लखनऊ: ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (जीआईएस-23) को धरातल पर उतारने के लिए योगी सरकार ने तैयारी शुरू कर दी है. यूपी में औद्योगिक निवेश और रोजगार प्रोत्साहन नीति-2022 के अंतर्गत नई इकाई लगाने के लिए स्टांप में छूट दी जाएगी. बुंदेलखंड-पूर्वांचल, पश्चिमांचल-मध्यांचल और नोएडा-गाजियाबाद के लिए छूट की सीमा अलग-अलग रखी गई है. ये भी साफ किया गया है कि नीति के तहत निवेश के लिए भूमि खरीद पर स्टांप ड्यूटी में लाभ जिलाधिकारी या जिला उद्योग उपायुक्त की संस्तुति पर ही मिलेगा.
छूट के लिए माननी होंगी ये शर्तें
अधिसूचना के मुताबिक, डीएम या उपायुक्त उद्योग को हस्तांतरण-पट्टे की पुष्टि करनी होगी. इसमें ये स्पष्ट होना चाहिए कि ये छूट उत्तर प्रदेश औद्योगिक निवेश और रोजगार प्रोत्साहन नीति-2022 के अधीन ही दी जाए. दोनों में से किसी एक अधिकारी को इसके लिए साक्षी के रूप में साइन करने होंगे. इसके अलावा किसी और नीति के अधीन सुविधा ले चुकी इकाई इस स्टांप शुल्क छूट या माफी के लिए पात्र नहीं होगी. उपबंधों का क्रियान्वयन स्टांप और पंजीकरण विभाग जारी करेगा. वहीं ये नीति 2022 में जारी हो चुके शासनादेश से ही प्रभावी मानी जाएगी.
स्टांप शुल्क में मिलेगी छूट
जीआईएस के तहत कुल निवेश का 29 प्रतिशत पूर्वांचल और 13-13 प्रतिशत निवेश बुंदेलखंड-मध्यांचल में होगा. पश्चिमांचल में कुल निवेश का 45 प्रतिशत इन्वेस्ट होगा. अधिसूचना के तहत बुंदेलखंड और पूर्वांचल को वरीयता मिली है. पिछड़े का दंश झेल रहे बुंदेलखंड और पूर्वांचल में सफलता के कई नए आयाम स्थापित किए हैं. अब उन्हें और सशक्त बनाने के लिए जीआईएस में निवेश के एमओयू हुए हैं. पूर्वांचल और बुंदेलखंड में स्टांप छूट पर 100 प्रतिशत, नोएडा और गाजियाबाद को छोड़कर मध्यांचल और पश्चिमांचल में स्टांप शुल्क में 75 प्रतिशत और नोएडा-गाजियाबाद में स्टांप शुल्क पर 50 प्रतिशत छूट मिलेगी.
नोएडा और गाजियाबाद के लिए है ये प्रावधान
पश्चिमांचल में आगरा, अलीगढ़, मुरादाबाद, सहारनपुर, बरेली और मेरठ मंडल हैं. नोएडा और गाजियाबाद जिले को इसमें शामिल नहीं किया गया है. इन दोनों जिलों में स्टांप छूट का अलग प्रावधान होगा. पूर्वांचल में प्रयागराज, वाराणसी, मिर्जापुर, गोरखपुर, आजमगढ़, बस्ती, अयोध्या, देवीपाटन राजस्व मंडल सम्मिलित होंगे. मध्यांचल में लखनऊ, कानपुर और बुंदेलखंड में चित्रकूट धाम और झांसी मंडल में निवेश के लिए छूट मिलेगी.