Friday 22nd of November 2024

ज्ञानवापी मस्जिद मामला: हिंदू याचिकाकर्ता ने ASI सर्वेक्षण आदेश पर इलाहाबाद HC में दायर की कैविएट

Reported by: PTC News उत्तर प्रदेश Desk  |  Edited by: Shagun Kochhar  |  July 25th 2023 12:55 PM  |  Updated: July 25th 2023 12:56 PM

ज्ञानवापी मस्जिद मामला: हिंदू याचिकाकर्ता ने ASI सर्वेक्षण आदेश पर इलाहाबाद HC में दायर की कैविएट

ज्ञानवापी मस्जिद मामला: भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा ज्ञानवापी मस्जिद परिसर को सील किए गए क्षेत्र का सर्वेक्षण करने के वाराणसी कोर्ट के निर्देश के बाद हिंदू पक्ष की याचिकाकर्ता राखी सिंह ने सोमवार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय में एक कैविएट याचिका दायर की. ये याचिका कैविएट अधिवक्ता सौरभ तिवारी के माध्यम से ई-फाइलिंग कर दायर की गई थी. श्रृंगार गौरी स्थल मामले में मुख्य याचिकाकर्ता राखी सिंह ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में एएसआई सर्वेक्षण का समर्थन किया.

शिकायतकर्ता ने कोर्ट से की अपील

कैविएट में राखी ने इलाहाबाद हाई कोर्ट से आग्रह किया है कि अगर अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी 21 जुलाई से वाराणसी कोर्ट के आदेश को चुनौती देती है तो याचिकाकर्ता को सुने बिना कोई फैसला न सुनाया जाए.

26 जुलाई को शाम 5 बजे तक लागू नहीं होगा आदेश

शनिवार को राखी सिंह ने भी मामले में ऐसी ही कैविएट दाखिल की थी. हालांकि, सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया कि काशी विश्वनाथ मंदिरों के बगल में ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के एएसआई सर्वेक्षण के लिए वाराणसी जिला अदालत के आदेश को 26 जुलाई को शाम 5 बजे तक लागू नहीं किया जाएगा. सुप्रीम कोर्ट ने मस्जिद समिति को जिला अदालत के आदेश के खिलाफ अपनी याचिका के साथ इलाहाबाद उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने की अनुमति देने के लिए समय दिया.

ज्ञानवापी मस्जिद प्रबंधन समिति, अंजुमन इंतजामिया कमेटी ने 21 जुलाई से जिला अदालत के आदेश पर रोक लगाने की मांग करते हुए भारत के मुख्य न्यायाधीश से संपर्क किया. वरिष्ठ वकील हुज़ेफ़ा अहमदी ने एएसआई सर्वेक्षण पर रोक लगाने का अनुरोध करते हुए कहा कि शीर्ष अदालत ने हिंदू पक्ष द्वारा "शिवलिंग" के रूप में दावा की गई संरचना की कार्बन डेटिंग पर पहले ही रोक लगा दी थी, जो मई 2022 में एक अदालत-आदेशित सर्वेक्षण के दौरान मस्जिद के स्नान तालाब में पाया गया था.

सुनवाई के दौरान, उत्तर प्रदेश सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि एएसआई जिला अदालत के आदेश के अनुसार कोई खुदाई नहीं कर रहा है और एक सप्ताह तक कोई खुदाई की योजना नहीं है. वहीं शुक्रवार को वाराणसी जिला न्यायाधीश एके विश्वेशा ने 16 मई, 2023 को चार हिंदू महिलाओं द्वारा दायर एक आवेदन के आधार पर ज्ञानवापी परिसर के एएसआई सर्वेक्षण का आदेश दिया. हालांकि, आदेश में स्नान तालाब क्षेत्र को शामिल नहीं किया गया था, जिसे शीर्ष अदालत के आदेश पर सील कर दिया गया था.

ये है मामला...

इस साल की शुरुआत में 12 मई को इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कथित "शिवलिंग" के वैज्ञानिक सर्वेक्षण की अनुमति दी थी, लेकिन शीर्ष अदालत ने 19 मई को इस आदेश पर रोक लगा दी थी. सर्वेक्षण के दौरान, पिछले साल 16 मई को काशी विश्वनाथ मंदिर के बगल में स्थित मस्जिद के अदालत-आदेशित सर्वेक्षण के दौरान मस्जिद परिसर में एक संरचना पाई गई थी, जिसे हिंदू पक्ष ने "शिवलिंग" और मुस्लिम पक्ष ने "फव्वारा" बताया था.

उच्च न्यायालय ने वाराणसी जिला न्यायाधीश के आदेश को रद्द कर दिया था, जिसने 14 अक्टूबर, 2022 को "शिवलिंग" के वैज्ञानिक सर्वेक्षण और कार्बन डेटिंग के लिए आवेदन को खारिज कर दिया था. उच्च न्यायालय ने वाराणसी जिला न्यायाधीश को "शिवलिंग" की वैज्ञानिक जांच करने के लिए हिंदू उपासकों के आवेदन पर कानून के अनुसार आगे बढ़ने का निर्देश दिया था. याचिकाकर्ता लक्ष्मी देवी और तीन अन्य ने निचली अदालत के आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी.

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