प्रयागराज: ज्ञानवापी मामले में कोर्ट में सुनवाई पूरी हो चुकी है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद अपना जजमेंट रिजर्व रख लिया है. अब 3 अगस्त को अदालत अपना फैसला सुनाएगी. वहीं हाईकोर्ट ने तब तक के लिए सर्वे पर रोक लगाई है.
इलाहाबाद हाईकोर्ट में ज्ञानवापी मस्जिद मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस की कोर्ट में साढ़े तीन बजे शुरू हुई. जिसके बाद दोनों पक्षों ने अपनी अपनी तरफ से अदालत के सामने अपना पक्ष रखा. याची अधिवक्ता ने ए एस आई के हलफनामे का जवाब दाखिल किया. ए एस आई की तरफ से कहा गया कि हम लोग कोई ड्रिलिंग नहीं कर रहे हैं. जिससे कि उस जगह पर कोई नुकसान हो.
इस दौरान चीफ जस्टिस ने सवाल किया कि एएसआई की लीगल आइडेंटिटी क्या है? वहीं मॉन्यूमेंट संरक्षण के लिए 1871 में एएसआई गठित की गई है. बता दें एएसआई पुरातत्व अवशेष की मॉनिटरिंग करती है. एएसआई ने कहा हम ड्रिलिंग नहीं करने जा रहे हैं. एएसआई ने बताया कि 4 अगस्त तक काम पूरा हो जाएगा. वहीं महाधिवक्ता ने कहा सरकार कि केवल कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी है, हम आदेश का पालन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि सारा काम मंदिर ट्रस्ट और सरकार की देखरेख में चल रहा है. सरकार कानून लागू कर रही है. सुरक्षा के लिए पीएसी बल तैनात किया गया है. नकवी-प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 में वाद पोषणीय नहीं, वहीं परिवर्तन प्रतिबंधित है. धार्मिक स्थलों की 15 अगस्त 47 की स्थिति में बदलाव पर रोक है. एक्ट की धारा 3 कोई व्यक्ति पूजा स्थल की प्रकृति में बदलाव नहीं कर सकेगा.
वहीं कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने अपना फैसला रिजर्व कर लिया है. अब इस पूरे मामले को देखते हुए कोर्ट ने सर्वे पर भी रोक लगा दिया है और 3 अगस्त को कोर्ट अपना फैसला सुनाएगा.