अम्बेडकरनगर: यूपी के कुख्यात अपराधी खान मुबारक को मंगलवार को सुपुर्द ए खाक कर दिया गया. दोपहर के वक्त भारी सुरक्षा के बीच खान मुबारक का शव उसके गांव हरसम्हार पहुंचा. जहां रिश्तेदारों ने शव को दफन किया.
दरअसल माफिया खान मुबारक करीब तीन साल से हरदोई जेल में बंद था. बताया जाता है काफी दिनों से मुबारक की तबीयत ठीक नहीं चल रही थी और बीते दिन(सोमवार) को हरदोई के जिला अस्पताल में खान मुबारक की मौत हो गई. खान मुबारक का शव लेने देर रात रिश्तेदार हरदोई पहुंच गए थे. जहां से मंगलवार सुबह एंबुलेंस के जरिए शव को अंबेडकरनगर स्थित खान मुबारक के पैतृक गांव लाया गया. एहतियात के तौर पर गांव में भारी संख्या में पुलिस बल को तैनात कर दिया गया था और भारी सुरक्षा के बीच खान मुबारक के शव को रिश्तेदारों ने गांव के ही कब्रिस्तान में सुपुर्द ए खाक कर दिया गया. शव को सुपुर्द ए खाक करते समय खान मुबारक के गांव वाले शामिल नहीं हुए महज रिश्तेदार ही मौके पर मौजूद थे.
खान मुबारक पर 44 मामले थे दर्ज
जानकारी के मुताबिक, माफिया खान मुबारक पर यूपी के अलग अलग जिलों में 40 से ज्यादा आपराधिक मुकदमे दर्ज थे. खान मुबारक का भाई जफर सुपारी जेल में बंद है. बताया जाता है दोनों भाइयों की अंडरवर्ल्ड में दस्तक थी और यही वजह है कि खान मुबारक महज बहुत ही कम उम्र में जरायम की दुनिया का बेताज बादशाह बन गया था. हत्या, लूट और रंगदारी खान मुबारक का मुख्य पेशा था जिसको जब चाहा तब उसको टारगेट किया. मुबारक का खौफ इस कदर था कि मरने के बाद भी कोई कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है.
पढ़ाई के दौरान अपराध की दुनिया में रखा था कदम
प्रयागराज में पढ़ाई के दौरान खान मुबारक ने अपराध जगत में अपना कदम रखा और फिर वही से आतंक की सीढ़ी पर चढ़ता गया. एक के बाद एक ताबड़तोड़ कई वारदातों को अंजाम दिया. बताया जाता है जेल में बंद जफर सुपारी ने अपने भाई खान मुबारक की मुलाकात छोटा राजन से कराई थी और फिर वहीं से खान मुबारक ने छोटा राजन के लिए काम करना शुरू कर दिया था. जरायाम की दुनिया का बेताज बादशाह बनने की लालसा रखने वाले खान मुबारक के शौक भी काफी ऊंचे थे. कोट पैंट और टाई का शौकीन खान मुबारक लग्जरी शौक के साथ ही लग्जरी गाड़ियां और बेहतरीन असलहों का भी शौक रखता था. फिलहाल खान मुबारक की मौत के साथ उसके शौक भी मिट्टी में दफन हो गए और साथ ही यूपी के एक बड़े अपराधी का अंत भी हो गया.