ब्यूरो: 4 जुलाई से कावड़ यात्रा की शुरुआत हो गई. वहीं कावड़ यात्रा को लेकर प्रशासन ने पूरी तैयारी कर रखी है. कावड़ यात्रा को लेकर प्रशासनिक अमला पूरी तरह से सतर्क और तैयार है. वहीं स्पेशल डीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार की ओर से निर्देश जारी किए गए हैं.
पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था के निर्देश
उत्तर प्रदेश पुलिस ने 'कावड़ यात्रा' के लिए सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए हैं. यात्रा के बीच प्रदेश के सभी जिलों में सुरक्षा और व्यवस्था के लिए स्पेशल डीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार की ओर से निर्देश जारी किए गए हैं. दरअसल, 13,921 किलोमीटर की दूरी तय करने वाले 1,165 कांवर मार्ग और 4,159 शिवालय हैं. पानी लाने के लिए 362 स्थान हैं जबकि 362 स्थानों पर मेले और अन्य कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं. वहीं इन सभी जगहों पर पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के आदेश दिए गए हैं.
संवेदनशील स्थानों पर जवानों की तैनाती
कावड़ यात्रा के मद्देनजर, 1056 हॉटस्पॉट संवेदनशील स्थानों की पहचान की गई है. उन्होंने बताया कि सेक्टर और जोन योजनाओं के तहत पुलिस बलों की तैनाती की गई है और 1448 क्यूआरटी (क्विक रिस्पांस टीम) के जवानों को संवेदनशील स्थानों पर तैनात किया गया है.
ओवरचार्जिंग रोकने के लिए उठाया कदम
तीर्थयात्रियों को सुरक्षित मार्ग प्रदान करने के लिए सभी जिलों और आयुक्तालयों को यातायात डायवर्जन योजनाएं बनाने का आदेश दिया गया है. उचित बैरिकेडिंग, प्रकाश व्यवस्था और गोताखोरों की व्यवस्था की गई है जबकि पीएसी बाढ़ टीम और जल पुलिस को नदियों, घाटों और अन्य स्थानों पर तैनात किया गया है. आधिकारिक बयान में आगे बताया गया है कि कावड़ मार्गों में होटल ढाबा पर एक दर सूची प्रदर्शित की जाएगी. ओवरचार्जिंग रोकने के लिए आपूर्ति विभाग के अधिकारी नियमित भ्रमण कर व्यवस्था की समीक्षा करेंगे.
सीसीटीवी रखेगा नजर
आयोजन और तीर्थयात्रियों की निगरानी सीसीटीवी कैमरों से भी की जाएगी, जबकि कावड़ यात्रा के सुरक्षित संचालन के लिए 243 पीएसी कंपनियां, 3 एसडीआरएफ टीमें और 7 सीएपीएफ कंपनियां तैनात की गई हैं. विज्ञप्ति में कहा गया है कि वाराणसी, मेरठ, बागपत, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर और शामली में भी अतिरिक्त पुलिस अधिकारी और बल तैनात किए गए हैं.
13 एडिशनल एसपी, 33 डिप्टी एसपी, 75 इंस्पेक्टर, 244 सब इंस्पेक्टर, 1250 कांस्टेबल/हेड कांस्टेबल, 22 ट्रैफिक सब इंस्पेक्टर, 150 ट्रैफिक कांस्टेबल और हेड कांस्टेबल के साथ-साथ एटीएस कमांडो टीमें भी मूवमेंट पर नजर रखेंगी.