Lucknow: 17 सितंबर से दो अक्टूबर तक सेवा पर्व मनाया जाएगा। इस दौरान देश में 1.25 करोड़ पौधे लगाए जाएंगे। इसमें से योगी सरकार प्रदेश में 15 लाख पौधरोपण कराएगी। 17 सितंबर को पर्व के शुभारंभ पर प्रदेश के 34 नगर वन में कम से कम 100-100 पौधरोपण कराया जाना अनिवार्य है। इसके अलावा पर्यावरण संरक्षण जागरूकता अभियान, वर्षा जल संचयन समेत अनेक अभियान भी चलाए जाएंगे। हर जनपद में प्रभागीय वनाधिकारी इसके नोडल अफसर होंगे।
जनसहभागिता से सभी 75 जनपदों में होगा आयोजन
प्रमुख सचिव (वन-पर्यावरण) अनिल कुमार ने बताया कि यूपी के लिए 15 लाख पौधरोपण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उन्होंने मुख्यालय के अधिकारियों समेत सभी प्रभागीय वनाधिकारियों को निर्देशित किया कि यूपी के सभी 75 जनपदों में जनसहभागिता के माध्यम से पौधरोपण कराया जाए। इसके लिए प्रजातियों का चयन कर लिया जाए। सभी पौधरोपण स्थलों के फोटोग्राफ व एमआईएस डेटा के साथ Meri Life पोर्टल पर अपलोड किया जाए। जिला वृक्षारोपण समिति अन्य विभागों से सामंजस्य स्थापित करते हुए पौधों की सुरक्षा व रखरखाव भी सुनिश्चित करेगी।
34 नगर वन-वाटिका में कम से कम 100-100 पौधे लगाना अनिवार्य
पौधरोपण महाभियान-2025 के मिशन निदेशक दीपक कुमार ने बताया कि सेवा पर्व के शुभारंभ पर 17 सितंबर को यूपी के 34 नगर वन-वाटिका में कम से कम 100-100 पौधे लगाना अनिवार्य है। इसके अतिरिक्त विभाग के सभी कार्यालयों, वन निगम के समस्त डिपो में स्वच्छता तथा प्राणि उद्यान व सफारी में सिंगल यूज प्लास्टिक बैन करने को लेकर भी अभियान चलेगा। विभिन्न पक्षी अभयारण्यों में सफाई अभियान, पर्यावरण संरक्षण जागरूकता, वर्षा जल संचयन व जल स्रोत के संरक्षण पर जागरूकता अभियान भी चलेगा। प्रत्येक प्रभाग में नर्सरी एक्शन प्लान पर कार्यशाला होगी। जिला स्तर पर विकसित भारत, आत्मनिर्भर भारत को लेकर प्रबुद्ध वर्ग संवाद में वन-वन्यजीव संरक्षण, हरीतिमा संवर्धन, जैव विविधता आदि विषयों पर डीएफओ प्रतिभाग भी करेंगे। जनपदीय मेले व प्रदर्शनियों में वन विभाग का भी सहयोग रहेगा। आयोजन को लेकर तैयारी की जा रही है।
यूपी को मिला 15 लाख पौधरोपण का लक्ष्य
सेवा पर्व के अंतर्गत 1.25 करोड़ पौधरोपण किया जाना है। इसमें उत्तर प्रदेश को 15 लाख पौधरोपण के लक्ष्य मिला है।
सर्वाधिक लक्ष्य वाले 10 राज्य
ओडिशा- 20 लाख
उत्तर प्रदेश- 15 लाख
असम- 11.50 लाख
गुजरात-11 लाख
छत्तीसगढ़-11 लाख
मध्य प्रदेश- 8 लाख
महाराष्ट्र- 7 लाख
आंध्र प्रदेश- 7 लाख
राजस्थान- 7 लाख
बिहार- 5 लाख