सफाई के साथ आत्मरक्षा से संबंधित प्रशिक्षण दिया जाएगा. शुरुआत में फिजिकल टीचर्स और  अनुदेशकों के लिए 6 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित होगा. 

1200 प्रशिक्षकों की होगी स्पेशल ट्रेनिंग

इस मॉड्यूल में 50-50 के बैच में 1200 फिजिकल टीचर्स को एक सप्ताह तक हर दिन 6-8 घंटे स्पेशल ट्रेनिंग दी जाएगी. टीचर्स की ट्रेनिंग के बाद उन्हें मूल्यांकन और प्रमाण पत्र भी दिए जाएंगे. वहीं ट्रेनिंग के लिए बालिकाओं के लिए कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय के आवासीय विद्यालयों को शामिल किया जाएगा. प्रशिक्षण मॉड्यूल के अनुसार एक प्रशिक्षक और एक सहायक 50 प्रशिक्षणार्थियों के लिए नियुक्त किए जाएंगे. परियोजना के लिए सलाहकार एजेंसी के रूप में महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन 1090 का सहयोग लिया गया है.

क्या है मॉड्यूल का उद्देश्य?

मॉड्यूल का उद्देश्य साफ है कि इसका मकसद महिलाओं और लड़कियों के साथ होती आ रही छेड़खानी और हिंसा की घटनाओं को रोका जा सकते और इसके लिए महिलाएं और बालिकाएं अपनी सुरक्षा खुद करने में सक्षम हों. इसके साथ असुरक्षा के कारण स्कूल न जाने वाली छात्राओं की शिक्षा में निरंतरता सुनिश्चित हो सकेगी.

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