Friday 22nd of November 2024

ज्ञानवापी मामला: कोर्ट में बोली मस्जिद कमेटी- औरंगजेब निर्दयी नहीं था

Reported by: PTC News उत्तर प्रदेश Desk  |  Edited by: Shagun Kochhar  |  May 25th 2023 06:08 PM  |  Updated: May 25th 2023 06:08 PM

ज्ञानवापी मामला: कोर्ट में बोली मस्जिद कमेटी- औरंगजेब निर्दयी नहीं था

ब्यूरो: हिंदू पक्ष की ओर से ज्ञानवापी के पूरे परिसर का एएसआई यानी भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण से सर्वे करवाने की मांग को लेकर एक याचिका डाली गई थी. इसी मांग का विरोध करते हुए मुस्लिम पक्ष ने सोमवार को जिला जज की अदालत में आपत्ति दाखिल की. जिसमें कहा गया कि औरंगजेब निर्दयी नहीं था और उसने आदि विशेश्वर मंदिर को नहीं तोड़ा था.

हिंदू पक्ष की ओर से ज्ञानवापी के पूरे परिसर का एएसआई यानी भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण से सर्वे करवाने की मांग को लेकर एक याचिका डाली गई थी. इसमें कहा गया कि विशेश्वर मंदिर को तोड़ा गया. इस याचिका का अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी ने विरोध जताया और वाराणसी कोर्ट में आपत्ति दर्ज करवाई.

मुस्लिम पक्ष ने दर्ज कराई आपत्ति

मुस्लिम पक्ष की ओर से कहा गया कि जमीन पर जो मस्जिद है वो कई हजारों साल पुरानी है. वाराणसी के मुसलमान या पड़ोसी जिलों के मुसलमान, अधिकार के नाते और बिना किसी पाबंदी के नमाज पंजगाना और नमाज जुमा और नमाज इदान यहां अदा कर रहे हैं. इस दौरान ज्ञानवापी मस्जिद समिति ने कहा कि मुगल बादशाह औरंगजेब क्रूर नहीं थे और उन्होंने वाराणसी में विश्वेश्वर मंदिर को नहीं तोड़ा था. 

बता दें, एएसआई सर्वे पर मुस्लिम पक्ष की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने अगले आदेश तक रोक लगा दी है. अब इस मामले में अगली सुनवाई 6 जुलाई को होगी. 

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 12 मई को एडवांस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके शिवलिंग सरीखी संरचना की आयु का निर्धारण करने का आदेश दिया था. इस आदेश के खिलाफ ही ज्ञानवापी मस्जिद प्रबंधन समिति ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. मस्जिद समिति के पदाधिकारियों की दलील रही है कि यह संरचना मस्जिद परिसर में बने वजू खाने में एक फव्वारे का हिस्सा है. 

समिति की ओर से मौजूद अधिवक्ता हुजैफा अहमदी ने दलील दी थी कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपील लंबित रहते हुए आदेश पारित कर दिया. सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच में जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस जेबी पारदीवाला भी शामिल थे. इस तीन सदस्यीय बेंच ने मस्जिद समिति की याचिका पर केंद्र, उत्तर प्रदेश सरकार और हिंदू याचिकाकर्ताओं को नोटिस जारी करते हुए कहा है कि विवादित आदेश के निहितार्थों की बारीकी से जांच की जानी चाहिए. इसलिए इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश में संबंधित निर्देशों का क्रियान्वयन अगली सुनवाई तक स्थगित रहेगा. इसके साथ ही इस मामले की सुनवाई सात अगस्त तक के लिए मुल्तवी कर दी है. यानि तब तक कार्बन डेटिंग कराए जाने के हाईकोर्ट के आदेश पर रोक जारी रहेगी.

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