ब्यूरो: उत्तर प्रदेश में जैसे-जैसे उपचुनाव की तारीख नजदीक आ रही है, जुबानी हमले भी तेज होते जा रहे हैं। लोकसभा चुनाव के बाद सपा और भाजपा इस उपचुनाव को 2027 के विधानसभा चुनाव का सेमीफाइनल मान रही हैं। इस बीच सीएम योगी के 'बंटेंगे तो बंटेंगे' वाले बयान के बाद सियासी पारा चढ़ गया है। बीजेपी और सपा के बीच पोस्टर वार छिड़ गया है। वहीं, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने समाजवादी पार्टी के पीडीए पर हमला बोला है। डिप्टी सीएम ने कहा कि यह पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक का गठबंधन नहीं बल्कि भाई-भतीजावाद, दंगाइयों और अपराधियों का गठबंधन है।
पीडीए का असली मतलब बताया
केशव प्रसाद मौर्य ने शनिवार को अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट पर पोस्ट कर समाजवादी पार्टी पर हमले किए। इस पोस्ट में उप-मुख्यमंत्री मौर्य ने कहा कि सपा मुखिया अखिलेश यादव का पीडीए असल में फर्जी है। यह "पिछड़े दलितों और अल्पसंख्यकों" का गठबंधन नहीं बल्कि "भाई-भतीजावाद, दंगाइयों और अपराधियों" का गठबंधन है। जबकि दूसरी तरफ बीजेपी के पीडीए का अर्थ (प्रगति, विकास और सुशासन) है।
श्री अखिलेश यादव का “PDA” असल में परिवार डेवलपमेंट एजेंसी ही है—नाम तो गरीबों, पिछड़ों और दलितों का असल मकसद सिर्फ अपने परिवार का विस्तार करना है।असलियत में टिकटों की लिस्ट आयेगी तो बस चाचा-भतीजे और करीबी ही नजर आते हैं। सपा ने ग्राम सभा से लेकर लोकसभा तक परिवारवाद का झंडा…
— Keshav Prasad Maurya (@kpmaurya1) November 2, 2024
केशव प्रसाद मौर्य ने लिखा "श्री अखिलेश यादव का “PDA” असल में परिवार डेवलपमेंट एजेंसी ही है—नाम तो गरीबों, पिछड़ों और दलितों का असल मकसद सिर्फ अपने परिवार का विस्तार करना है। असलियत में टिकटों की लिस्ट आएगी तो बस चाचा-भतीजे और करीबी ही नजर आते हैं। सपा ने ग्राम सभा से लेकर लोकसभा तक परिवारवाद का झंडा इतिहास और वर्तमान दोनों है।"