Tuesday 15th of April 2025

आकाश आनंद: वापसी की इनसाइड स्टोरी!

Reported by: Gyanendra Kumar Shukla, Editor, PTC News UP  |  Edited by: Mohd. Zuber Khan  |  April 14th 2025 03:34 PM  |  Updated: April 14th 2025 03:34 PM

आकाश आनंद: वापसी की इनसाइड स्टोरी!

लखनऊ: लंदन में पढ़ाई, बीएसपी में सक्रियता, मायावती के उत्तराधिकारी के तौर पर ताजपोशी, सियासी परिवार से वैवाहिक संबंध, तल्खी-अदावत के बाद पदों से बेदखली, री-लॉन्चिंग, पार्टी से निष्कासन, सार्वजनिक माफीनामा, पार्टी मुखिया के हृदय परिवर्तन के बाद घर वापसी, ये तमाम पहलू परिभाषित करते हैं आकाश आनंद के सियासी कैरियर के सफर को। मायावती के इस भतीजे का बीएसपी से जुड़ाव का ग्राफ उतार चढ़ाव-उथल पुथल के दौर से गुजरता रहा है। रविवार की शाम को सोशल मीडिया पर हुए घटनाक्रमों के बाद से फिर से सुर्खियों मे हैं आकाश आनंद।

 तकरीबन डेढ़ महीने पहले मायावती की नाराजगी की जद में आए थे आकाश आनंद

 इसी साल 2 मार्च को बीएसपी मुखिया मायावती ने आकाश आनंद को अपना उत्तराधिकारी और नेशनल कोऑर्डिनेटर के पद से बेदखल कर दिया था। आकाश ने तब एक्स पर पोस्ट लिखकर कहा था, "कुछ प्रतिद्वंद्वी दलों के लोग यह सोच रहे हैं कि मेरा राजनीतिक जीवन समाप्त हो गया है... उन्हें यह समझना चाहिए कि बहुजन आंदोलन कोई करियर नहीं, बल्कि करोड़ों दलितों, शोषितों, वंचितों और गरीबों के आत्म-सम्मान और स्वाभिमान की लड़ाई है"। इस पोस्ट के बाद तो मायावती का गुस्सा मानों और भड़क गया। उन्होंने 3 मार्च को आकाश को पार्टी से बाहर करने का ऐलान करते हुए एक्स पर लिखा था कि आकाश की प्रतिक्रिया "स्वार्थी और अहंकारी" थी। आकाश की जगह उनके पिता आनंद कुमार को नेशनल कोऑर्डिनेटर बनाया गया था। तब मायावती ने कहा था कि वह अब अपने जीवनकाल में किसी उत्तराधिकारी की घोषणा नहीं करेंगी। उन्होंने कहा था कि पार्टी सर्वोपरि है, रिश्ते बाद में आते हैं। हालांकि बाद में आनंद कुमार ने सिर्फ उपाध्यक्ष पद पर ही  बने रहने की इच्छा जताई जिसके बाद से उन्हें नेशनल कोऑर्डिनेटर पद से हटाकर रणधीर बेनीवाल को जिम्मा दे दिया था।

सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर आकाश आनंद ने अपना प्रायश्चितनामा सार्वजनिक किया

 रविवार 13 अप्रैल को 5 बजकर 56 मिनट पर आकाश आनंद ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर एक के बाद एक चार भावुक संदेश दर्ज किए। इनमें उन्होंने लिखा था कि “मायावती को अपना एकमात्र राजनीतिक गुरु और आदर्श मानता हूं। मैं यह प्रण लेता हूं कि बसपा के हित में मैं अपने रिश्ते-नातों और खासकर अपने ससुराल वालों को कतई बाधा नहीं बनने दूंगा। आगे से यह सुनिश्चित करूंगा कि मैं किसी भी राजनीतिक फैसले के लिए किसी रिश्तेदार और सलाहकार की कोई सलाह मशविरा नहीं लूंगा। सिर्फ बहनजी के दिए गए निर्देशों का पालन करूंगा”। इसमें उन्होंने ये भी लिखा कि बहनजी से अपील है कि वे उनकी गलतियों को माफ करके फिर पार्टी में काम करने का मौका दें। इसके लिए वह उनका सदैव आभारी रहेंगे। आगे से ऐसी कोई गलती नहीं करेंगे जिससे पार्टी और बहनजी के आत्मसम्मान और स्वाभिमान को कोई ठेस पहुंचे।

 भतीजे के माफीनामे के ढाई घंटे के भीतर बीएसपी सुप्रीमो का दिल पसीजा और माफी प्रदान कर दी

 आकाश आनंद की एक्स पर हुई पोस्ट को लेकर सियासी हलचल मची हुईं थी कि रात 8 बजकर 23 मिनट पर बीएसपी मुखिया मायावती के एक्स हैंडल से एक ट्वीट सामने आया। जिसमें लिखा था आकाश आनंद ने अपने चार सोशल मीडिया पोस्ट में सार्वजनिक तौर पर अपनी गलतियों को मानने और सीनियर लोगों को पूरा आदर-सम्मान देने की बात लिखी. वैसे पार्टी से निष्कासन के बाद आकाश अपनी तमाम गलतियों के लिए माफी मांगने व आगे ऐसी गलती नहीं करने को लेकर वह लोगों से लगातार सम्पर्क करता रहा है और अब उसने सार्वजनिक तौर पर अपनी गलतियों को मानते हुए अपने ससुर की बातों में अब आगे नहीं आने का संकल्प व्यक्त किया है. इसके अलावा बसपा और मूवमेंट के लिए जीवन समर्पित करने का वादा किया. इसके मद्देनजर इन्हें एक और मौका दिए जाने का निर्णय लिया गया। हालांकि मायावती ने आकाश के ससुर अशोक सिद्धार्थ को लेकर कोई मुरव्वत नहीं की, कहा अशोक सिद्धार्थ की गलतियां अक्षम्य हैं। उन्होंने गुटबाजी आदि जैसी घोर पार्टी विरोधी गतिविधियों के साथ-साथ आकाश के कैरियर को भी बर्बाद करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। इसलिए उनको माफ करने व पार्टी में वापस लेने का सवाल ही नहीं पैदा होता है।

सार्वजनिक माफीनामे और पार्टी में वापसी की इनसाइड स्टोरी

 कहा जाता है कि सियासत में जो भी सामने घटता है उसका बड़ा हिस्सा पर्दे के पीछे से अंजाम दिया जाता है। ऐसे में भले ही सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर सार्वजनिक तौर से माफी मांगने की वजह से बीएसपी मुखिया का दिल पसीजता दिखा हो और  आकाश आनंद की बीएसपी में वापसी का ऐलान हो गया हो। पर ये घटनाक्रम इतना सामान्य नहीं रहा है इसके बैकग्राउंड में कई वजहें शामिल हैं। माना जा रहा है कि आकाश आनंद की वापसी में अहम किरदार निभाया उनके पिता और मायावती के भाई आनंद कुमार ने। दरअसल, एक पिता के तौर पर आनंद कुमार अपने बेटे के भविष्य को बेहतर ही देखना चाहते हैं। विश्वस्त पार्टी सूत्रों के मुताबिक आनंद कुमार के समझाने के बाद आकाश को अपनी गलतियों का अहसास हुआ। घर के सदस्यों और बीएसपी के कुछ वरिष्ठ पदाधिकारियों ने मायावती को बताया कि आकाश आनंद अभी कम उम्र हैं, नादान हैं। उनके ससुर ने ही उन्हें बरगलाया जिससे गलती कर बैठे। इसके बाद ही आकाश आनंद को माफ करने को बीएसपी मुखिया तैयार हुईं। आकाश के छोटे भाई ईशान के विवाह से पहले पारिवारिक रिश्तों की तल्खी दूर करने- रिश्तों को पटरी पर लाने के बाबत सहमति बनी।  चूंकि आकाश आनंद की पार्टी से बेदखली का ऐलान सोशल मीडिया की पोस्ट के जरिए किया गया था लिहाजा सार्वजनिक तौर से ही वापसी की स्क्रिप्ट तय की गई।

 आकाश आनंद की वापसी महज संयोग नहीं बल्कि बीएसपी के लिए वक्त का तकाजा है

 गौरतलब है कि आकाश और बहुजन समाज पार्टी दोनों को ही एक दूसरे के साथ की जरूरत है। क्योंकि बीएसपी सरीखे बड़े मंच से हटने के बाद अपना अस्तित्व नए सिरे से स्थापित करना आकाश के लिए आसान नहीं है। वहीं, चुनाव-दर-चुनाव गिरते ग्राफ से जूझ रही बीएसपी सियासी हाशिए से गुजर रही है। दलित वोट बेस का बड़ा हिस्सा गंवा चुकी बीएसपी के सामने चुनौतियों की भरमार है।

 - चंद्रशेखर की आजाज समाज पार्टी का बढ़ता प्रभाव मायावती की पार्टी के लिए खतरे की घंटी है।

- बीजेपी पहले ही नान जाटव कार्ड चलकर बीएसपी के वोट बैंक में सेंधमारी कर चुकी है।

- रामजीलाल सुमन के राणा सांगा पर दिए गए बयान के बाद हुए घटनाक्रमों का सहारा लेकर अखिलेश यादव दलित बिरादरी को अपने पक्ष में गोलबंद करने की कोशिशों में जुटे हैं। 

- अहमदाबाद अधिवेशन में जिस तरह से राहुल गांधी ने दलित-आदिवासियों पिछड़ों पर फोकस करते हुए सामाजिक न्याय के एजेंडे पर चलने का फैसला किया है उसने भी बीएसपी को विचलित किया है। 

- लोकसभा चुनाव के चुनाव प्रचार के दौरान आकाश की दलित युवाओं में लोकप्रियता से जाहिर है कि दलित युवाओं को आकर्षित करने के लिए बीएसपी के पास आकाश आनंद से मुफीद दूसरा चेहरा नहीं है।

ऐसे वक्त में जब दलित वोट बेस पर काबिज होने के लिए सियासी दलों में होड़ मची है तब आकाश आनंद की रीलांचिंग बीएसपी की चुनावी कवायदों को ऊर्जावान व प्रभावशाली आयाम दे सकेंगी। चूंकि सियासत में टाइमिंग का बहुत ख्याल रखा जाता है इसलिए अंबेडकर जयंती की पूर्व संध्या से पहले आकाश की वापसी का ऐलान करके मायावती ने बीएसपी कैडर को खासतौर से दलित युवाओं को बड़ा संदेश दिया है। पार्टी का एक बड़ा धड़ा मानता है कि इस फैसले से उनकी मुरझी उम्मीदें फिर से खिलेंगी और बीएसपी के हाथी की रफ्तार तेज हो सकेगी।

आनंद कुमार से जुड़ी टाइमलाइन

— 10दिसंबर, 2023 को यूपी-उत्तराखंड के बीएसपी नेताओं की बैठक में मायावती ने अपने सबसे छोटे भाई आनंद कुमार के बेटे आकाश आनंद को उत्तराधिकारी घोषित किया था। पार्टी की विरासत और राजनीति को आगे बढ़ाने के लिए उन्होंने अपने भतीजे पर भरोसा जताया था।

— 7मई, 2024 को लोकसभा चुनाव के दौरान गलतबयानी की वजह से सभी जिम्मेदारियां छीनते हुए मायावती ने आकाश आनंद को अपने उत्तराधिकारी पद के साथ ही नेशनल कोऑर्डिनेटर पद से भी हटा दिया था। मायावती ने कहा था कि आकाश अभी अपरिपक्व (इमैच्योर) हैं।

— 23 जून, 2024 को मायावती ने अपना फैसला  पलट दिया था। 47 दिनों बाद फिर से उत्तराधिकारी बनाया और नेशनल कोऑर्डिनेटर की जिम्मेदारी भी सौंप दी

— 23 जून, 2024 को आकाश आनंद को दिल्ली विधानसभा चुनाव की जिम्मेदारी भी सौंपी गई थी।

— 12 फरवरी, 2025 को आकाश आनंद के ससुर अशोक सिद्धार्थ को पार्टी से निकाला गया था।

— 2 मार्च, 2025 को सारी जिम्मेदारियां छीनते हुए मायावती ने आकाश आनंद को बीएसपी के नेशनल कोऑर्डिनेटर और उत्तराधिकारी पद से बेदखल कर दिया था।

— 3 मार्च, 2025 को आकाश आनंद को बीएसपी से ही निष्कासित कर दिया गया था।

— 13 अप्रैल, 2025 को आकाश आनंद की फिर से बीएसपी में वापसी का ऐलान कर दिया गया।

उठते-चढ़ते ग्राफ के बीच नजर आ रहे आकाश आनंद के बारे में जानते हैं

मायावती के भाई आनंद कुमार के बड़े बेटे आकाश आनंद का जन्म 1995 में नोएडा में हुआ था। नोएडा और गुरुग्राम से पढ़ाई करने के बाद आकाश आनंद लंदन चले गए। जहां की प्लाईमाउथ यूनिवर्सिटी से उन्होंने 2013-2016 के दरमियान एमबीए किया। इसके बाद भारत लौट आए। 24 जनवरी, 2017 को

डीजेटी कॉरपोरेशन एंड इन्वेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड की स्थापना की। जिसके डायरेक्टर आकाश हैं। जिन पांच कंपनियों से आकाश आनंद जुड़े हुए हैं उनकी नेटवर्थ करोड़ों रुपयों की है। हालांकि कारोबार के साथ ही आकाश आनंद बीएसपी से भी सक्रिय तौर से जुड़ गए।  मई 2017 में सहारनपुर में ठाकुर व दलित बिरादरी के बीच संघर्ष पनपा तो आकाश आनंद अपनी बुआ मायावती के साथ वहां गए थे। मंच पर आकाश आनंद को बिठाकर मायावती ने अपनी पार्टी में उनके प्रभावशाली होने का संदेश दिया था। 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद आकाश आनंद को बीएसपी का नेशनल कोऑर्डिनेटर बनाया गया था।सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर आकाश आनंद ही बीएसपी और मायावती के हैंडल्स की निगरानी करते थे।  पिछले साल हुए आम चुनाव में आकाश आनंद सक्रिय हुए तो अपने तल्ख भाषणों के लिए चर्चित होने लगे इसी बीच सीतापुर की रैली में दिए गए भाषण के बाद उन के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ तो मायावती कुपित हो गईं उनके चुनाव प्रचार पर रोक लगा दी । पर लोकसभा चुनाव के बाद फिर उनकी री-लैंडिंग हुई।  हरियाणा और दिल्ली चुनाव की जिम्मेदारी संभाली पर नतीजे लाने में नाकाम रहे। इसी साल जनवरी में आकाश को प्रमोट करते हुए सांगठनिक और कैंपेन से जुड़ी राष्ट्रीय जिम्मेदारियां भी मिल गईं। पर उनके ससुर अशोक सिद्धार्थ की वजह से मायावती नाराज हुईं तो आकाश पर कार्रवाई की  गाज गिरा दी गई।

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